कोई भी शुभ कार्य जल्दबाजी और गलत हो ही नहीं  सकता 

भगवान राम हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी के  हैं पूर्वज 

राम लाल के प्राण प्रतिष्ठा के विरोधी का भी निश्चित होगा विरोध 

22 जनवरी या पोष माह की शुक्ल पक्ष में एकादशी बनेगा अबूझ मुहूर्त

फतह सिंह उजाला 

पटौदी-पर्णकुटी 22 जनवरी। आजादी के बाद समय के साथ-साथ राजनीति भी बदनाम हो गई थी। गलत कार्यों को ही राजनीति मानना या कहा जाने लगा था। लेकिन अब राजनीति नहीं, राम नीति ही होगी। कोई भी दिव्य, भव्य, धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम जल्दबाजी या फिर गलत नहीं हो सकता है । सही मायने में भगवान राम हम सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, इन सभी धर्म वर्ग संप्रदाय के पूर्वज हैं। आज जब अयोध्या में रामलाल का भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही उनकी प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। ऐसे ऐतिहासिक धार्मिक और आध्यात्मिक अवसर पर सभी धर्म वर्ग संप्रदाय के लोग अपने घर आवास मोहल्ले मंदिर पूजा स्थान और आसपास में अवश्य दीपक जलाएं। सही मायने में अयोध्या में हमारे पूर्वज की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है । यह बात धर्म ग्रंथो, वेद शास्त्रों, उपनिषदों के प्रकांड विद्वान, आश्रम हरी मंदिर संस्कृत महाविद्यालय पटौदी के अधिष्ठाता महामलेश्वर धर्मदेव ने राम उत्सव के मौके पर कही है। इससे पहले उन्होंने पटौदी नगर में नगर परिक्रमा के लिए दिव्या भाव और आकर्षक झांकियां अपना शुभाशीष देते हुए रवाना की।

महामंडलेश्वर धर्मदेव महाराज ने राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विभिन्न धर्माचार्यों शंकराचार्य प्रकांड विद्वानों के द्वारा कही गई बातों को दरकिनार करते हुए दो टूक शब्दों में कहा भगवान राम के हम सभी पूर्वज हैं। फिर चाहे कोई संत, महात्मा, शंकराचार्य हो। जो कोई भी रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर निर्माण का विरोध करेगा तो उनका भी विरोध होना निश्चित है। उन्होंने कहा रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा सहित ऐसे दिव्य भाव धार्मिक अनुष्ठान का विरोध करने वाले की संभवत मति ही मारी गई है। राम मंदिर या फिर रामराज्य  का अभिप्राय यही है कि भगवान श्री राम मानव सृष्टि जनजाति प्राणी और इस दुनिया या फिर ब्रह्मांड के नायक ही कहलाते हैं । सही मायने में भगवान श्री राम ब्रह्मांड के नायक हैं । भगवान श्री राम ने जीवन जीने का तरीका बताया उनके द्वारा मानव जीवन और समाज के लिए मर्यादा स्थापित की गई।

महामंडलेश्वर धर्मदेव ने केंद्र में पीएम मोदी और यूपी में सीएम योगी को बधाई सहित साधुवाद देते हुए कहा दोनों ने मिलकर साहसिक कार्य करते हुए राम मंदिर का निर्माण करवाया । उन्होंने कहा भारत ही नहीं पूरी दुनिया अथवा ब्रह्मांड के 800 करोड लोग इस बात का गंभीरता से चिंतन और मंथन अवश्य करें कि वास्तव में हमारे पूर्वज कौन हैं ? इस बात में कोई शक अथवा शंका नहीं होनी चाहिए कि भगवान श्री राम ही हमारे अपने पूर्वज हैं । उन्होंने कहा कोई भी शुभ कार्य जल्दबाजी या फिर गलत नहीं हो सकता है । भगवान राम के राजतिलक नहीं होने पर गुरु महर्षि वशिष्ठ ने भी कहा था राजतिलक में विलंब अनुचित हुआ है । परिणाम स्वरूप भगवान श्री राम जब 14 वर्ष के वनवास से लौटे , इस समय फिर महर्षि वशिष्ठ ने भरत से कहा था कि जिस समय राम लौटे हैं वही समय उनके राजतिलक के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त भी है । उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा भगवान राम के जन्म को रामनवमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी या फिर लंका विजय और रावण वध को विजयदशमी के रूप में शुभ दिन माना गया है । ठीक इसी प्रकार से 22 जनवरी 2024 का दिन और पोष माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी भी आने वाले समय में विभिन्न प्रकार के शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त बन जाएगा।

महामंडलेश्वर धर्मदेव ने कहा राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भारत और विश्व में राम राज्य आरंभ होने सहित स्थापित भी होगा। भारत निश्चित विश्व गुरु बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। एक समय था जब भारत देश विश्व गुरु कहलाता था। लेकिन कालांतर को छोड़ दिया जाए तो अब एक बार फिर से उसे युग का आरंभ हो गया है। अब भारत विश्व का गुरु कहलायेगा । प्राण प्रतिष्ठा जैसे धार्मिक अनुष्ठान का विरोध करने वाले आध्यात्मिक और भारतीय नहीं हो सकते हैं । हम सभी को अपने पूर्वज भगवान श्री राम के निमित्त भव्य दिव्य और अलौकिक धार्मिक अनुष्ठान का दिल खोलकर समर्थन और स्वागत करना चाहिए । ऐसा करने से निश्चित ही हम सभी का भविष्य भी सुधरेगा। 

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