EVM और VVPAT को लेकर और मुखर होने की आवश्यकता- बाबरिया 

चंडीगढ़, 28 जनवरी: हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया का कहना है कि पिछले 10 वर्षों के भाजपा सरकार के कुशासन में एक तरफ़ जहाँ कमरतोड़ महंगाई व बेतहाशा बेरोजगारी का मंजर है, वहीं दूसरी ओर दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक और गरीबों के साथ निरंतर भेदभाव व अत्याचार किया जा रहा है। इसके साथ किसानों से धोखा, महिलाओं के खिलाफ अपराध तथा कामगारों का शोषण चरम पर है। 

कुल मिलाकर बीजेपी सरकार की मनमानी से आम जनता त्रस्त है। जनता के प्रखंड विरोध के बावजूद  भाजपा की विभिन्न राज्यों के चुनाव  में लगातार जीत के लिए आम लोगों में चुनावी नतीजों को लेकर अविश्वास का भाव है। लोगों में चुनाव की प्रक्रिया में धांधली की आशंका है। इसमें ईवीएम के प्रयोग में धांधली के आरोपों की चर्चा व्यापक रूप से हो रही है। 

बाबरिया ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में बीजेपी को हराने के लिए आम जनता व विपक्ष मज़बूत रणनीति बना रहे है। क्यूंकि हमारा स्पष्ट मानना है कि चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं का विश्वास बनाऐ रखना तभी संभव है, जब पूरे देश में मतदान के समय मतदाताओं के हाथ में अनिवार्य रूप से वीवीपैट की मतदान पर्ची दी जाए, जिसे वो मतदान पेटी में डालें। उनकी गणना के आधार पर ही नतीजे घोषित किए जाएं। 

इसके लिए विपक्ष के साथ आम जनता को भी धरना-प्रदर्शनों के माध्यम से चुनाव आयोग को नियमों में संशोधन के लिए मजबूर करना पड़ेगा। साथ जनता को मतदान में भारी संख्या में हिस्सा लेना होगा। जो लोग भाजपा को सत्ता से हटाना चाहते हैं, अगर वो लोग आगामी चुनाव में ज्यादा मतदान करेंगे तो कथित तौर किसी भी प्रकार की धांधली या हेराफेरी का प्रभाव चुनाव परिणाम पर नहीं पड़ेगा।

प्रभारी ने कहा कि चुनाव में बेहतर परिणाम के लिए पार्टी उपयुक्त उम्मीदवार का चयन करेगी। कांग्रेस पार्टी द्वारा आगामी चुनाव में सक्षम उम्मीदवारों के चयन में मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने और व्यापक फीडबैक लेने की व्यवस्था की जा रही है। प्रत्याशी तय करने के लिए  हरियाणा एवं दिल्ली में लोकसभा क्षेत्रों से जो भी कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं या किसी उम्मीदवार विशेष के लिए कोई सुझाव देना चाहते हैं, वे इस प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं। इसके लिए वे अपने सुझाव                  [email protected] पर हरियाणा कांग्रेस राज्य प्रभारी के पास भेज सकते हैं। 

सुझाव भेजने की अंतिम तिथि 30 जनवरी, 2024 तय की गई है।

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