‘‘मुझे लगता है कि लोग यदि शहीदे-ए-आजम भगत सिंह जी को अपने सामने रखकर चलेगें तो गलत काम करने की उनकी हिम्मत नहीं होगी’’- पूर्व गृह मंत्री अनिल विज

शहीदे-ए-आजम भगत सिंह जी की प्रतिमा लोगों को हमेषा स्मरण करवाती रहेगी कि इस देष को कुर्बानियां देकर आजाद कराया गया है – विज

लगभग 68 लाख रूपए की इस प्रतिमा को भी उन्हीं कलाकारों ने बनाया है जिन्होंने सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को बनाया हैं – विज

1857 की आजादी की पहली लडाई की शहीदों की याद में 500 करोड रूपए की लागत से अंर्तराष्टीय स्तर का स्मारक बनाया जा रहा – विज

अम्बाला, 16 मार्च- हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री तथा अम्बाला छावनी विधायक श्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘मुझे लगता है कि लोग यदि शहीदे-ए-आजम भगत सिंह जी को अपने सामने रखकर चलेगें तो गलत काम करने की उनकी हिम्मत नहीं होगी’’। विज ने कहा कि अंबाला छावनी शहीदों के प्रति नतमस्तक है और लोग शहीदों द्वारा बताए गए रास्ते पर चलें, यहीं हमारी कोषिष है।

श्री विज आज अंबाला छावनी में मुख्य द्धार पर अमर सेनानी शहीदे-ए-आजम भगत सिंह जी की प्रतिमा का अनावरण करने के उपरंात मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर गृहमंत्री ने शहीद ए आजम भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर व इन्कलाब जिंदाबाद, शहीद ए आजम भगत सिंह अमर रहे के नारों से सभी में देशभक्ति का जोश भरा। श्री विज ने भी इन्कलाम जिंदाबाद के नारे लगाए।

उन्होंने कहा कि शहीदे-ए-आजम भगत सिंह जी की प्रतिमा लोगों को हमेषा स्मरण करवाती रहेगी कि इस देष को कुर्बानियां देकर आजाद कराया गया है। उन्होंने बताया कि यह प्रतिमा लगभग 68 लाख रूपए में बनकर तैयार हुई है। इस प्रतिमा को भी उन्हीं कलाकारों ने बनाया है जिन्होंने सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को बनाया हैं।

विज ने कहा कि इसी प्रकार हमने अंबाला छावनी के बीचों-बीच सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगवाई हैं। यह प्रतिमा भी लोगों को प्रेरित करती है कि इस देष पर राज करने वाली अंग्रेजी सरकार, जिसके राज में कभी सूरज नहीं डूबता था, उस सरकार के खिलाफ सषस्त्र युद्ध करके भारत को आजाद कराया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से 1857 की आजादी की पहली लडाई भी अंबाला से आरंभ हुई थी। उसमें भी हजारों लोग शहीद हुए और उनको सम्मान देने हेतू और उनकी याद में 500 करोड रूपए की लागत से अंर्तराष्टीय स्तर का स्मारक बनाया जा रहा हैं।

इससे पहले, पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने इस मौके पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अम्बाला के प्रवेश द्वार के नजदीक 68 लाख रूपये की लागत से 12 फुट उंची शहीद ए आजम भगत सिंह की प्रतिमा लगाई गई है। यह प्रतिमा सभी में देशभक्ति का संचार करेगी और यह प्रतिमा हमारी प्रेरणा स्त्रोत बनेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा प्रसिद्ध कलाकार राम.वी. सुतार ने तैयार की है। जिन्होंने गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा तैयार की थी। लघु सचिवालय के प्रांगण में स्थापित यह प्रतिमा सभी लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा करेगी। शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह ने छोटी सी उम्र में जंगे आजादी में कदम रख लिया था। शहीद ए आजम भगत सिंह ने छोटी उम्र में ही देश को आजाद करवाने के लिए हिन्दुस्तानियों को जागरूक करते हुए कारनामे पेश किए थे। अंग्रेजी हकुमत के खिलाफ लोकसभा में पार्लियामैंट की खाली कुर्सियों पर बम्ब फैंककर व पर्चे बांटकर अपनी वीरता का परिचय दिया था। अगर वह उस समय वहां से भागना चाहते तो भाग सकते थे। वहां पर अंग्रेजों की पूरी सुरक्षा थी, लेकिन वह भागे नहीं, उनका मकसद हिन्दुस्तानियों को देश की आजादी के लिए जागरूक करना था और वह वहीं खडे रहे और इंकलाब के नारे लगाते रहे। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अंग्रेज अफसर जॉन सॉन्डर्स की हत्या का उनपर केस चला, 23 मार्च 1930 को सरदार भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव को उस आंतकी सरकार ने फांसी की सजा दे दी और वह देश के लिए शहीद हो गए।

शहीदों को सम्मान देने के लिए हमने अम्बाला छावनी के शहर के बीच में सुभाष पार्क में नेताजी सुभाष चंद की प्रतिमा लगाई है। यह प्रतिमा भी बेहतरीन कलाकार ने तैयार की है। नेताजी सुभाष चंद्र ने भी अंग्रेजी हकुमत के खिलाफ सशस्त्र उठाने का काम किया है। जिस अंग्रेजी हकुमत का सूर्य नहीं उगता था उनके खिलाफ बगावत करते हुए सशस्त्र उठाए। हिन्दुस्तानियों में देशभक्ति की भावना का संचार करते हुए अंडेमान निकोबार द्वीप को आजाद करवाने का काम किया। आजादी का पहला झंडा इस धरती पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने फहराया था। अनसंग हीरो की कुर्बानियों के चलते अंग्रेजों को भागना पड़ा। जो कौम शहीदों को भूल जाती है वह फना हो जाती है, शहीदों को याद रखने के लिए और युवा पीढ़ी के साथ-साथ सभी के प्रेरणा स्त्रोत बनें, इसके लिए प्रमुख स्थानों को चुना गया है। अम्बाला छावनी दिल्ली रोड़ पर छावनी जीटी रोड़ पर 22 एकड़ में 500 करोड़ रूपये की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का शहीदी स्मारक बनाने का काम किया जा रहा है। सारे देश में अम्बाला छावनी की पहचान बढ़ी है, यहां पर शहीदों का सम्मान किया जाता है।

इस मौके पर एसडीएम सतिन्द्र सिवाच, कार्यकारी अभियंता मनदीप, ईओ जरनैल सिंह, मंडल प्रधान राजीव डिम्पल, किरण पाल चौहान, बिजेन्द्र चौहान, भाजपा नेता बी.एस. बिन्द्रा, मामचंद शर्मा, रवि सहगल, कपिल विज, नरेन्द्र अरोड़ा, राम बाबु यादव के साथ-साथ अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। 

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