वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र 25 जनवरी : हरियाणा कला परिषद द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति को विस्तार देने के लिए कार्य किये जा रहे हैं। अलग-अलग विधाओं से सम्बंधित कार्यक्रमों के आयोजनों से कला परिषद निरंतर कला और कलाकारों के हित में कार्य करती रही है, लेकिन पुरानी पद्धति को छोड़कर वर्तमान से हरियाणा कला परिषद के कार्यों में नवीनता लाकर नए ढंग से सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह कहना था हरियाणा कला परिषद के नवनियुक्त निदेशक नागेंद्र कुमार शर्मा का। वे शुक्रवार को कला कीर्ति भवन में आयोजित प्रैसवार्ता के दौरान सभी को सम्बोधिंत कर रहे थे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए नागेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि हरियाणा कला परिषद संगीत, नृत्य, नाटक, गायन आदि के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। किंतु प्रदेश के लोकवाद्ययंत्र जैसे नगाड़ा, बीन, सांरगी, डेरु आदि की मंचीय प्रस्तुतियां बहुत कम रही है। लोकवाद्ययंत्र बजाने वाले कलाकारों को स्वागत दल के रुप में ही पहचान मिली है। वर्तमान से कला परिषद की कार्य प्रणाली में लोकवाद्ययंत्र दलों की मंचीय प्रस्तुतियां करवाई जानी शामिल की जाएंगी। जिसमें प्रदेश के लोकवाद्ययंत्र कलाकार अन्य कलाकारों की भांति मंच पर भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इसके अलावा शास्त्रीय विधाओं के भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिनमें शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय संगीत आदि की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इससे न केवल प्रदेश के लोगों को शास्त्रीय विधाओं की जानकारी मिलेगी, बल्कि युवा पीढ़ी का शास्त्रीय विधाओं में रुझान भी पैदा होगा। नागेंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान हरियाणा कला परिषद अम्बाला मण्डल द्वारा कलायात्रा कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया था, जिसमें कलाकारों ने गांव-गांव जाकर अपनी प्रस्तुतियां दी थी। उसी तर्ज पर पुनः कलायात्रा कार्यक्रम शुरु किया जाएगा, तथा प्रदेश के कलाकारों को जन-जन तक अपनी प्रतिभा पहुंचाने का मौका मिलेगा। शर्मा ने कला परिषद की गतिविधियों की चर्चा करते हुए बताया कि पूर्व में ओपन माईक कार्यक्रम के माध्यम से नवोदित कलाकारों को मंच मुहैया करवाने का कार्य किया गया था, जिसमें उभरती हुई प्रतिभाओं ने शामिल होकर अपने हुनर को निखारने का कार्य किया। हरियाणा कला परिषद द्वारा प्रदेश भर में पुनः जिला स्तर पर ओपन माईक कार्यक्रम शुरु किये जाएगें, जिनमें किसी भी प्रकार का कलाकार अपनी प्रतिभा को दिखा पाएगा। इसके अतिरिक्त नागेंद्र शर्मा ने बताया कि विभिन्न राज्यों में ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों पर प्रदेश के लोककलाकारों को पर्यटकों के मनोरंजन हेतु अनुबंधित किया जाता है। उसी तर्ज पर हरियाणा कला परिषद द्वारा हरियाणा में भी ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों पर लोक कलाकारों को अंनुबंधित किये जाने के लिए भी प्रयास किये जाएंगे। इससे कलाकारों की आजीविका के साथ-साथ पर्यटन में भी बढ़ावा मिलेगा। कला कीर्ति भवन में बनेगा स्टूडियो और पुस्तकालय।नागेद्र शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि कला कीर्ति भवन में एक ऑडिटोरियम तथा एक ओपन एअर थियेटर है। कला परिषद के भवन में एक स्टूडियो तथा एक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त कला परिषद द्वारा पूर्व में आयोजित की गई नृत्य, रागनी, लघुनाटक तथा चित्रकला आदि प्रतियोगिताओं को नया स्वरुप देते हुए शीघ्र आयोजित किये जाने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन प्रतियोगिताओं से कलाकारों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होगी तथा कला में भी निखार आएगा। शर्मा ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि अन्य प्रदेशों की संस्कृति हरियाणा की अपेक्षा अधिक लोकप्रिय मानी जाती है। हरियाणा कला परिषद द्वारा इस प्रकार के प्रयास किये जाएगें, जिससे हरियाणा की संस्कृति विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाए। इसकी शुरुआत फरवरी माह से की जाएगीं, जिसमें 9 फरवरी से कला कीर्ति भवन में शिल्प मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रदेशों के शिल्पकार शामिल होंगे। इसी मेला के दौरान एक भारत श्रेष्ठ भारत को सार्थक करते हुए भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 12 फरवरी से एक सप्ताह के लिए विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की छटा बिखेरेंगे। Post navigation कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने किया इंडियन इकोनॉमिक जर्नल का विमोचन लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना जरूरी : प्रो. सोमनाथ सचदेवा