मोदी जी को पता होना चाहिए कि मंडल कमीशन की स्थापना उस जनता पार्टी की सरकार ने की थी जिसमें जनसंघ रूपी भाजपा भी सत्ता में शामिल थी : विद्रोही

मंडल कमीशन मेें चिन्हित जातियों का सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विभिन्न राज्यों के पिछडा आयोग ने मंडल कमीशन में 1978 में वर्णित मुस्लिम समाज की पिछडी जातियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आरक्षण दिया था : विद्रोही

5 मई 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि यदि मोदी, भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 में तीसरी बार जीते तो पिछडे, दलितों, आदिवासी वर्ग के आरक्षण पर आंच आनी तय है। विद्रोही ने कहा कि विगत दस सालों में इन वर्गो के आरक्षण पर पर्दे के पीछे से जिस तरह विभिन्न कारणों का बहाना बनाकर कैंची चलाई है, उसे इन वर्गो का हर पढा-लिखा व जागरूक व्यक्ति जानता है। यदि पिछडो, दलितों, आदिवासी वर्ग ने इस खतरे को समझकर वोट की चोट से मोदी-भाजपा को दिल्ली की सत्ता से बाहर नही किया तो संघ की विचारधारा के अनुसार आरक्षण पर आंच आना तय है। आरक्षण पर प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह चुनावी सभाओं में सरेआम झूठ बोलकर आरक्षण को हिन्दू-मुस्लिम से जोडकर साम्प्रदायिक धु्रवीकरण की राजनीति कर रहे है, वह आरक्षण को खत्म करने के लिए माहौल बनाने की पहली सीढी है। विद्रोही ने कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री मंडल कमीशन के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के संवैद्यानिक पीठ के 1992 में दिये निर्णय के आधार पर पिछडे वर्ग के आरक्षण पर झूठ बोलकर हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर भ्रम पैदा करके झूठ, बोलकर, अफवाह उडाकर देश को गुमराह करे तो सहज अनुमान लगा ले कि उनकी असलीे नियत क्या है? मोदी जी आरक्षण खत्म करने की आरएसएस की सोच को धार देने का काम कर रहे है ताकि उन्हे बहुमत मिला तो चोर दरवाजे से आरक्षण पर कैंची चलाई जा सके। झूठे मोदी को पता होना चाहिए कि मंडल कमीशन की स्थापना उस जनता पार्टी की सरकार ने की थी जिसमें जनसंघ रूपी भाजपा भी सत्ता में शामिल थी। 

विद्रोही ने बताया कि 1978 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिदेश्वरी प्रसाद मंडल की दी गई रिपोर्ट के आधार पर वीपी सिंह सरकार ने 7 अगस्त 1990 को मंडल आयोग की सिफारिशों अनुसार 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी को दिया था जिसका भाजपा ने न केवल विरोध किया था अपितु वीपी सिंह कीे जनता दल सरकार को गिराकर भाजपा ने मंडल के मुकाबले कमंडल आंदोलन शुरू करके आरक्षण का भारी विरोध करके देश को साम्प्रदायिक उन्माद, नफरत, बटवारे की राजनीति में धकेला था जिसका दुष्परिणाम देश व भारत का समाज आज तक भुगत रहा है। भाजपा-संघ समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट में मंडल कमीशन के आधार पर पिछडो के दिये 27 प्रतिशत आरक्षण के विरूद्ध याचिका दायर की थी और 1992 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछडे वर्ग के आरक्षण को वैद्य ठहराकर ओबीसी आरक्षण का रास्ता खोला जिसे 1993 में कांग्रेस सरकार ने देशभर में लागू किया था।

विद्रोही ने कहा कि मंडम कमीशन मेें चिन्हित जातियों का सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विभिन्न राज्यों के पिछडा आयोग ने मंडल कमीशन में 1978 में वर्णित मुस्लिम समाज की पिछडी जातियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आरक्षण दिया था। जिस पर सबकुछ जानते हुए भी वोट बैंक की औच्छी गंदी राजनीति के लिए 31 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री झूठ पर झूठ बोलकर, अफवाह फैलाकर मुस्लिमों को आरक्षण के नाम पर देश को ठगकर साम्प्रदायिक धु्रवीकरण की राजनीति द्वारा वोट हडपने का महापाप कर रहे है। ऐसा झूठा प्रधानमंत्री मोदी लोकतंत्र, संविधान, आरक्षण के लिए कितना बडा खतरा है, बताना भी बेमानी है। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने आग्रह किया कि झूठी, अफवाहबाज, ठग, भाजपा को वोट की चोट से करारा सबक सिखाकर कंाग्रेस-इंडिया गठबंधन को जिताने का काम करे ताकि उनके संवैद्यानिक अधिकार, लोकतंत्र और संविधान पर कोई खतरा पैदा ही न हो सके। 

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