बढ़ते तापमान के साथ-साथ बढ़ता जा रहा गांव में पानी का संकट

पिछले 10 दिन से पीने के पानी के लिए मची ग्रामीणों में भाग दौड़

जल घर के लिए 10 एकड़ जमीन देने वाले गांव में ही  पानी का संकट

फतह सिंह उजाला 

पटौदी । विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और राजनीतिक दल अपना अपना बहुमत जुटाना के लिए गांव गांव में कसरत कर रहे हैं । लेकिन बढ़ते तापमान के बीच देहात में पीने के पानी की समस्या के मामले भी अब सामने आने लगे हैं। इसी कड़ी में संडे को गांव मेहचाना के ग्रामीणों ने पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं होने पर जल घर पर ही ताला लटका दिया। जल घर पर ताला लटकने की सूचना से जलापूर्ति विभाग और स्थानीय प्रशासन में खलबली शुरू हो गई । ग्रामीणों ने साफ-साफ चेतावनी दी है कि जल्द ही गांव में पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप ले लेगा।

स्थानीय ग्रामीण पंचायत मेंबर्स ज्योति, मोहनलाल, दिनेश, संदीप, मोहित, परमवीर, सविता, राधा, ममता, मोनिका, जगदीश, कपिल शर्मा, सतीश, राजेंद्र, सोनिया, राजबाला, गीता, लक्ष्मी देवी, सुषमा और अन्य ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 2 महीने से महचान गांव के आधे आबादी क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। बहुत बड़ी आबादी वाले इलाके में कई कई दिनों तक पीने के पानी की आपूर्ति ही नहीं होती है । इस गांव ने जल घर बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को उपलब्ध करवाई । लेकिन जमीन देने वाला गांव ही जहां पर जल घर बना हुआ है वहां की आधी से ज्यादा आबादी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है। बहुत से क्षेत्र में पीने के पानी के पाइपलाइन भी नहीं बदले गए हैं।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया पीने के पानी की समस्या का स्थाई समाधान किया जाने के लिए जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि विधायक और सांसद से भी कई बार गुहार लगाई जा चुकी है। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा । सरकार दावा कर रही है हर घर तक जल, लेकिन गांव और ग्रामीणों के लिए यह योजना केवल मजाक बनी हुई है । गांव के मुख्य जल घर का बिजली कनेक्शन फरुखनगर से आपूर्ति हो रही बिजली लाइन से है । इस हालत में जब बिजली जल घर में होती है उसे समय गांव में नहीं और जब गांव में होती है उसे समय जल घर में नहीं। इस हालत में पानी की आपूर्ति संभव ही नहीं है।

ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा है जल्द से जल्द गांव में गांव महचाना के सभी वार्ड और गलियों में पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई, तो ग्रामीणों का यह आंदोलन शासन प्रशासन के लिए समस्या भी बन सकता है । गर्मी का मौसम को देखते हुए इंसान और जानवर दोनों ही पानी के संकट को लेकर परेशान हैं । अपनी जरूरत का पानी ट्रैक्टर में ड्रम इत्यादि रखकर ग्रामीणों के द्वारा खेतों में लगे ट्यूबवेल से लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। स्कूल में पढ़ने वाला छात्र वर्ग भी पानी उपलब्ध नहीं होने पर यहां वहां से पानी लेकर अपनी प्यास बुझाने के लिए मजबूर हो रहा है।

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