शिक्षा विभाग की लापरवाहियों का नतीजा भुगत रहें निजी स्कूल संचालक

स्कूल बंद करने के लिए अलग अलग जिलों में नोटिस जारी किए 

हरियाणा प्रदेश में दो कैटेगरी के हैं प्राइवेट अथवा  निजी स्कूल 

पहली कैटेगरी टेंपररी/परमीशन/एक्सिस्टिंग स्कूल है शामिल 

इस कैटेगरी के हरियाणा प्रदेश में स्कूल 2003 के पहले से चल रहें

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम / पटौदी 29 मार्च । 1 अप्रैल की तिथि नजदीक आते आते जहां शिक्षा विभाग के लिए हरियाणा हाई कोर्ट के प्राइवेट स्कूलों के संबंध में दिए गए आदेश की पालन किया जाना चुनौती बना हुआ दिखाई देने लगा है वहीं प्राइवेट अथवा निजी स्कूल संचालकों और मालिकों के द्वारा अपने-अपने तर्क लेकर मोर्चा खोल दिया गया है इसी संदर्भ में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के द्वारा पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया गया है

पटोदी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से एडवोकेट दिनेश जोशी के द्वारा खुलासा किया गया है कि हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 28 मार्च 2023 को एक पत्र जारी किया गया। जिसमे यह शर्त रखी गई कि जो स्कूल संचालक 31 मार्च 2023 के पहले बांड राशी भरेंगे, उनको अपनी स्थाई मान्यता के लिए भूमि और भवन संबंधी शर्तों को पूरा करने के लिए दो वर्ष का समय दिया जायेगा। हरियाणा सरकार अथवा शिक्षा विभाग की इस शर्त के मुताबिक यह दो वर्ष की समय सीमा मार्च 2025 में पूरा होगी। आरोप लगाया गया है कि परंतु सरकार खुद अपने ही पत्र से पीछे हटते हुए मार्च 2024 मे ही इनको बंद करने की नोटिस जारी कर रही है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से बताया गया दूसरी कैटेगरी ऐसे विद्यालयों की है जो अनाधिकृत है और पांचवीं और आठवीं तक के विद्यालय है। यह सभी विद्यालय शिक्षा का अधिकार के नियम 2011 के पहले से चल रहें और पांचवीं और आठवीं तक की मान्यता आरटीई  कानून के तहत लेना चाहते है। परंतु सरकार इनको 2003 नियमावली के तहत मान्यता लेने के लिए बाध्य कर रही है। जिससे इन सभी स्कूलों  को मान्यता लेने मे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन स्कूलों की सरकार से मांग है कि हमें आरटीई के कानून के तहत मान्यता प्रदान की जाए। बताया गया है कि बहुत से स्कूल संचालकों अथवा मालिकों के द्वारा मान्यता के लिए अपनी-अपनी फाइलें चंडीगढ़ में शिक्षा निदेशालय में या संबंधित विभाग में जमा करवाई गई है । लेकिन अधिकारी एक ही जवाब देते हैं कि चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त हैं और चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही स्कूल संचालक को अथवा मालिकों के आवेदन पर विचार किया जा सकेगा। इस प्रकार के आवेदन बीते काफी दिनों से मंजूरी के लिए जमा करवाए गए हैं।

इसी कड़ी में बताया गया है कि आगामी 5 अप्रैल को हरियाणा के सीएम नायब सैनी के पटौदी आगमन पर प्राइवेट अथवा निजी स्कूल संचालकों का एक प्रतिनिधि मंडल अपनी मांगों को लेकर मिलेगा । प्रदेश में पैदा हो गई इस गंभीर समस्या की तरफ उनका ध्यान दिलवाते हुए राहत देने की मांग की जाएगी । इतना ही नहीं हरियाणा सरकार और हरियाणा शिक्षा विभाग का ध्यान सरकारी स्कूलों की तरफ दिलाते हुए कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में ही विभिन्न प्रकार की खामियों सहित शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं । हरियाणा सरकार को जल्द से जल्द सरकारी स्कूलों में बनी हुई कमी और रिट पड़े शिक्षकों के पदों को भरा जाना चाहिए। जिससे कि देश का भविष्य छात्र वर्ग अपनी पढ़ाई सही प्रकार से कर सके । यदि सरकार इन मांगों से सहमत नही होती है तो निजी स्कूल संचालक सरकार की इस तानाशाही के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना के लिए मजबूर हो जाएंगे।

एक मौका तो मिलना ही चाहिए

आगामी 1 अप्रैल से बिना मान्यता प्राप्त प्ले स्कूल और विभिन्न स्कूलों को बंद किए जाने के कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश के संदर्भ में शिक्षा विभाग के ही एक अधिकारी का कहना है कि  मान्यता प्राप्त करने के लिए समय मिलना ही चाहिए। यह जवाब एक 1 अप्रैल से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर ताला बंदी किए जाने के जवाब में दिया। 30 मार्च शनिवार तक स्कूल संचालकों अथवा मालिकों को अपना अपना जवाब देने के लिए समय दिया गया है । इस प्रकार से जो भी कुछ जवाब मिलेगा उसके मुताबिक ही नियमानुसार जो कुछ भी उचित होगा वही कार्रवाई की जाएगी।

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