भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। सर्व समाज मंच ने मांग की है कि हरियाणा सरकार पूर्व पंचों , पूर्व पंचायत समिति सदस्यों सहित नगर निकायों के पूर्व प्रतिनिधियों व 1994 से पूर्व के सरपंचों को भी पेंशन दे। राधेश्याम गोयला ने सरकार से यह भी मांग की है कि पूर्व सरपंचों पूर्व पंचायत समिति चेयरमैनों उप चेयरमैनों पूर्व जिला प्रमुखों व उप प्रमुखों की पेंशन वृद्धि करे। अटेली में एक मीटिंग में सर्व समाज मंच के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला ने कहा कि उनके द्वारा 2013 से मांग रखी थी कि पंचायती राज व नगर निकायों के सभी पूर्व प्रतिनिधियों को सरकार पेंशन दे। एक लंबे संघर्षपूर्ण अभियान के परिणाम स्वरूप सरकार ने पूर्व सरपंचों पंचायती समिति अध्यक्षों उपाध्यक्षों जिला प्रमुखों उपप्रमुखों को तो पेंशन चालू कर दी जबकि अन्य सभी पूर्व प्रतिनिधियों को छोड़ दिया। जबकि नगर निकायों के पूर्व चेयरमैनो व वाइस चेयरमैनो की पेंशन की तो घोषणा करके भी चालू नही की । उन्होंने बताया कि पंचायती राज और नगर निकाय भारतीय लोकतंत्र की मूल इकाइयां हैं । इसलिए इनके सभी प्रतिनिधियों को सम्मान देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए । क्योंकि गांवों और शहरों में बसी भारत की समस्त आबादी की व्यवस्था नगर निकायों व पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधी ही संभालते हैं । और ना केवल पद पर रहते हुए ही यह सब संभालते हैं बल्कि पद से हटने के बाद भी ये लोग जीवन भर अपने अपने क्षेत्र में जनसेवा में लगे रहती हैं । इसलिए सरकार को इनके सम्मान स्वरूप सभी प्रतिनिधियों की पेंशन लागू कर देनी चाहिए । उन्होंने बताया कि सरकार ने जिन पूर्व प्रतिनिधियों की पेंशन लागू की हुई है उन्हे भी समय पर पेंशन नहीं दी जा रही । सन 2019 में लागू हुई पूर्व प्रतिनिधि पेंशन में से अब तक पूरी पेंशन नही दी गई है । हैड में राशि आने के बावजूद प्रदेश के कुछ ब्लॉकों में तो अभी तक एक रुपया भी पेंशन का नही दिया गया है । उन्होंने बताया कि पिछले योजना के सभी पूर्व प्रतिनिधियों व अन्य बचे हुए प्रतिनिधियों को ऑनलाइन पात्रता दर्ज करवाने हेतु इंटरनेट पर साइट नही खोली जा रही जो सरासर ग़लत है जिससे सभी पात्र पूर्व प्रतिनिधि वंचित रह रहें हैं । सर्व समाज मंच के अध्यक्ष राधेश्याम गोमला ने मांग की कि सरकार बचे अन्य सभी पूर्व प्रतिनिधियों की पेंशन चालू करते हुए इंटरनेट पर साइट चालू कर नए पात्र पूर्व प्रतिनिधियों की पेंशन लागू करे । अन्यथा ये सभी पूर्व प्रतिनिधि आंदोलन करने पर मजबूर होंगे । इस अवसर पर पूर्व सरपंच बिरेंद्र सिंह , पूर्व सरपंच मदनलाल , पूर्व सरपंच हरपाल सिंह चौहान महिपाल खर्ब व सूबेदार दिलपत राव उनके साथ थे। Post navigation अहीरवाल से जितना प्रतिनिधित्व मिलता है रिटर्न नहीं मिलता! लोग चाहते थे मैं सीएम पद संभालूं : राव इन्द्रजीत भाजपा को हराने के लिए साथ आए विपक्षी दल, करनाल में गठबंधन बनाने की तैयारी शुरू