भाजपा सरकार के किसानों का गेंहू व सरसों सूचारू रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के सभी दावे अहीरवाल क्षेत्र में पूर्णतय असफल साबित हुए है : विद्रोही

भाजपा सरकार किसानों को सरसों व गेंहू न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के नाम पर अहीरवाल की मंडियों में परेशान करने, लूटने का कोई भी मौका नही चूक रही है : विद्रोही

25 अप्रैल 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के किसानों का गेंहू व सरसों सूचारू रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के सभी दावे अहीरवाल क्षेत्र में पूर्णतय असफल साबित हुए है। विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल क्षेत्र की सभी मंडिया सरसों व गेंहू से अटी पडी है। किसानों से खरीदा गेंहू व सरसों खुले आसमान के नीचे पडा है, मंडियों में तिल भर भी जगह नही है। उठान प्रक्रिया बेहद धीमी है जिसके चलते एमएसपी पर सरसों व गेंहू की सरकारी खरीद भी बहुत धीमी चल रही है। किसानों को अपनी फसल बेचने में तिगुना समय लगता है।

मंडियों में पानीे, शौचालय, छाया, भोजन के समुचित प्रबंध नही होने से किसानों को कितनी बडी परेशानी का सामना इस भयंकर गर्मी में करना पड़ रहा है, इसका एहसास न तो सत्तारूढ भाजपा नेताओं को है और न ही सरकारी प्रशासन को है। भाजपा सरकार के मंत्री-संतरी, प्रशासन मंडियों में गेंहू व सरसों फसल खरीदने के संदर्भ में हर रोज लम्बे-चौडेे दावे तो करते है, पर उनके दावों का जमीनी हकीकत से कोई मेल नही है।

विद्रोही ने कहा कि यही स्थिति खरीदी गई फसल के भुगतान की है। सरकार दावा करती है कि खरीदी फसल का 72 घंटे में भुगतान कर दिया जायेगा, लेकिन किसानों को अपनी फसलों को बेचने में 15 दिन बाद भी भुगतान नही हो रहा। फसल खरीद की हालत यह है कि न तो किसान का गेंहू, सरसों समय पर खरीदी जा रही है और न ही उन्हे सरकार के दावे अनुसार बेची फसलों का पेमेंट मिल रही है तथा न ही सरकारी दावों अनुसार खरीदी फसल का उठान हो रहा है और न ही मंडियों में सरकार के दावों अनुसार किसानों को जनसुविधाएं मिल रही है।

विद्रोही ने कहा कि रेवाडी जिले की कोसली मंडी में तो किसान की एक क्विंटल गेंहू, सरसों फसल में एक किलो की तोल में कटौती झरने व सफाई के नाम पर की जा रही है। एक क्विंटल सरसों, गेंहू की जगह किसान से 101 किलोग्राम गेंहू व सरसों ली जा रही है जो खुली लूट व भ्रष्टाचार है। कटु सत्य यह है कि किसान विरोधी भाजपा सरकार किसानों को सरसों व गेंहू न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के नाम पर अहीरवाल की मंडियों में परेशान करने, लूटने का कोई भी मौका नही चूक रही है।   

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