हमने भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं अभय चौटाला को जितवाने के लिए दिया है समर्थन : चढ़ूनी।

कुरूक्षेत्र लोकसभा में जो उम्मीदवार हैं उनमे एक तरफ दो बड़े पूंजीपति हैं और दूसरी तरफ किसानों की आवाज अभय चौटाला हैं : चढूनी।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पिहोवा : भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन ने अभय चौटाला को समर्थन उन्हें जितवाने के लिए किया है। भाजपा को मदद पहुंचाने के लिए नहीं। आज हमारे पास मौका है कि कांग्रेस- भाजपा के चक्कर से बाहर आकर अभय चौटाला जैसे किसान व किसानी को समझने वाले नेता को सांसद बनाना चाहिए। पिहोवा में जनसंपर्क अभियान में चढ़ूनी ने अभय के लिए वोट की अपील की। उन्होंने कहा कि आपके पास एक अवसर आ रहा है कि आप किसे चुनेंगे। आपके सामने जो उम्मीदवार हैं, वे दो बड़े पूंजीपति हैं और एक किसानों की आवाज अभय चौटाला है। एक भाजपा प्रत्याशी पर कोयला घोटाले का आरोप है। आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार भी देश का बड़ा पूंजीपति है। पूंजीपति हर काम पैसे के लिए करते हैं। कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार अभय चौटाला ही ऐसे हैं, जो किसान के बारे में जानते हैं। जिंदल व गुप्ता किसान के बारे कुछ नहीं जानते। इसीलिए आपको हरियाणा से देश में अपनी आवाज बुलंद करनी है। आप चाहते हो कि संसद में आपकी आवाज बुलंद हो तो आपको मेहनत करनी पड़ेगी। चढ़ूनी ने कहा कि लोग कहते हैं कि किसान यूनियन ने चौटाला को समर्थन भाजपा की मदद के लिए दिया है लेकिन मैं बता दूं कि हमने अभय चौटाला का समर्थन जीतने के लिए किया है।

यदि अभय चौटाला जीत जाते हैं तो भाजपा को फायदा कैसे होगा ? यदि लोग अभय के लिए वोट मांगते हैं और अभय को जितवाते हैं तो कैसे भाजपा की मदद होगी ? चढ़ूनी ने कहा कि सुशील गुप्ता किसान व किसानी को नहीं जानते। उन्होंने आज तक किसानों के लिए कुछ नहीं किया है। आप किसी को हराने या जितवाने के लिए नहीं बल्कि खुद जीतने के लिए वोट डालें। लोगों के पास जाएं, लोगों को अभय चौटाला को जितवाने के लिए तैयार करें। भाजपा-कांग्रेस के चक्कर से बाहर आएं। किसान आंदोलन में साथ देने, किसानों की आवाज उठाने के लिए अभय चौटाला का समर्थन किया है। यदि किसानों का प्रतिनिधित्व नहीं होगा तो आने वाले समय में न तो जमीन बचेगी और न ही किसान बचेगा। इसीलिए अपनी फसल बचानी है तो किसान नेता अभय चौटाला को जितवाएं। यदि अभय चौटाला जीतेंगे तो हरियाणा में भी इनेलो की सरकार बनेगी। पूरी तरह से सोच-समझ कर अभय चौटाला का समर्थन किया है। किसानों का फर्ज बनता है कि वे गांव दर गांव जाकर अभय चौटाला के लिए वोट मांगें। लोगों को मनाएं।

किसान को बचाना है तो मुझे वोट दें, दो व्यापारियों का व्यापार बढ़ाना है तो उन्हें वोट दें : अभय चौटाला।

पिहोवा : पिहोवा में अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा व आप के जो प्रत्याशी कुरुक्षेत्र सीट पर उनके सामने चुनाव लड़ रहे हैं तो उनका किसानों से कोई सरोकार नहीं है। ये वे लोग हैं, जिनके अपने प्राइवेट जहाज हैं। जिनके विदेशों में बड़े-बड़े कारखाने हैं। ये तो चुनाव इसीलिए लड़ते हैं कि सरकार में उनकी पैठ बनें। उनकी पैठ बन जाए तो सरकार में शामिल होकर अपने कारोबार को बढ़ाते हैं। अगर किसान की लड़ाई किसी ने लड़ी है और खेती किसी ने की है तो ताऊ देवीलाल ने की। ओमप्रकाश चौटाला ने गांव में रहने वाले लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने का प्रयास किया। मैंने भी किसान आंदोलन में अधिक से अधिक योगदान देने का प्रयास किया। कोरोना के समय में भी जब सरकार ने फसल खरीदने से मना किया तो वे मंडियों में किसानों के साथ खड़े थे। अगर फसल और नसल बचानी है तो दोनों पूंजीपतियों से बचना चाहिए। एक तरफ दो व्यापारी हैं, एक तरफ मैं हूं। अगर किसान को बचाना है तो मुझे वोट दे दो। अगर व्यापारियों की मदद करनी है तो उनको वोट दे दो। अभय चौटाला ने कहा कि आप खुद तो वोट दें ही, साथ में अपने सगे-संबंधियों को भी इनेलो को वोट के लिए राजी करें। सरकार ने 13 माह तक जब किसानों की नहीं सुनीं तो अब सरकार को बदलने का किसानों के पास अवसर है। वो एक ऐसी लड़ाई थी, जिसमें केवल भारत का किसान ही शामिल नहीं था, बल्कि दूनियाभर के किसान शामिल थे। दूसरे देशों में भी देश के किसानों के समर्थन में आंदोलन हुए। भारत की सरकार को दूसरे देशों के लोग कहते थे कि आप किसान के साथ गलत कर रहे हैं। इस आंदोलन में आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा। तब तक साढ़े सात सौ किसान शहीद हो चुके थे। अभय ने कहा कि अब इस सरकार से हर वर्ग दुखी है।

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