*मोदीजी के फोटोयुक्त कोविड-19 वैक्सीन सर्टिफिकेट हर घर पहुंचे, केवल इसीलिए उत्पादन बढ़ाया ? माईकल सैनी (आप)

*फार्मासूटिकल क.एस्ट्राजेनेका को हुआ अपराधबोध मगर क्या अपना अपराध स्वीकारेंगे पीएम मोदी ? माईकल सैनी (आप)

*सीएम खट्टर ने जरूरी सुविधाओं के लिए वैक्सीन लगवाना अनिवार्य किया था और इंकार पर लठ मारे : माईकल सैनी (आप)

ज्यादतियों को करने वालों को सजा तो मिलनी ही चाहिए अन्यथा वह ईश्वर तो है ही न्याय करने वास्ते

गुरुग्राम 30 अप्रैल 2024 – इतिहास में कहीं भी उल्लेख नहीं किसी ऐसे प्रधानमंत्री का जिसने निजी प्रचार के लिए अपने ही देशवासियों के स्वास्थ्य से इतना बड़ा खिलवाड़ किया हो लेकिन मोदी है तो मुमकिन है’ नारे पर यकीं आ गया जब ब्रिटेन की दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके हाईकोर्ट में कबूला कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसैंटोपिनिया सिंड्रोम (टीटीएस) जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जिससे शरीर में खून के थक्के जमने(ब्लड क्लॉट)लगते हैं या प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती हैं जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक अथवा कार्डियक अरेस्ट की आशंकाएं बढ़ जाती हैं , अब सवाल है कि दवा निर्माता कंपनी को अपराधबोध हो चुका है तो क्या नैतिकता के आधार पर देशवासियों से अपने इस अक्षम्य कृत्य के लिए माफी माँगेंगे ?

आम आदमी पार्टी नेता माईकल सैनी ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फ़ोटो थी तो क्या उपरोक्त जानकारी सामने आने उपरांत इस फोटो जनिक को देश के संविधान के तहत कोई सजा तो मिलनी चाहिए चूँकि 140 करोड़ भारतीयों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया गया है वह भी महज अपना फोटो हर घर तक पहुंचाने के लिए, कितनी ही जिंदगीयों को लील लिया इस दवा नामक विष ने सोच से भी परे की बात है !

माईकल सैनी ने कहा कि पूरे देश में वैक्सीन की अनिवार्यता तो कर दी गई मगर उपलब्धता सुलभ व शीघ्र हो सके इसकी वजह से उत्पादन बढ़ाने में ततपरता अवश्य दिखाई गई परन्तु उसकी गुणवत्ता व दुष्प्रभावों को लेकर कोई परीक्षण करना जरूरी नहीं समझा गया और जैसे जैसे वैक्सीन की खेप आती रही लोगों को ठोकी जाती रही मगर वो वैक्सीन की खेप भी कालाबाजारी से बच जाती थी तभी पहुंच पाती थी, हालात ऐसे बना दिए गए थे कि लोग कई गुना अधिक कीमत चुकाकर भी वैक्सीन रूपी जहर लगवा रहे थे अपनी जिंदगियां बचाने के लिए और ताज्जुब मत मानिएगा उस आपातकाल में उन दवा कंपनियों का मुनाफा जानकर जिसे आप ऐसे समझने का प्रयास करें कि उन दवा कंपनियों ने सैंकड़ो करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉरल बॉन्ड खरीदे एकमात्र राष्ट्रवादी राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी के लिए !

माईकल सैनी ने कहा कि कोरोनाकाल में डबल इंजन सरकार के दूसरे इंजन अर्थात हरियाणा प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को समझ ही नहीं आ रहा था कि वह करें तो क्या, जैसा आदेश दिल्ली से आता उसकी अनुपालना में लग जाते थे, कई मर्तबा उससे भी आगे निकलते हुए नियम कायदे तय कर देते थे मगर शाम होते होते उन्हें वापस लेकर संत कबीर कुटीर में छिप जाते थे, वैक्सीन लगाने के लिए तो उन्होंने प्रतिबंधों की झड़ी लगा दी, डंडे भी खूब बजाए, यहां तक कि मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी पहले मोदी फोटोयुक्त वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाओ अन्यथा पेंशन, राशन बंद , इससे भी कहीं अधिक ज्यादतियों को करने वालों को सजा तो मिलनी ही चाहिए अन्यथा वह ईश्वर तो है ही न्याय करने वास्ते ।

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