हिसार। जनवरी 20. – देश में राममंदिर के उद्घाटन को लेकर उपजे सांस्कृतिक उफान के संदर्भ में प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों की अग्रणी संस्था वानप्रस्थ द्वारा ,,’रामकथा के आंचलिक संदर्भ’ विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।

गोष्ठी का संचालन करते हुए दूरदर्शन के पूर्व निदेशक अजीत सिंह ने कहा कि हरियाणा में जनप्रिय सामाजिक अभिवादन राम राम है जो सदियों से चला आ रहा है। दिवाली से अगले दिन हरियाणा में रामरमि का त्योहार मनाया जाता है जिसमें सभी अपने से आयु में बड़े व्यक्तियों से विशेष तौर पर मिलने जाते हैं, रामराम कहते हुए उनका अभिवादन करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

उत्तरी भारत में पारसी नाटक शैली में प्रचलित रामलीला पिछले करीबन 100 साल से जिस पुस्तक पर आधारित है उसके रचयिता हिसार ज़िले के टोहाना कस्बे के निवासी यशवंत सिंह वर्मा टोहानवी थे। पुस्तक का नाम है, आर्य संगीत रामायण । टोहाना में आज भी यह परंपरा है कि शादी के समय लड़की को इस पुस्तक की एक प्रति उपहार स्वरूप दी जाती है।

नाटक ही नहीं, हरियाणा के लोकगीतों में भी राम कथा के अनेक संदर्भ पाए जाते हैं। इसका एक उदाहरण वो भजन है जिसे कुंवारी कन्याएं कार्तिक माह में सुबह सवेरे गांव के पवित्र तीर्थ या तालाब पर स्नान करने जाते समय गाती हैं।
अजीत सिंह ने बानगी के तौर पर इस लोकगीत को गाकर भी सुनाया जिसमें सभी सदस्य शामिल हो गए और इसे समूहगान बना दिया। गीत के बोल थे:

‘ राम और लछमन दसरथ के बेटे, दोनों बण खंड जाएं,
ए जी कोई राम मिले भगवान…’

यह पूरा भजन धरती के फटने और उसमें सीता के समा जाने पर समाप्त होता है।
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए बिजली निगम के पूर्व मुख्य संचार अधिकारी धर्मपाल ढुल ने राम सीता के स्वयंवर से पहले वाटिका में मिलन का गीत प्रस्तुत किया,

‘लाडो पूछे दादा से,
ओ दादा,
मैं किस विद मिलने जाऊं
रंगीले आए रहे बागां मैं,
दादा कहते लाडो से,
हे लाडो,
तुम मालिन बन के जाओ
रंगीले आए रहे बागां मैं…’

एक और राम भजन पेश करते हुए प्रेम केडिया ने शबरी भीलनी के बेरों का संदर्भ उठाया। ‘मेरी झोंपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे, राम आयेंगे…’
श्यामा गोसाईं ने भी शबरी संदर्भ पर एक गीत पेश किया:

‘चित्रकूट के घाट घाट पर
शबरी देखे बाट,
राम मेरे आ जाइयो….’
सुप्रसिद्ध गायक प्रो रामकुमार सैनी ने भजन पेश किया:
‘तुम मेरी रखो लाज हरि,
तुम जानत सब अंतर्यामी
करनी कछु ना करी…’
प्रो सुनीता सुनेजा का भजन था:
‘रघुपति राघव राजा राम,
पतित पावन सीताराम..’

प्रो महासिंह राणा ने भी एक रामभजन पेश किया।
वानप्रस्थ में आज बिजली निगम के पूर्व मुख्य संचार अधिकारी धर्मपाल ढुल का 70वां जन्मदिन भी मनाया गया।
सभी ने उन्हें बधाई दी और उनके जीवन अनुभवों को सुना। डॉ राणा, करतार सिंह , डॉ मनवीर सिंह व संस्था के अन्य वरिष्ठ सदस्यों द्वारा उन्हें पौधा देकर सम्मानित किया गया।

गत बुधवार वानप्रस्थ में गुरु गोविंद सिंह महाराज की जयंती भी मनाई गई थी

error: Content is protected !!