साम्प्रदायिक, फासिस्ट व नफरती संघी विचारधारा ने 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की थी : विद्रोही
31 जनवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाण प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि साम्प्रदायिक, फासिस्ट व नफरती संघी विचारधारा ने 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की थी, उसी फासिस्ट संघी विचारधारा ने 76 साल बाद 30 जनवरी 2024 के दिन चंडीगढ़ में मेयर चुनाव में धांधली करके गांधी जी हत्या वाले दिन ही भारत के लोकतंत्र, संविधान की हत्या करके पूरे देश को बता दिया कि लोकसभा चुनाव 2024 में क्या होने वाला है। विद्रोही ने कहा कि जो भाजपा चंडीगढ़ नगर निगम के छोटे से चुनाव को जीतने के लिए भी इस निम्न स्तर पर गिरकर खुली धांधली करके अपने हारे हुए उम्मीदवार को सत्ता दुरूपयोग से विजयी घोषित करवा सकती है, तो ऐसी फासिस्ट भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 में किस कदर धांधली करके चुनाव जीतने का कुप्रयास करेगी, यह बताना भी बेमानी है। कांग्रेस-इंडिया अलायंस ने लोकतंत्र, संविधान, भारत की गंगा-जमुनी तहजीब पर जो खतरे की बात कही है, चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव ने उस खतरे का जीवंत प्रमाण देश के 140 करोड़ मतदाताओं के सामने दे दिया है।
विद्रोही ने देशभर के 94 करोड़ मतदाताओं से आग्रह किया कि लोकतंत्र, संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व गंगा-जमुनी तहजीब पर मंडराये खतरे को गंभीरता सेे समझे और वोट की चोट से मोदी-भाजपा-संघ को इतना करारा जवाब दे कि वे लाख धांधली करके भी लोकसभा चुनावों में जीतना तो दूर का सपना हो, अपने उम्मीदवारों की जमानत बचाने लायक भी वोट न प्राप्त कर सके। विद्रोही ने कहा कि यदि मतदाताओं ने इस दिशा में गंभीरता नही दिखाई तो लोकसभा चुनाव में मोदी-भाजपा-संघ गलती से जीत गए तो भारत में लोकतंत्र, संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मात्र एक सपना बनकर रह जायेगा।