चुनाव सम्पन्न होते ही जो टोल टैक्स बढोतरी अप्रैल 2024 में स्थगित की थी, अब 2 जून से लागू क्यों ? विद्रोही
हाईवे पर चलने वाले वाहनों का जो टोल टैक्स अप्रैल 2024 से 5 रूपये से 25 रूपये प्रति वाहन बढना था, उसे लोगों को ठगने के लिए चुनाव के समय स्थगित क्यों किया और 1 जून को चुनाव खत्म होते ही फिर से 2 जून को लागू क्यों किया? विद्रोही
मोदी-भाजपा सरकार का यह रवैया बताता है कि वह ऐसी ठग सरकार है जो परिस्थितियों के अनुसार गिरगिट की तरह रंग बदलती रहती है और आमजनों को लुटने का कोई भी मौका नही चूकती : विद्रोही
1 जून 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी-भाजपा सरकार कितनी ठग व लुटेरी है, एकबार फिर साबित हो गया जब उसने 1 जून को सातों चरणों के लोकसभा चुनाव सम्पन्न होते ही जो टोल टैक्स बढोतरी अप्रैल 2024 में स्थगित की थी, उसे अब 2 जून से लगाकार आमजनों पर एक और बौझ लाद दिया। विद्रोही ने सवाल किया कि हाईवे पर चलने वाले वाहनों का जो टोल टैक्स अप्रैल 2024 से 5 रूपये से 25 रूपये प्रति वाहन बढना था, उसे लोगों को ठगने के लिए चुनाव के समय स्थगित क्यों किया और 1 जून को चुनाव खत्म होते ही फिर से 2 जून को लागू क्यों किया? मोदी-भाजपा सरकार का यह रवैया बताता है कि वह ऐसी ठग सरकार है जो परिस्थितियों के अनुसार गिरगिट की तरह रंग बदलती रहती है और आमजनों को लुटने का कोई भी मौका नही चूकती है। चुनाव खत्म होते ही 2 जून को टोल टैक्स प्रति वाहन 5 से 25 रूपये प्रति फेरा बढाना एकबार फिर साबित करता है कि भाजपा कितनी बडी जनविरोधी, फासिस्ट सरकार है।
विद्रोही ने कहा कि जो सरकार चुनावों में वोट हडपने डीजल-पैट्रोल, टोल टैक्स भाव नही बढ़ाती, रसोई गैस दाम कम करती हो और फिर वही सरकार लोगों की वोट हडपते ही डीजल-पैट्रोल, टोल टैक्स, रसोई गैस जैसी वस्तुओं के दाम बढाने में एक क्षण भी नही लगाती हो, उस सरकार की सोच, नीति, नियत कैसी है, यह बताना भी बेमानी है। आमजन मोदी-भाजपा का असली फासिस्ट, जनविरोधी, लुटेरा, ठग चेहरा पहचान चुका है औरे रहा-सहा फासिस्ट चेहरा चुनाव परिणाम बाद सामने आ जायेगा। विद्रोही ने जनता से आहवान किया कि वे मोदी-भाजपा का पूंजीपतिप्रस्त, लूटेरा, ठग चेहरा पहचाने व कभी भी पूंजीपतियों की दलाल भाजपा-संघ को किसी भी हालत में किसी भी स्तर पर ताकतवर न होने दे। इसी में सभी की भलाई है। भारत का समान आर्थिक विकास सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक स्तर पर तभी मजबूत, सशक्त बन सकता है जब भारत की जनता भाजपा-संघ की पूर्णतया उपेक्षा करके उसे स्थायी रूप से पूंजीपतियों का दलाल मानकर उससे ऐसा व्यवहार करे जैसा पूंजीपतियों के दलालों से किया जाता है।