पंचकूला और सोनीपत के बाद  हिसार मेट्रोपॉलिटन डेवेलपमेंट अथॉरिटी  के लिए विधेयक पारित 

संविधान के अनुच्छेद 243 (पी) अनुसार महानगर क्षेत्र के लिए न्यूनतम दस लाख जनसंख्या आवश्यक — एडवोकेट हेमंत

चंडीगढ़   – हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार 28 फरवरी को  अन्य विधेयकों के साथ हिसार मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी ( एच.एम.डी.ए.) बिल, 2024 — अर्थात हिसार महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2024 भी  पारित किया गया. गत माह  जनवरी में  प्रदेश  मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) द्वारा  एच.एम.डी.ए. के  गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई थी जिसके बाद  बजट सत्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा उपरोक्त विधेयक सदन में पेश किया गया था.

इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा  हाई कोर्ट के एडवोकेट और कानूनी विश्लेषक  हेमंत कुमार (9416887788) ने बताया कि गत  वर्ष अगस्त, 2023 में  सोनीपत महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम – एस.एम.डी.ए. एक्ट, 2023 हरियाणा विधानसभा द्वारा अधिनियमित  किया गया था जिसे 20 सितंबर 2023 को  प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय  की स्वीकृति प्राप्त हुई थी जिसके बाद 3 अक्टूबर 2023 को उक्त कानून को प्रदेश के सरकारी गजट में जनसाधारण के लिए प्रकाशित  किया गया. उसके करीब  अढ़ाई महीने बाद दिसंबर, 2023 को इस   कानून को विधिवत रूप से लागू किया  गया था.

उन्होंने बताया  कि उससे पूर्व अढ़ाई वर्ष  अगस्त, 2021 में प्रदेश  विधानसभा के तत्कालीन मानसून सत्र में इसी प्रकार से पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम – पी.एम.डी.ए. एक्ट, 2021 भी पारित किया गया था जिसके बाद उसे सितम्बर, 2021 में  राज्यपाल  की मंजूरी प्राप्त हुई थी जिसके कुछ सप्ताह  पश्चात उसे लागू किया गया था.

 हिसार  महानगर विकास प्राधिकरण ( एच.एम.डी.ए.) का स्वरूप‌ बीते कुछ वर्षो  में प्रदेश के 4 अन्य ज़िलों  गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और सोनीपत  के  लिए अलग अलग कानूनों द्वारा   गठित महानगर विकास प्राधिकरण   की तर्ज पर ही होगा.

बहरहाल, हेमंत ने बताया  कि  हालांकि प्रदेश  सरकार विधानसभा से  कानून बनाकर   राज्य के किसी उपयुक्त क्षेत्र के लिए  महानगर विकास प्राधिकरण गठित करने के लिए कानूनन  सक्षम हैं जैसे सात   वर्ष पूर्व 2017 में गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी  (जी.एम.डी.ए. ) एक्ट, 2017,  उसके बाद वर्ष   2018 में फरीदाबाद  मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी  (एफ.एम.डी.ए. ) एक्ट, 2018 भी बनाया गया था.

हालांकि वर्ष 2021 में बनाए  गए पी.एम.डी.ए. ( पंचकूला) कानून, 2021, वर्ष 2023 में  एस.एम.डी.ए. ( सोनीपत)  कानून, 2023 और अब  विधानसभा के बजट सत्र में पारित होने वाले  एच.एम.डी.ए. विधेयक, 2024 के सम्बन्ध में एक महत्वपूर्ण कानूनी सवाल  यह उठता  कि  क्या उक्त तीनों जिलों    के लिए भी गुरुग्राम और फरीदाबाद की तर्ज पर मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी  गठित की जा सकती है क्योंकि वर्तमान में पंचकूला, सोनीपत और हिसार नगर निगम  क्षेत्र  की आबादी/जनसंख्या  10 लाख से कम है.

हेमंत ने  बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (पी) में मुनिसिपलिटीज़ (नगर निकाय ) के भाग में महानगर क्षेत्र को परिभाषित किया गया है जिसके अनुसार वह   दस लाख या उससे अधिक जनसँख्या वाला क्षेत्र होगा जिसमें एक या अधिक ज़िले हों जो दो या दो से अधिक  नगर निकाय और  पंचायतों  या अन्य संलग्न क्षेत्रों से मिलकर बनता हो  एवं जिसे राज्यपाल द्वारा  पब्लिक नोटिफिकेशन द्वारा महानगर के रूप में अधिसूचित किया गया हो.  हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 2 (29 ) में भी  महानगर की उक्त  परिभाषा का उल्लेख है. 

रोचक बात यह भी है कि पंचकूला, सोनीपत और हिसार तीनो जिलों के  महानगर विकास प्राधिकरण के कानूनों की  धारा 3, जो  महानगर क्षेत्र की घोषणा से सम्बंधित है, में सम्बंधित  नगर निगम के अतिरिक्त उस जिले में स्थापित  अन्य शहरी निकाय जैसे नगर  परिषद अथवा नगरपालिका को उसमें शामिल करने के स्थान पर  हालांकि जिले में कोई पंचायत की आबादी देह का उल्लेख किया गया है. 

 ध्यान देने योग्य यह भी  है कि  हालांकि आज तक पंचकूला, सोनीपत और हिसार  के लिए मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी का गठन भी  नहीं किया गया जो हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 417 के अनुसार करना कानून आवश्यक है. अब इस सबके दृष्टिगत  क्या पंचकूला. सोनीपत और हिसार  के लिए महानगर विकास प्राधिकरण का गठन न्यायसंगत है, यह निश्चित तौर पर जांच करने योग्य विषय है. हेमंत का कानूनी मत है  कि इस आधार पर अर्थात 10 लाख से कम आबादी/ जनसंख्या होने के कारण पंचकूला, सोनीपत और हिसार  के लिए  महानगर विकास प्राधिकरण के गठन/ स्थापना को अदालत में चुनौती दी जा सकती  है.