एडवोकेट हेमंत ने भारतीय चुनाव आयोग, सीईओ-हरियाणा और रिटर्निंग ऑफिसर,अम्बाला को लिखकर उठाया मामला 

चंडीगढ़ — 18वीं लोकसभा आम चुनाव-2024 के छठे चरण के लिए  हरियाणा राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों सहित विभिन्न प्रदेशों  में फैली कुल 58 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि बीते कल सोमवार  6 मई को समाप्त हो गयी एवं आज 7 मई  दाखिल किए गए सभी नामांकन पत्रों की जांच की जा रही है. इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा नाम वापिस  लेने की अंतिम तिथि गुरुवार  9 मई है. छठे चरण के लिए मतदान 25 मई को निर्धारित है.

इस बीच  पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट   के एक एडवोकेट हेमंत कुमार, जो हरियाणा प्रदेश  के   प्रामाणिक   निवासी हैं और साथ ही  अंबाला (एससी) संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने  वाले अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र के एक  रजिस्टर्ड  मतदाता हैं, ने आज 7 मई  को भारतीय  चुनाव आयोग (ई.सी.आई.), मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), हरियाणा और  साथ-साथ अंबाला के उपायुक्त (डीसी),  जो  अंबाला संसदीय (लोकसभा) सीट  के लिए चुनाव आयोग द्वारा  रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ) के तौर पर नामित हैं, को लिखकर  उनके संज्ञान में यह तथ्य लाया  है कि बंतो देवी कटारिया, जो हरियाणा  में 1- अंबाला (एससी) संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा चुनाव मैदान में उतारी गई आधिकारिक उम्मीदवार हैं, वर्तमान में श्री माता मनसा देवी श्राइन (पूजास्थल) बोर्ड (एस.एम.एम.डी.एस.बी.), पंचकूला में जुलाई, 2023 में हरियाणा सरकार द्वारा नामित (मनोनीत) गैर-सरकारी सदस्य  हैं एवं इस पद पर उनका कार्यकाल अगले वर्ष 7  मई 2025 तक है जैसा  कि हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा गत वर्ष  जुलाई 2023 में   प्रदेश के सरकारी गजट में प्रकाशित एक नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है.

हेमंत ने  बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 102(1) (ए) के अनुसार, कोई व्यक्ति संसद के किसी भी सदन का सदस्य चुने जाने और बने  रहने  के लिए अयोग्य होगा, यदि वह केंद्र (भारत) सरकार या किसी प्रदेश  की सरकार के अधीन कोई सरकारी पद ( लाभ का पद ) धारण करता है बशर्ते ऐसे किसी पद या पदों  को छोड़कर, जिसे देश की    संसद द्वारा कानून मार्फ़त लाभ के पद  के दायरे से छूट  प्रदान की गई हो.

हेमंत का कानूनी मत है कि चूंकि श्री माता मनसा देवी पूजास्थल बोर्ड का नाम  संसद द्वारा उपरोक्त आशय में बनाये गये  कानून अर्थात  संसद (अयोग्यता निवारण) अधिनियम, 1959 की धारा 3 में या  इस अधिनियम (कानून)  में संलग्न अनुसूची या तालिका (जैसा आज  तक संशोधित) के अंतर्गत  शामिल करके माता मनसा देवी बोर्ड के किसी पद पर आसीन व्यक्तियों को  किसी प्रकार से  लाभ के पद के दायरे से  छूट नहीं दी गयी है इसलिए माता मनसा देवी बोर्ड की गैर-सरकारी सदस्य रहते हुए बंतो कटारिया की अम्बाला लोकसभा सीट से उम्मीदवारी पर प्रश्न उठता है. 

एडवोकेट हेमंत ने  हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा प्रदेश  के शासकीय गजट  में प्रकाशित दिनांक 17 जुलाई 2023 की अधिसूचना की प्रति भी  संलग्न की है, जिसमें बंतो कटारिया को 7 मई 2025 तक के  लिए श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड, पंचकूला के गैर-सरकारी सदस्य के रूप में नामित किया गया है.  साथ ही संसद (अयोग्यता निवारण) अधिनियम, 1959- (आज तक संशोधित) की प्रति भी तत्पर संदर्भ के लिए संलग्न की गई है. एडवोकेट ने चुनाव आयोग से  इस मामले का तत्काल और त्वरित संज्ञान लेने और भारत के संविधान के अनुच्छेद 102(1)(ए) के अक्षरशः अनुपालन में उचित कार्रवाई करने का आह्वान किया है.

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