वर्ष 2017 में बनाए गए थे नियम,  वर्ष 2020 में किया गया संशोधन

चंडीगढ़ – शनिवार 10 फरवरी 2024 देर शाम हरियाणा के गृह सचिव  टी.वी.एस.एन. प्रसाद आईएएस द्वारा जारी एक विशेष आदेश से प्रदेश के 7 ज़िलों – अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद हिसार, सिरसा और फतेहाबाद‌ में 11 फरवरी से 13 फरवरी अर्थात 72 घंटों के लिए हर प्रकार की मोबाइल इंटरनेट सेवा (2 जी, 3 जी, 4 जी, 5 जी, सीडीएमए, जीपीआरएस) को किसान आंदोलन, जिसमें 13 फरवरी को  पंजाब से दिल्ली कूच किए जाने का कार्यक्रम तय किया गया, के दृष्टिगत  सस्पेंड कर दिया गया   ताकि सोशल मीडिया के व्ट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर आदि प्लेटफॉर्म्स पर उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों  द्वारा भ्रामक और भड़काऊ मैसेज वीडियो आदि डालकर  और उन्हें वायरल कर (फैलाकर) प्रदेश में अमन (शांति) व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द के माहौल को  बिगाड़ा न जा सके.  

इसी बीच  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि  लोक आपात (पब्लिक इमरजेंसी ) या लोक सुरक्षा (पब्लिक सेफ्टी ) आदि के आधार पर सक्षम प्राधिकारी  द्वारा अधिकतम 15 दिनों के लिए किसी क्षेत्र में दूरसंचार सेवाएं जिनमे मोबाइल  इंटरनेट सेवा भी शामिल है को निलंबित ( सस्पेंड) किया जा सकता है.  पहले हालांकि  सम्बंधित नियमों में  इस आशय में अधिकतम समय सीमा का कोई उल्लेख नहीं था हालांकि  10 नवंबर 2020 को केंद्रीय संचार मंत्रालय के अधीन आने वाले  दूरसंचार (टेलीकॉम ) विभाग द्वारा एक गजट  नोटिफिकेशन  मार्फत दूरसंसार अस्थायी सेवा निलंबन (लोक आपात या लोक सुरक्षा ) नियम, 2017 में  संशोधन कर नया नियम 2 ए डालकर अधिकतम 15 दिनों की सीमा  का उल्लेख किया गया  एवं यह संशोधन तत्काल रुप से प्रभावी भी हो गया था.

हेमंत ने आगे बताया कि साढ़े 6 वर्ष पूर्व अगस्त, 2017 में केंद्र सरकार द्वारा भारतीय टेलीग्राफ कानून, 1885 की धारा 7 में उपरोक्त  2017  नियम बना कर नोटिफाई एवं लागू किये गए  जिनमे केंद्र एवं राज्य के गृह सचिव (जो इस विषय में सक्षम प्राधिकारी हैं ) द्वारा जारी आदेशनुसार आपातकालीन  परिस्थितियों में टेलीकॉम/इंटरनेट सेवा को लोक हित में सस्पेंड किया जा सकता है. हालांकि केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव रैंक का  अधिकारी, जिसे केंद्रीय गृह सचिव या प्रदेश के गृह सचिव द्वारा प्राधिकृत किया गया हो, वह भी अपरिहार्य परिस्थितियों में ऐसा आदेश दे सकता है हालांकि इसके 24 घंटो के भीतर उस आदेश को सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदित करवाना  आवश्यक है अन्यथा वह अप्रभावी हो जाएगा. ऐसे आदेश में टेलीकॉम/इंटरनेट सेवा को सस्पेंड करने का कारणों का भी उल्लेख होना चाहिए एवं इन आदेशों की एक प्रति  रिव्यु कमेटी को भेजनी होगी.  टेलीकॉम कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर्स के पदांकित अधिकारियों को  ऐसे आदेश की प्रति पुलिस के एसपी रैंक या उसके समकक्ष अधिकारी द्वारा ही भेजी जाएंगी. प्रदेश में रिव्यु कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव और सदस्यों में विधि सचिव (एलआर ) और  राज्य सरकार के कोई अन्य विभाग के (गृह के अलावा )  सचिव होंगे. यह रिव्यु कमेटी उक्त जारी आदेशों के पांच दिनों के भीतर बैठक कर यह सुनिश्चित करेगी कि क्या टेलीकॉम/इंटरनेट सेवाओं को  सस्पेंड करना उक्त 1885 कानून की धारा 5 (2 ) के अनुरूप हैं अथवा नहीं.

हेमंत ने बताया कि 25  अगस्त, 2017 को  जब  डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को पंचकूला  सीबीआई कोर्ट से सज़ा हुई तब 25 अगस्त से 29 अगस्त  तक पांच दिनों के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में मोबाइल इंटरनेट सेवा सस्पेंड कर दी गयी थी, तब उन्होंने इस विषय पर दूरसंचार विभाग  में एक आरटीआई दायर कर उक्त नियमो के बारे में जानकारी मांगी थी और यह पूछा था कि जितने दिन मोबाइल इंटरनेट सेवा सस्पेंड रखी जायेगी, प्री-पेड मोबाइल फ़ोन ग्राहकों को उनकी सम्बंधित टेलीकॉम कंपनी द्वारा उतने  अतिरिक्त दिन उनके डेटा प्लान में दिए जाने सम्बन्धी क्या टेलीकॉम कंपनियों को केंद्र सरकार द्वारा निर्देश दिया गया है परन्तु उनकी आरटीआई को दूरसंचार विभाग ने गोपनीय सूचना करार  कर ख़ारिज कर दिया था.

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