-कमलेश भारतीय लीजिए, हिमाचल व कर्नाटक में फिर विधायकों की मंडी खुल गयी । हिमाचल में कांग्रेस के आधा दर्जन विधायक गायब हो गये । यही नहीं तीन निर्दलीय विधायक भी गुम हो गये हैं । इन नौ विधायको की गुमशुदगी कांग्रेस को भारी पड़ी और राज्यसभा चुनाव हार गयी । भाजपा के हर्ष महाजन राज्यसभा में चुंन लिए गये जिससे भाजपा को यह कहने का आधार मिल गया कि कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू बहुमत खोकर अल्पमत में आ चुके हैं । यही बात राज्यपाल से मिलकर बता दी गयी है । ये नौ विधायक कहां गये, कांग्रेस को कुछ पता नहीं । अब हिमाचल राडार पर है और इसकी गतिविधियों पर सबकी नज़र है । हिमाचल के प्रभारी और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डी के हिमाचल जा रहे हैं और कांग्रेस हाईकमान भी इन हालातों पर नज़र रखे हुए है। दूसरी ओर कर्नाटक में भाजपा विधायकों के क्रास वोटिंग करने के समाचार हैं । इस तरह कर्नाटक में भी विधायकों की खरीद फरोख्त हुई । यह सब उलटफेर राज्यसभा चुनावों के चलते हुआ । शायद उत्तर प्रदेश में भी उलटफेर इसी के चलते हुआ । अब हिमाचल में राजनीतिक भूचाल आ चुका है । पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया है । केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सारा ठीकरा कांग्रेस के सिर पर फोड़ दिया और कहा कि कांग्रेस अपना घर और विधायक नहीं संभाल सकी, भाजपा को दोष किसलिए’ ! क्या विक्रमादित्य और राजेन्द्र राणा कमज़ोर कड़ी साबित होंगे ? राजेन्द्र राणा की भी सुक्खू ने घोर उपेक्षा की है अब तक। ऐसा कोई अचंभा भी नहीं । अब राजनीति में खुली मंडी लगती है और जो सबसे ज्यादा मोल लगाये वह खरीद ले जाये ! यह तो राजनीति अब डील हो गयी है और जिसे यह डील करनी आ जाये, वही सिकंदर ! जो जीता, वही सिकंदर नही, जो खरीदा, उसी से बने सिकंदर ! अब चुनाव में जीत हार को बड़ी डील से बदला जा सकता है और हार कोई फिक्र वाली बात नहीं । चुनाव परिणाम कैसा ही हो, हारी हुई बाजी जीतना आना चाहिए और जिन्हें आती है, उन्हें जादूगर कहा जाता है ! यह जादूगरी अब आम हो गयी है । नये तौर तरीके सीखने पड़ेंगे, नहीं तो इस नयी राजनीति में अनफिट ही रह जाओगे ! बस, बाबू जी, तुम क्या क्या खरीदोगे ?9416047075 Post navigation गुजवि में फ्लावर फेस्टिवल …… सुहाने मौसम में, खिले ऋतुराज हिमाचल : राजनीतिक उठा पटक का संकट …….