लोकसभा आम चुनाव के लिए ऐसे 18 अधिकारी पदांकित किये गए हैं ए.आर.ओ. चंडीगढ़ – हरियाणा के 10 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों अर्थात लोकसभा सीटों के संबंध में लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 22 (1) के अंतर्गत भारतीय चुनाव आयोग द्वारा बीते फरवरी माह में प्रकाशित एक गजट नोटिफिकेशन मार्फ़त कुल पदांकित 90 में से 18 असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (ए.आर.ओ.) की योग्यता पर सवाल खड़ा हो गया है. ऐसे डेढ़ दर्जन ए.आर.ओ. वास्तव में हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) अर्थात एच.सी.एस. (ईबी) कैडर के 2020 बैच के अधिकारी हैं एवं वर्तमान में वह प्रदेश के विभिन्न जिलों में पड़ने वाले उप मंडलों में बतौर उप-मंडल अधिकारी (नागरिक) अर्थात एस.डी.ओ. (सिविल), जिन्हें आम लोग उपमंडलाधीश अर्थात एस.डी.एम. कहते हैं, के तौर पर तैनात है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और चुनावी मामलों के जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788) ने गत 10 अप्रैल को भारतीय चुनाव आयोग, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) हरियाणा, राज्य के मुख्य सचिव और प्रदेश के 10 उपायुक्तों (डीसी) जो दस लोकसभा सीटों के पदांकित रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) हैं को ईमेल मार्फ़त अभिवेदन भेजकर लिखा है कि अक्टूबर, 2020 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव द्वारा एचसीएस कैडर संख्या निर्धारण आदेश, जो मोजूदा तौर पर भी लागू है, में स्पष्ट तौर एस.डी.ओ. (सिविल) अर्थात एस.डी.एम. के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड अर्थात 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की एच.सी.एस. सेवा वाले अधिकारियों के लिए दर्शाया गया है. हेमंत ने बताया किआज की तारीख में कुल 21 एचसीएस अधिकारी जो 2020 बैच के हैं हरियाणा के विभिन्न उपमंडलों में बतौर एसडीओ (सी)/एसडीएम तैनात हैं. हिसार जिले के हांसी उपमंडल में मोहित कुमार, दर्शन यादव (मानेसर), हरबीर सिंह (भिवानी), ज्योति (इसराना), अमित कुमार- द्वितीय (सोनीपत), मयंक भारद्वाज (नांगल चौधरी), जय प्रकाश (रादौर), रवींद्र मलिक (बेरी) ), प्रतीक हुड्डा (टोहाना), पुलकित मल्होत्रा (शाहाबाद ), अमित मान (बड़खल), अभय सिंह जांगड़ा (डबवाली), अमित (समालखा), अमित कुमार- तृतीय (लोहारू), अजय सिंह (जुलाना), राजेश कुमार सोनी (घरौंडा) ), अमन कुमार (पेहोवा), गौरव चौहान (पंचकूला), नसीब कुमार (लाडवा), गुलज़ार मलिक (उचाना कलां) और देवेन्द्र शर्मा (बिलासपुर) हैं. इनमें से 18 अर्थात 3 उप-मंडलों- मानेसर, जुलाना और नांगल चौधरी में तैनात उक्त अधिकारियों को छोड़कर शेष सभी को इसी वर्ष फरवरी में उनके पद अर्थात उनके एसडीओ (सी) तैनात होने के फलस्वरूप भारतीय चुनाव आयोग द्वारा सम्बंधित लोकसभा सीट के ए.आर.ओ.के तौर पर पदांकित किया गया. हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रदेश में आईएएस और एचसीएस-ईबी अधिकारियों की तैनाती-तबादले करने की शक्ति राज्य सरकार (मुख्यमंत्री ) में निहित होती है एवं ऐसा करना उनका विवेकाधिकार है परन्तु ऐसा करते समय प्रशासनिक सिद्धांतों की अनुपालना आवश्यक है ताकि तैनाती-तबादलों पर किसी प्रकार का कोई प्रश्न उत्पन्न न हो. अगर एचसीएस कैडर निर्धारण आदेश, 2020 में स्पष्ट तौर पर न्यूनतम पांच वर्ष की एचसीएस सेवा वाले अधिकारी को ही एसडीओ (सी)/एसडीएम पद के लिए योग्य माना गया है, तो इसकी सख्त अनुपालना की जानी चाहिए और विशेष तौर पर तब लोकसभा आम चुनाव के दृष्टिगत प्रदेश के उप-मंडलों में तैनात ऐसे एचसीएस अधिकारियों को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा ए.आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया गया हो. हेमंत ने इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग से तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान करते हुए हरियाणा सरकार को निर्देश देकर उपयुक्त कार्रवाई के लिए लिखा है ताकि एच.सी.एस. कैडर में न्यूनतम पांच साल की सेवा वाले अधिकारियों की ही प्रदेश के सभी उपमंडलों में एसडीओ (सी)/एसडीएम के पद पर तैनाती सुनिश्चित की जा सके जो इस पद के फलस्वरूप आगामी लोकसभा आम चुनाव में सम्बंधित लोकसभा सीट में पदांकित ए.आर.ओ.के तौर अपनी चुनावी ड्यूटी निभा सकें. Post navigation भाजपा सरकार ने सबका साथ, सबका विश्वास की नीति पर काम कियाः मनोहर लाल कनीना स्कूल बस हादसे में मौत का सौदागर कौन? सरकार जिला प्रशासन अथवा स्कूल प्रबंधन ?