राहुल गांधी की नीतिगत विचारधारा ने ओबीसी एक्टिविस्ट को किया प्रभावित

राहुल गांधी की नीतिगत विचारधारा से प्रभावित होकर ओबीसी एक्टिविस्ट ने भारत न्याय यात्रा का किया समर्थन

ओबीसी को समुचित हक दिलवाने के लिए देश में जातिगत जनगणना की नितांत आवश्यकता : राहुल गांधी

हिसार : पिछड़ा वर्ग की समस्याओं व मांगों से अवगत करवाने के लिए देश के बहुत से प्रसिद्ध ओबीसी एक्टिविस्ट ने प्रसिद्ध नेता राहुल गांधी से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। राहुल गांधी द्वारा संसद में ओबीसी की पैरवी करने संबंधी बयान का हवाला देते हुए सभी ओबीसी एक्टिविस्ट ने उनका आभार जताया और उनकी विचारधारा का समर्थन भी किया तथा उनकी विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने का आह्वान भी किया। पिछड़ा वर्ग से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी की विचारधारा से प्रभावित होकर भारत न्याय यात्रा के समर्थन का भी ऐलान किया।

कई वर्षों से ओबीसी के हकों की लड़ाई लड़ रहे ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के अध्यक्ष पूर्व चीफ जस्टिस वी ईश्वरया, सामाजिक क्रांति गठबंधन के अध्यक्ष पूर्व जस्टिस विरेंद्र यादव, ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हंसराज जांगड़ा, ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल, संविधान बचाओ सघर्ष समिति के कोऑर्डिनेटर सूरज मंडल, संविधान बचाओ सघर्ष समिति के कनवीनर अनिल जयहिंद, प्रो. रतन लाल अंबेडकर नामा, श्रीकांत पाल प्रधान एआईबीसीएफ यूपी, मनीराम राजस्थान, मधु गौड़ याखी तेलंगाना, श्रीनिवास गोमा, श्विभा पटेल एमपी एवं हिमांशु आर्य खोवाल सहित देश के कई प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात करके ओबीसी की मांगों पर मंथन किया।

राहुल गांधी से मुलाकात करके हिसार वापस लौटे ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के व्यक्तित्व व उनकी सहृदयता ने सभी ओबीसी सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रभावित किया। एडवोकेट खोवाल ने कहा कि वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों संसद में ओबीसी के हकों की खुलकर पैरवी की थी। राहुल गांधी ने संसद में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे ओबीसी हैं और चुनाव जीतने पर ओबीसी को उनके हक अवश्य मिलेंगे। इसी भांति वर्ष 2019 में भी नरेंद्र मोदी ने ओबीसी वर्ग को उसके हक दिलवाने के बड़े-बड़े वायदे किए लेकिन दो बार चुनाव जीतकर भी उन्होंने ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया। नरेंद्र मोदी ने बड़े-बड़े वायदे करके केवल ओबीसी वर्ग को भ्रमित करके वोट बंटोरने का काम किया है।

राहुल गांधी ने संसद में अपनी आवाज बुलंद करते हुए जातिगत जनगणना की मांग की भी लेकिन भाजपा ने इस बारे में कोई कार्यवाही नहीं की। कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2012 में जातिगत जनगणना करवाई थी जिसे भाजपा ने दरकिनार कर दिया। भाजपा ने आंकड़े सही न होने का बहाना बनाकर इस जातिगण जनगणना को सार्वजनिक ही नहीं किया।

वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री से पूछा था कि देश को 90 सचिव चलाते हैं। किस वर्ग,विभाग या मंत्रालय को कितना बजट देना है यह 90 सचिव तय करते हैं। आप यह बताएं कि आपके राज में जो 90 सचिव भर्ती किए हुए हैं उनमें से ओबीसी कितने हैं लेकिन नरेंद्र मोदी ने इस प्रश्न का जवाब देने की अपेक्षा चुप्पी साध ली। राहुल गांधी ने बताया कि केवल तीन सचिव ओबीसी वर्ग से हैं।

राहुल गांधी ने सभी ओबीसी एक्टिविस्ट को आश्वस्त किया कि कांग्रेस की सरकार आते ही देश में जातिगत जनगणना होगी और ओबीसी को उनकी जनसंख्या के अनुसार आरक्षण व अन्य हक प्रदान किए जाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि जैसे चोट लगने पर पहले एक्सरे करवाया जाता है ताकि सही समस्या का पता चल सके, इसी भांति जनगणना अत्यंत आवश्यक है ताकि ओबीसी की जनसंख्या का पता लगाकर उनकी समस्याओं का समुचित निदान किया जा सके।

राहुल गांधी की नीतिगत बातों से प्रभावित होकर सभी एक्टिविस्ट ने उनकी भारत न्याय यात्रा को खुलकर समर्थन देने की घोषणा करते हुए उनकी विचारधारा का समर्थन किया।

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