बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। गुरिंदरजीत सिंह

हम सब अभिभावको के साथ है। मुकेश सिंगला

स्कूलों में शिक्षा का अधिकार सब को मिलना चाहिए। टिंकु जाटव

गुरुग्राम : सुनने में आता है कि बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए उन्हें बेहतरीन शिक्षा देनी चाहिए, लेकिन जब स्कूल ही बच्चों को शिक्षित करने से मना कर दे तो क्या करें। इन दिनों गुरुग्राम निवासी अपने कार्यालयों, दुकान, काम धंधे, दिहाड़ी सब छोड़कर स्कूलों और शिक्षा विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनके बच्चों का आरटीई के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन नहीं हो पा रहा है। अभिभावकों की मानें तो स्कूलों की मनमानी के सामने शिक्षा विभाग भी खुद को लाचार समझने लगा है। ज्यादातर स्कूलों ने छात्रों के दाखिले के लिए फॉर्म लेने से मना कर दिया है। जबकि कुछ स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने फॉर्म तो ले लिए हैं, लेकिन उनमें कमियां बताकर फाॅर्म रिजेक्ट कर दिए गए हैं। ऐसे में मजबूरन अभिभावकों को परेशान होकर स्कूल और शिक्षा विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर, समाजसेवी मुकेश सिंगला धनवापुर, समाजसेवी टिंकु जाटव अम्बेडकर नगर अभिभावक बीईईओ ऑफिस इक्कठे हुए। अभिभावको ने दाखिले में आ रही दिक्कतें बताई। अभिभावको की मानें तो वह कई दिनों से स्कूल और शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं। स्कूल कभी फॉर्म में कमी निकाल रहा है तो कभी दस्तावेज देने के बाद भी कोई न कोई बहाना बनाकर दूसरा दस्तावेज मांग रहा है। शिक्षा विभाग में शिकायत करने के बाद भी उन्हें समय पर समय दिया जा रहा है। ऐसे में वह आरटीई के तहत अपने बच्चों का एडमिशन स्कूल में कैसे कराएं।

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। गुरिंदरजीत सिंह ने अभिभावको की दिक्कतें सुन आज भी कई शिकायत पत्र लिख अभिभावको को जमा करने के लिए दिए।

मुकेश सिंगला ने कहा कि हम सब अभिभावको के साथ है। वे हर अभिभावक की मदद कर रहे है बच्चो को दाखिला दिलाने में। और आगे भी करते रहेंगे।

टिंकु जाटव ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा का अधिकार सब को मिलना चाहिए। आरटीई तहत दाखिला दिलाने में वे कई वर्षो से जरूरतमंद लोगों की सहायता करते रहे है। और आगे भी करते रहेंगे।

अभिभावकों ने बताया कि स्कूल ने उनके बच्चों के फॉर्म तक लेने बंद कर दिए हैं। कोई स्कूल प्रबंधन कहता है कि उनका मैनेजमेंट स्कूल में नहीं है, ऐसे में वह उनके आवेदन पर निर्णय नहीं ले सकते। वहीं, कुछ स्कूल प्रबंधन ने उन अभिभावकों को भी बच्चे का एडमिशन लेने से मना कर दिया जो स्कूल से चंद कदमों की दूरी पर ही रहते हैं।

गुस्साए लोग आज ब्लॉक एजुकेशन ऑफिस पहुंचे और स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जमकर गुब्बार निकाला। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी अपना पीछा छुड़ाने के लिए अभिभावकों को सोमवार को कार्यालय आने के लिए कह दिया। ऐसे में साफ जाहिर हो रहा है कि शिक्षा विभाग ही आरटीई के तहत छात्रों को निजी स्कूलों में भर्ती कराने के लिए कोई खास दिलचस्पी ही नहीं दिखा रहा है जिसके कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। लोगों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर समाजसेवी गुरिंदरजीत सिंह, समाजसेवी मुकेश सिंगला, समाजसेवी टिंकु जाटव के साथ अभिभावक रूचिका गुप्ता, जितेंद्र, अबनेश कुमार, सविता सैनी, मोहित डांगी, विजय कुमार, अमर, सुरेश, हंसराज, प्रदीप सिंह, ओम शंकर, शीतल सैनी, दुर्गा और अन्य मौजूद रहे।

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