तथाकथित एग्जिट पोल तमाशों ने भाजपा नेताओं का अहंकार सातवें आसमान तक चढा दिया : विद्रोही

मतदाताओं का जनादेश ईवीएम में बंद हो चुका है और 4 जून को चुनाव परिणाम घोषित होने पर ही पता चलेगा कि जनादेश क्या है : विद्रोही

भाजपा नेता कांग्रेस पर तो असंगत आरोप जड़ ही रहे है, साथ में अधिकारियों, कर्मचारियों पर भी अपनी खीज मिटा रहे है : विद्रोही

2 जून 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद भी सत्ता अहंकारी भाजपा कांग्रेस पर जिस तरह के आरोप जड़ रही है, वह बताता है कि भाजपा न केवल अलोकतांत्रिक पार्टी है अपितु हर छोटे-बड़े नेता में फासिस्ट सोच कूट-कूटकर भरी हुई है। विद्रोही ने कहा कि तथाकथित एग्जिट पोल तमाशों ने भाजपा नेताओं का अहंकार सातवें आसमान तक चढा दिया है। भाजपा नेता यह न भूले गोदी मीडिया तो उनका स्थायी दास है, जिस गोदी मीडिया ने पूरे चुनाव प्रचार दौरान कांग्रेस-इंडिया गठबंधन के खिलाफ जहर परोसने, नकारात्मक खबरे दिखाने व दुष्प्रचार करना ही सबसे बडा पत्रकारिता धर्म समझा हो, ऐसा पूर्वाग्रहों से ग्रसित मीडिया इंडिया गठबंधन के पक्ष में सकारात्मक, निष्पक्ष-स्वतंत्र एग्जिट पोल करेगा, सोचना भी बेमानी है। मतदाताओं का जनादेश ईवीएम में बंद हो चुका है और 4 जून को चुनाव परिणाम घोषित होने पर ही पता चलेगा कि जनादेश क्या है। मतदाता का वास्तविक जनादेश आये बिना गोदी मीडिया के कथित एग्जिट पोल के नाम पर व्यर्थ की बकबक करना बेमानी है। 

विद्रोही ने कहा कि कौन जितेगा और कौन हारेगा, यह तो 4 जून को ही पता चलेगा, तब तक सभी रजनीतिक दलों से यह तो आम नागरिक आशा कर ही सकता है कि वे अपने विरोधियों के प्रति शालीन रहकर व्यवहार करे व सभ्य शब्दों का प्रयोग करे ताकि चुनाव प्रचार दौरान पैदा हुई कटुता कुछ तो कम हो सके। जब 4 जून को जनादेश आ ही रहा है तो दो दिन शांत रहकर जनादेश का इंतजार करने में भाजपा को क्या परेशानी है, यह समझ से परे है। भाजपा नेता कांग्रेस पर तो असंगत आरोप जड़ ही रहे है, साथ में अधिकारियों, कर्मचारियों पर भी अपनी खीज मिटा रहे है। विद्रोही ने कहा कि जब मतगणना से पूर्व भाजपा नेताओं की यह हालत है तब सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि वास्तविक चुनाव परिणाम आने पर क्या स्थिति होगी। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने हरियाणा के सभी नागरिकों से अपील की कि वे नेताओं के भड़काऊ बयानों से गुमराह होकर आपसी सामाजिक सदभाव व प्रेम न बिगडने दे और 4 जून को जो भी जनादेश आये, उसे शालिनता से स्वीकार करे।   

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