जाति जन्म से नहीं कर्म से होती है: नवीन जयहिंद

रौनक शर्मा

रोहतक – बीते शनिवार रोहतक के मोखरा गांव में संत परंपरा के महान योगी और परम ज्ञानी संत शिरोमणि रविदास जी की 647वीं जयंती के उपलक्ष्य में समारोह आयोजित किया गया जिसमे जयहिंद सेना प्रमुख नवीन जयहिंद पहुंचे और जनसभा को संबोधित किया ।

जयहिंद ने अपने संबोधन में कहा कि जो निस्वार्थ भाव से समाज की भलाई के लिए काम करेगा इतिहास उसे ही याद रखता है । हमें संत रविदास जी की विचारधारा से प्रेरणा लेनी होगी और समाज के भले के लिए काम करना होगा ।

जयहिंद ने कहा कि संत-महात्मा और क्रांतिकारियों की कोई जात-बिरादरी नहीं होती है । आज के दिन जो समाज पढ़ेगा-लिखेगा और संघर्ष करेगा वही आगे बढ़ेगा । जाति कर्म से बनती है जन्म से नहीं ।

जयहिंद ने मन चंगा तो कटौती में गंगा कहावत का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब मन साफ़ होता है तो इंसान ग़रीबी में भी सुख चैन और लंबा जीवन जी लेता है ।

जयहिंद ने युवाओं के लिए भी कहा कि आज के युवा में सामाजिक चेतना होना ज़रूरी है जो उसे हक़ -अधिकार और न्याय के लिए संघर्ष की प्रेरणा दे और निष्पक्ष बात कहने से कभी पीछे न हटे ।

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