नगर परिषद नारनौल में फैले भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच हो: छक्कड़

अदालत में देंगे प्रार्थना पत्र कि नगर परिषद मामले में उन्हें पार्टी बनाया जाए

नगर परिषद के बी.आई.+जे.ई. पर लगे चौथी बार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

भ्रष्ट जेई को बचा रहे हैं भाजपा के पूर्व चेयरमैन

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। नगर परिषद नारनौल में पहले व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर वतन बचाओ मंच के अध्यक्ष क्रांतिकारी उमाकांत छक्कड़ ने आज पत्रकार वार्ता में एक भाजपा नेता, नगर परिषद के उच्च अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री, केंद्रीय एजेंसियों, हरियाणा के मुख्यमंत्री व हरियाणा की जांच एजेंसियों को पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वह नगर परिषद नारनौल के भ्रष्टाचार मामले में अदालत को प्रार्थना देकर पार्टी स्वंय को पार्टी बनाने का आग्रह करेंगे ताकि वह सबूत उपलब्ध करवा कर दोषियों को दंडित करवा सके।

उन्होंने कहा कि नगर परिषद नारनौल में लंबे समय से भ्रष्टाचार फलीभूत हो रहा है। जिसका मुख्य पात्र बीआई/जेई विकास शर्मा जो कच्चा कर्मचारी लगा हुआ है। यह व्यक्ति नप के अभियंता, कार्यकारी अधिकारी, दूसरे अधिकारियों व भाजपा के एक राजनेता को लूट की राशि वितरित करता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सही कार्य और गलत कार्य दोनों के ही रुपए लेता था। गत 5–8–2017 को नलापुर में सुनीता जैन के एक भवन को बीआई और एक्शन ने सील लगा दी। पर 9–8–2017 को एक लिखित में एफिडेविट लेकर हटा दी। जबकि एफिडेविट एक दिन बाद 10–8–2017 को लिया गया। श्री छक्कड़ ने कहा कि जनता की आवाज है की सील हटाने के नाम पर उस समय साढ़े छह वर्ष पहले 13,00,000 रुपए लिए गए थे।

उन्होंने एक अन्य मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि महेंद्रगढ़ जिले के तत्कालीन उपायुक्त राजनारायण कौशिक ने विकास शर्मा को लेकर नारनौल शहर थाना में 25–8–2017 को जिसका मुकदमा नंबर 468 दर्ज कराया था। जिसमें बीआई/जेई विकास शर्मा और एक्सईएन अंकित वशिष्ठ के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था और इन्हें सस्पेंड कर दिया था। उपायुक्त के तबादले के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब इनके साथ बीजेपी का एक पूर्व चेयरमैन (बीआई का फर्जी चाचा) इसका रक्षा कवच बन गया। जब भी यह पकड़ा जाता है तब उस समस्या से चाचा अपने कथित भतीजे को अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके बाहर निकाल लेते है।

उन्होंने दावा किया कि इस बात की पुष्टि स्थानीय विधायक एवं राज्य मंत्री ओ.पी.यादव ने मुझे दी। उन्होंने कहा कि परिषद में फैले भ्रष्टाचार के विरुद्ध उन्होंने मोर्चा खोला। पर्चे बांटे प्रेस–नोट दिए, एसडीएम से लेकर उपायुक्त तक कई बार लिखा और व्यक्तिगत रूप से मिले। जिससे तंग आकर इन्होने मेरे विरुद्ध सरकारी कार्य में बाधा डालने गाली–गलौच करने का मुकदमा शहर थाना नारनौल में नवंबर के अंत में दर्ज करवाया। फलस्वरुप उन्हें 5 दिन जेल में रहना पड़ा।

श्री छक्कड़ ने आरोप लगाया कि बाहर आने पर जनता से पता चला कि इस कार्य के लिए बीआई/जेई विकास शर्मा ने उस समय तत्कालीन शहर थाना प्रभारीअश्वनी कुमार को 1,70,000 रुपए दिए। उन्होंने इस मामले की जांच किए जाने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने जेल से तुरंत बाहर आने के बाद नगर परिषद के द्वार पर सिर मुंडन करवाया और वह नगर परिषद में फैले भ्रष्टाचार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह क्रिया हर 15 दिन के बाद शहर के हर हिस्से में आरंभ कर दी। जिससे सरकार में प्रशासन की किरकिरी होने लगी। जिला कष्ट निवारण समिति में जब भ्रष्टाचार का मामला उठा तो अध्यक्ष एवं प्रभारी मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने इन्हें चेतावनी दी सुधर जाओ नहीं तो कड़ी सजा मिलेगी।

इसके बाद जब उन्होंने स्वयं जिला कष्ट निवारण समिति में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया जिस पर मंत्री ने विकास शर्मा बीआई/जेई की सेवाएं बर्खास्त कर दी और अंकित वशिष्ठ अभियंता की जांच बैठा दी। आदेश दिया कि यदि ये दोषी पाए गए तो सेवा बर्खास्त की जाएगी।

उन्होंने खुला आरोप लगाया कि इसके बावजूद ‘फर्जी चाचा’ ने विकास शर्मा को पुनः बहाल करवा दिया, क्योंकि चाचा जी का घर खर्च भी भ्रष्टाचार की काली कमाई से चलता है। अब विकास शर्मा चौथी बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। बीआई/जेई पुलिस की पकड़ में है। श्री चक्कर ने चेतावनी दी की यदि इस बार प्रशासन व सरकार ने इसे जेल का रास्ता नहीं दिखाया तो विधानसभा चुनाव तक दोनों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया जाएगा।

श्री छक्कड़ ने कहा कि वह नारनौल अदालत में भी एक प्रार्थना पत्र दायर कर आग्रह करेंगे की भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें भी पार्टी बनाकर सुना जाए। वह इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अदालत को साक्ष्यों सहित पूरे मामले से अवगत कराएंगे।

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