गेहूं की फसल को ओलावृष्टि के कारण सबसे अधिक नुकसान

शुक्रवार शाम को अचानक बगुला मौसम हवा के साथ गिरे ओले

अनेक गांव में धरती हुई सफेद और खड़ी फसल हो गई चित

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम / पटौदी 29 मार्च । दोनों फसल तैयार है चुनावी माहौल को देखते हुए एक फसल वोट की और दूसरी फसल किसान के द्वारा खेतों में उपजाई गई मौसम कैसा भी हो वोट की फसल पर इतना प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता जितना की मौसम बिगड़ने पर किसान के द्वारा खून पसीने से अपने खेत में उपजाई गई फसल पर पड़ता है शुक्रवार शाम को अचानक मौसम ने करवट ली तेज हवा चली और तेज हवा के साथ ही बरसात से अधिक आसमान से खेतों में खड़ी फसल पर आफत के ओले गिरे आफत के ओले गिरने के साथ ही खेतों में खड़ी हुई फसले जमीन पर ही लेट गई

ग्रामीण अंचल और किसानों से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम को अचानक से मौसम बदल गया बीते कई दिनों से जन मानस के बीच में गर्मी भी अधिक महसूस की जा रही थी इसी गर्मी को देखते हुए इस बात की आशंका जाहिर की जाती रही की बरसात हो सकती है लेकिन शुक्रवार को ही मौसम विभाग के द्वारा कई जिलों में बरसात तथा ओलावृष्टि होने की भविष्यवाणी की गई और यह भविष्यवाणी सही भी साबित हुई किसानों के मुताबिक अभी सरसो की फसल मंडियों में लाकर बेचने के लिए रात दिन मेहनत कर रहे हैं बहुत से गांव में अभी भी  कटाई के बाद सरसो नहीं निकाली गई है दूसरी तरफ सरकार के द्वारा कहां गया है कि 1 अप्रैल से गेहूं की फसल की सरकारी खरीद की जाएगी लेकिन अभी अधिकांश ग्रामीण अंचल मैं गेंहू और जो की फसल खेतों में ही खड़ी हुई है गेहूं की फसल सही प्रकार से तैयार हो और इसमें दाने सही बने इसके लिए अभी किसानों के द्वारा लावणी किया जाने से पहले पानी भी दिया जा रहा है जिस प्रकार से शुक्रवार शाम को तेज हवा चली और ताबड़तोड़ आसमान से आफत के ओले गिरे  ओले के कारण बहुत से गांव में जमीन दूर-दूर तक सफेद हो गई वहीं खेतों में मजबूती के साथ खड़ी हुई सोने के जैसी चमक रही गेहूं की फसल मोटे मोटे गिरे ओले की मार से जमीन पर लेट गई सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार शाम को गुरुग्राम ही नहीं साथ लगते जिलों में भी आसमान से आफत के ऑल की बरसात हुई ओले गिरने के कारण बर्बाद हुई फसल को देखते हुए किसानों में अपनी अपनी उपज को लेकर गंभीर चिंता बन गई है

शुक्रवार शाम को हुई बरसात और ओलावृष्टि के कारण  नष्ट हुई फसल को देखते हुए कांग्रेस नेत्री एवं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट श्रीमती पर्ल चौधरी द्वारा जल्द से जल्द विशेष गिरदावरी करवाने की सरकार से मांग की गई है । उन्होंने कहा चुनाव आचार संहिता को देखते हुए यदि सरकार के समक्ष किसी भी प्रकार की परेशानी बनती है, तो चुनाव आयोग से विशेष परमिशन लेकर फसलों के नुकसान की गिरदावरी करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा बरसात और ओलावृष्टि यह प्राकृतिक आपदा है। वही किसान के वर्ष भर की मेहनत के बाद ही फसल तैयार होकर मंडी में  बेचने के लिए आई जाती है। किसानों को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान नहीं हो, इस बात को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए। इसी कड़ी में पाटोदी पंचायत समिति के पूर्व वाइस चेयरमैन सुनील यादव का कहना है कि शुक्रवार को ओलावृष्टि के कारण फसलों के नुकसान का प्रति एकड़ कम से कम 50000 मुआवजा पीड़ित अथवा प्रभावित किसानों को भुगतान किया जाए । उन्होंने कहा किसानी सहित किसान हित सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिए। आज के समय में किसानी करना अपने आप में एक चुनौती और जोखिमपूर्ण कार्य बना हुआ है।

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