गुस्ताखी माफ़ हरियाणा – पवन कुमार बंसल हरियाणा पुलिस में चिट्ठी युद्ध चल रहा है। सांसद सुनीता दुग्गल भी इस लड़ाई में शामिल हो गई हैं। वाई.पूरन कुमार आईजी दूरसंचार द्वारा अनुराग अग्रवाल को मुख्य चुनाव अधिकारी हरियाणा को लिखे गए शिकायती पत्र का संज्ञान लेते हुए राजेश दुग्गल संयुक्त पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम, जो सुनीता दुग्गल के पति हैं, को डीआईजी मुख्यालय के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया है। पूरन कुमार की शिकायत में कहा गया है कि “यह रिकॉर्ड में है कि राजेश दुग्गल पिछले कुछ समय में गुरुग्राम में विभिन्न पदों पर तैनात रहे हैं और यह भी तथ्य है कि दुग्गल और उनका परिवार पिछले कुछ वर्षों से गुरुग्राम के सेक्टर 23 के एचएन 41-पी में रह रहे हैं। सुनीता दुग्गल ने अनुराग अग्रवाल को लिखा है कि “वाई.पूरन कुमार आगामी लोकसभा चुनावों की आड़ में हरियाणा के आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग में हेरफेर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने पदनाम, अपने कार्यालय के डिस्पैच नंबर का उपयोग करके हरियाणा पुलिस के कार्यालय का दुरुपयोग कर रहे हैं और पोस्टिंग में हेरफेर करने के लिए झूठी, निराधार और मनगढ़ंत शिकायतें कर रहे हैं। उन्होंने न केवल अपने नाम, पदनाम का उल्लेख किया है, बल्कि अपने कार्यालय की डायरी और डिस्पैच नंबर भी दिया है, और यह छिपाने की कोशिश की जा रही है कि यह डीजीपी हरियाणा के कार्यालय से स्वीकृत पत्र है। राजेश दुग्गल की गुरुग्राम में पोस्टिंग के बारे में पूरन कुमार के आरोपों के संबंध में सुनीता दुग्गल ने सीईओ हरियाणा को लिखा है ‘‘राजेश दुग्गल को जून 2014 में गुरुग्राम में पोस्ट किया गया था और उसके बाद वे वर्ष 2019 को छोड़कर कभी गुरुग्राम में पोस्ट नहीं रहे जब वे स्पेशल टास्क फोर्स, गुरुग्राम में तैनात रहे जो कि पब्लिक डीलिंग का पद नहीं था। पिछले तीन वर्षों से अधिक की अवधि के दौरान वे डीसीपी बल्लभगढ़ जो कि फरीदाबाद में है, एसपी पलवल, एसपी झज्जर, एसपी कुरुक्षेत्र और डीसीपी मुख्यालय आदि के रूप में तैनात रहे हैं। यह चौंकाने वाला है कि पूरन कुमार ने गुरुग्राम में राजेश दुग्गल की पोस्टिंग के बारे में झूठ बोला जो दर्शाता है कि वह दुर्भावनापूर्ण इरादों वाले एक शरारती व्यक्ति हैं और अपने निहित स्वार्थों के लिए चुनाव आयोग को गुमराह कर रहे हैं। सुनीता दुग्गल लिखती हैं कि उन्हें तत्कालीन एसीएस गृह राजीव अरोड़ा द्वारा पहले भी इस तरह से संचार को सामने लाने से बचने के निर्देश दिए गए थे जब उन्होंने तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव के खिलाफ आरोप लगाया था lपूर्ण कुमार ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को कई पत्र लिखे हैं, जिनमें सिबाश कविराज को सीपी पंचकूला और सतीश बालन को सीपी झज्जर का अतिरिक्त प्रभार, सुमित कुमार को हिसार निर्वाचन क्षेत्र में एसपी जींद के रूप में तीन साल से अधिक समय तक जारी रखने और सतीश बालन सहित विभिन्न आईपीएस अधिकारियों के भोंडसी गुरुग्राम में तीन साल से अधिक समय तक बने रहने की जांच करना शामिल है। उपरोक्त मामले तो केवल एक छोटी सी बात है और अतीत में कई आईपीएस अधिकारियों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत की है। Post navigation गुरूग्राम के एसडीएम रविंद्र कुमार ने एससी एवं एसटी एक्ट के तहत दर्ज केसों में पीड़ितों को दी गई आर्थिक सहायता की समीक्षा की राव सुखबिन्द्र सिंह ने तीसरे दिन आज़ाद चौक से किला रोड तिराहे तक किया डोर टू डोर जनसंपर्क