जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी की अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या आस्था के साथ भीषण गर्मी पर भारी पड़ रही है।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

करुक्षेत्र, 27 मई : तीर्थों की संगमस्थली धर्म नगरी कुरुक्षेत्र में विश्व शांति एवं सर्वजन कल्याण के लिए जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी की अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या आसमान से सूरज की उगलती आग और तपती धरती पर भी भारी पड़ रही है। अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या कर जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी के दर्शनों के लिए पांचवें दिन भी भारी श्रद्धालु जुटे। श्रद्धालुओं ने दर्शन करने के उपरांत विधिवत पूजा अर्चना भी की।

उल्लेखनीय है कि महंत राजेंद्र पुरी पिछले करीब दो दशक से भीषण गर्मी में हर वर्ष कठोर अग्नि तपस्या करते हैं। उन्होंने बताया कि चारों ओर जलते अग्नि कुंडों के बीच 45 डिग्री से अधिक तापमान में वे विश्व कल्याण एवं शांति के लिए ही कठोर अग्नि तपस्या करते हैं। ऐसे में इसे संतों की हठधर्मी कहें या धर्म की आस्था कि महंत राजेंद्र पुरी की अग्नि तपस्या में भीषण गर्मी व गर्म हवाएं भी कुछ नहीं बिगाड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके जीवन का लक्ष्य है कि सनातन की आवाज को जन जन तक पहुंचाना है। देशभर के सनातनियों को जुट करना है। इसके लिए उनका देश विदेश में निरंतर अभियान चल रहा है।

महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि विश्व शांति बनी रहे और मानव का कल्याण हो सके। हमारे सनातन धर्म में इसी तपस्या को काफी अहम तप माना गया है। उन्होंने बताया कि तप करने से इंसान को आत्म शान्ति प्राप्त होती है और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार होता है। साथ ही लोगों में देशभक्ति, समाज व मानव सेवा के भाव जागरूक होते हैं। इस अवसर पर विजय राठी, रवि रोहटी, वीरेंद्र सिंह, मनप्रीत सिंह, देशराज, गुलशन, जंग सिंह, दर्शन, डा. सुरेंद्र अवस्थी, विजेंद्र गोयल, सुंदर व दीपक इत्यादि भी मौजूद रहे।

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