उधार के प्रत्याशियों को लेकर चुनाव में भाजपा, 6 प्रत्याशी आयातित, तीन संघ पृष्ठभूमि के एक भाजपा परिवार से हरियाणा में भाजपा के सभी लोकसभा उम्मीदवार घोषित ………… 6 नए चेहरे चार मौजूदा सांसद रिपीट भाजपा ने तीन विधायकों को लोकसभा की टिकट दी, खट्टर पहले ही इस्तीफा दे चुके, अगर यह जीते तो चार विधानसभा सीटे होगी खाली अशोक कुमार कौशिक देश में भ्रष्टाचार को दूर करने का दावा करने वाली भाजपा के पास आजकल प्रत्याशियों का इतना टोटा पड़ा हुआ है कि वह आयतित प्रत्याशियों के सहारे चुनाव मैदान में उतरी है। वाह जी वाह विश्व गुरु, कहां चला गया देश के प्रधानमंत्री का 56 इंच का सीना। हरियाणा में लोकसभा प्रत्याशियों की सूची में राव इंद्रजीत सिंह, चौधरी धर्मवीर सिंह, अरविंद शर्मा, अशोक तंवर, चौधरी रणजीत सिंह चौटाला व नवीन जिंदल सभी अतीत से कांग्रेस पृष्ठभूमि से हैं। मनोहर लाल खट्टर, मोहनलाल बडोली, कृष्णपाल गुर्जर व बंतो कटारिया ही संघ व भाजपा पृष्ठभूमि से है। भाजपा ने रविवार रात हरियाणा की बची हुई चार लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए डॉ अरविंद शर्मा रोहतक नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र और हिसार से कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला को टिकट दिया गया है। सोनीपत से मौजूदा सांसद रमेश चंद्र कौशिक की टिकट काटकर मोहनलाल बडोली को उम्मीदवार बनाया गया है। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाए गए नवीन जिंदल ने रविवार शाम को ही नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। उधर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री और निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला रविवार को सिरसा में थे। बीजेपी हाई कमान का फोन आने के बाद वह आनन-फानन में सिरसा बीजेपी ऑफिस पहुंचे। यहां अशोक तवर ने पटका पहनाकर उन्हें पार्टी में शामिल किया। रणजीत चौटाला को भाजपा में शामिल करवाने का फैसला इतनी जल्दबाजी में लिया गया कि उनका स्वागत करने के लिए सिरसा में पार्टी का कोई बड़ा नेता और स्थानीय नेता मौजूद नहीं था। नतीजा लगभग 2 महीने पहले ही आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अशोक तंवर ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई। भाजपा अशोक तंवर को सिरसा से लोकसभा उम्मीदवार बन चुकी है। इससे पहले 13 मार्च को भाजपा ने हरियाणा की छह लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था। हरियाणा में मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाए गए मनोहर लाल खट्टर को करनाल से टिकट दिया गया। खट्टर के लिए भाजपा ने करनाल के मौजूदा सांसद संजय भाटिया की टिकट काट दी। सिरसा की संसद सुनीता दुग्गल की टिकट काटकर उनकी जगह आम आदमी पार्टी से आए अशोक तंवर को प्रत्याशी बनाया गया। अंबाला से पूर्व सांसद रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को चुनाव मैदान में उतरा गया। यह सीट कटारिया के निधन के बाद तकरीबन 1 साल पहले खाली पड़ी थी। भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से मौजूदा सांसद चौधरी धर्मवीर को ही तीसरी बार टिकट दी गई। यहां से पिछले दो चुनाव में वही जीते थे। वर्ष 2014 में धर्मवीर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। ये विधायक होने के बाद लड़ रहे हैं चुनाव हरियाणा में भाजपा जजपा गठबंधन टूटने के बाद शुरू हुई उथल-पुथल अभी थमी नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल विधानसभा से इस्तीफा देकर करनाल लोकसभा सीट से चुनाव दंगल में कूद गए । चुनाव आयोग करनाल से पहले ही उपचुनाव का ऐलान कर चुका है। इसके अलावा भाजपा के दो विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारा है। कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला को हिसार से टिकट दी गई है। टिकट मिलने के कुछ देर पहले ही उन्होंने सिरसा भाजपा कार्यालय में पार्टी की सदस्यता को ग्रहण किया। रणजीत चौटाला को भी अब रनिया से इस्तीफा देना होगा। नहीं तो दल बदल से सदस्यता चली जाएगी। सोनीपत सीट से राई के विधायक मोहनलाल बडोली को टिकट दी गई है। बड़ोली चुनाव में जीत जाते हैं तो राई की सीट खाली हो जाएगी। वहीं कुरुक्षेत्र से इनलो के टिकट पर अभय सिंह चौटाला ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में अगर यह विधायक लोकसभा का चुनाव जीतते हैं तो हरियाणा की तीन विधानसभा सीट खाली हो जाएगी। बडोली ने 2019 में सोनीपत की राई विधानसभा से चुनाव लड़ा। 2663 वोटो के अंतर से जीत दर्ज की मोहनलाल बडोली 1989 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए हैं। बाद में भाजपा में शामिल हो गए। वह मुरथल के जिला परिषद का चुनाव जीतने वाले पहले भाजपा प्रत्याशी थे। साल 2020 में बडोली को भाजपा ने सोनीपत का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया। 2021 में उन्हें प्रदेश महामंत्री के पद पर बिठाया गया एक दशक से राजनीति छोड़ अपना कोयले का धंधा चला रहे कांग्रेस नेता नवीन जिंदल को घर से उठाकर कुरूक्षेत्र से टिकट दिया। इन्ही नवीन जिंदल को कोयला मामले में घेरकर भाजपा ने चुनाव में शिकस्त दी थी। नवीन जिंदल के पिता ओमप्रकाश जिंदल सफल व्यापारी के अलावा दमदार हस्ती थे पर नवीन तो गीदड़ है। नवीन जिंदल के बारे मोदी ने एक दशक पहले बहुत कुछ भला बुरा कहा था। 2014 के चुनाव के बाद मिली पराजय से जिंदल परिवार राजनीति से बाहर हो गया। जुम्मा जुम्मा भाजपा में आए अशोक तंवर को सिरसा से टिकट। आज़ाद विधायक रणजीत सिंह चौटाला को हिसार से टिकट। धरमवीर , इंदरजीत और अरविंद शर्मा तो पहले ही कांग्रेस से आयातित है। अरविंद शर्मा ने रोहतक में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में उनके खास चेले पर जिसे रोहतक में सुपर सीएम के नाम से जानते हैं पर अमृत योजना में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था। अब किस मुंह से मनोहर लाल और उनका चेला अरविंद शर्मा के लिए वोट मांगेगा। वैसे इस चुनाव में यह स्पष्ट जाहिर हो गया कि भाजपा कुर्सी के लिए अपने सभी सिद्धांतों को तिलांजलि दे चुकी है। भ्रष्टाचारी अब साफ हो गए हैं क्योंकि उन्होंने ‘भाजपाई नदी’ में गोता जो लगा लिया। Post navigation बोमन ईरानी चंडीगढ़ में पांच दिवसीय सिनेवेस्टर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन करेंगे क्या रणजीत सिंह के इस्तीफा के बाद विज की होगी मंत्रिमंडल में एंट्री?