एक पूर्व मुख्यमंत्री किसी भी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी पर चुनाव अनियमितता के नाम पर परिणाम बाद किसी भी तरह की कार्रवाई करने का सार्वजनिक ऐलान नही कर सकता। ऐसी घोषणा कानून, संविधान के खिलाफ है : विद्रोही

हरियाणा में लोकसभा चुनावों में भाजपा के अनुसार कांग्रेस के पक्ष में बोगस वोटिंग हुई है तो उसकी शिकायत कहां है? 25 मई को मतदान के दिन से लेकर आज तक किसी भी भाजपा उम्मीदवार, पोलिंग एवं बूथ एजेंट ने कहीं भी ऐसी शिकायत दर्ज क्यों नही करवाई? विद्रोही

31 मई 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भारत में लोकतंव व संविधान पर कितना बड़ा खतरा मंडरा रहा है, यह एकबार फिर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता मनोहरलाल खट्टर द्वारा प्रैसवार्ता करके बोगस वोटिंग के नाम पर सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों को चुनाव परिणाम आने के बाद देख लेने की धमकी से साबित हो गया कि यदि भाजपा को सत्ता मिली तो देश में कानून, संविधान का राज चलने की बजाय भाजपा-संघ का फासिस्ट राज चलेगा।

विद्रोही ने सवाल किया कि यदि हरियाणा में लोकसभा चुनावों में भाजपा के अनुसार कांग्रेस के पक्ष में बोगस वोटिंग हुई है तो उसकी शिकायत कहां है? 25 मई को मतदान के दिन से लेकर आज तक किसी भी भाजपा उम्मीदवार, पोलिंग एवं बूथ एजेंट ने कहीं भी ऐसी शिकायत दर्ज क्यों नही करवाई? वहीं चुनावों में बोगस वोटिंग हुई है या नही, इसकी जांच का अधिकार भी चुनावा आयोग के पास है न कि भाजपा सरकार के पास। यदि किसी सकारी कर्मचारी व अधिकारी ने मतदान के समय नियमों की उल्लघंना करके किसी पार्टी विशेष के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करवाके अपनी पोजिशन का दुरूपयोग भी किया है तो ऐसे सरकारी कर्मचारी व अधिकारी पर कार्रवाई करने का अधिकार भी चुनाव आयोग के पास है न कि भाजपा सरकार के पास। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने सवाल किया कि पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा नेता मनोहरलाल खट्टर ने किस हैसियत से कथित बोगस वोटिंग करवाने के नाम पर सरकारी कर्मचारियों, अधिकरियों पर चुनाव परिणाम के बाद कार्रवाई करने की सार्वजनिक धमकी प्रैसवार्ता द्वारा देने का दुस्साहस किया है?

खट्टर का यह सार्वजनिक दुस्साहस बताता है कि भाजपा की लोकतंत्र, संविधान में जरा भी आस्था नही है। पहले तो एक पूर्व मुख्यमंत्री किसी भी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी पर चुनाव अनियमितता के नाम पर परिणाम बाद किसी भी तरह की कार्रवाई करने का सार्वजनिक ऐलान नही कर सकता। ऐसी घोषणा कानून, संविधान के खिलाफ है। वहीं किसी मामले में किसी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी पर कोई कार्रवाई करने का अधिकार वर्तमान मुख्यमंत्री को है न कि पूर्व मुख्यमंत्री को। सत्ता अहंकार में ऐसा ऐलान करके खटटर ने पूरे हरियाणा व देश को बताया है कि नायब सिंह सैनी कठपुतली मुख्यमंत्री है और हरियाणा के असल मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर है। पूरे चुनाव प्रचार में कांग्रेस-राहुल गांधी का यही आरोप था कि केन्द्र व भाजपा शासित राज्यों की सरकार कानून, संविधान की बजाय संघी नागपुरिया निर्देश पर चलती है जो लोकतंत्र व संविधान को कुचलने का कुप्रयास है। खट्टर जी ने जाने-अनजाने में साबित कर दिया कि कांग्रेस-राहुल गांधी के आरोप सत्य है और लोकतंत्र, संविधान पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।   

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