अनुशासनहीनता निचले स्तर से नही अपितु ऊपर से कायम होती है। हरियाणा के तथाकथित बड़े नेता मनमानी करे और जिला स्तर के कार्यकर्ताओं से यह अपेक्षा की जाये कि वे अनुशासन में रहेे, यह कैसे संभव है? विद्रोही 

कांग्रेस नेतृत्य यदि जनभावनाओं को समझकर फैसला नही लेगा और कल्पना लोक में रहकर दरबारी घोडों को ही महत्व देगा, तो हाथ में आने वाली सत्ता कांग्रेस से फिर फिसल सकती है : विद्रोही

4 जनवरी 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा कांग्रेस में बढ़ रही गुटबाजी व अनुशासनहीनता पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि यदि इस पर गंभीरता से रोक नही लगाई तो हरियाणा में अक्टूबर 2024 विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ, राजस्थान की तरह कांग्रेस के हाथों से जीती हुई बाजी खिसक सकती है। विद्रोहीे ने कहा कि छोटे स्तर के नेताओं को तो गुटबाजी छोडने व एकजुटता से काम करने, चुनाव लडने का उपदेश दिया जाता है, लेकिन बड़े नेताओं को न तो कठोरता से गुटबाजी से रोका जाता है और न ही उनके मनमाने आचरण पर अंकुश लगाया जाता है। जब तक कांग्रेस नेतृत्व तथाकथित बड़े नेताओं से कठोरता से नही निपटेगा तब तक न तो गुटबाजी रूकने वाली है और न ही कांग्रेस के लिए जीत का रास्ता प्रशस्त होने वाला है। अनुशासनहीनता निचले स्तर से नही अपितु ऊपर से कायम होती है। हरियाणा के तथाकथित बड़े नेता मनमानी करे और जिला स्तर के कार्यकर्ताओं से यह अपेक्षा की जाये कि वे अनुशासन में रहेे, यह कैसे संभव है?  

विद्रोही ने कहा कि एक ओर हरियाणा में कांग्रेस का प्रमुख प्रतिद्वंदी दल भाजपा लोकसभ व विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए अपने संगठन को चुस्त-दुरूस्त कर रहा है, वहीं कांग्रेस से अपना संगठन तक नही बन रहा है। हरियाणा में कांग्रेस का संगठन न बनना आम हरियाणियों के मन में भी यह सवाल खडा करता है कि जो दल 10 साल से भी अपना संगठन नही बना सका, उस दल से कैसे अपेक्षा की जा सकती है कि सत्ता मिलने पर जनसमस्याओं का तीव्रता व गंभीेरता से समाधान करेगा। कांग्रेस नेताओं, नेतृत्व को उक्त बात गलत लग सकती है, लेकिन कटु सत्य यही है कि हरियाणा को तटस्थ मतदाता जमीनी स्तर पर ऐसा कहता है। लोकतंत्र नेताओं की इच्छा अनुसार नही चलता अपितु जनभावना के अनुरूप चलता है। जो दल जनभावना अनुरूप फैसले लेकर अपनी विगत गलतियों को सुधारता है, जनता उसी को सत्ता देती है।

विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्य यदि जनभावनाओं को समझकर फैसला नही लेगा और कल्पना लोक में रहकर दरबारी घोडों को ही महत्व देगा, तो हाथ में आने वाली सत्ता कांग्रेस से फिर फिसल सकती है।  

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