चंडीगढ़ में एसवाईएल नहर निर्माण मुद्दे पर जलसंसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता मेें हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्रीयों की हुई तीसरीे बैठक भी असफल : विद्रोही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का यही स्टैंड रहा कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए फालतू पानी नही है, इसलिए पंजाब में आधी-अधूरी पडीे एसवाईएल नहर बनाने का कोई औचित्य नहीे है : विद्रोही मुख्यमत्री मनोहरलाल खट्टर नहर निर्माण के लिए केन्द्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के जनवरी 2002 के निर्णय अनुसार सेना की निगरनी में पंजाब में अधूरी पडी एसवाईएल निर्माण करवाने के लिए दबाव डालने से भाग रहे है : विद्रोही 29 दिसम्बर 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि केन्द्र की मोदी-भाजपा सरकार उच्चतम न्यायालय के जनवरी 2002 के निर्णय अनुसार सेना की निगरानी मेें आधी-अधूरी पडी एसवाईएल नहर का निर्माण करने की बजाय पंजाब-हरियाणा केे मुख्यमंत्रीयों की बेनतीजा रहने वाली बैठक पर बैठक करके अपनी जिम्मेदारी व जवाबदेही से भाग रही है। विद्रोही ने कहा कि वीरवार को चंडीगढ़ में एसवाईएल नहर निर्माण मुद्दे पर जलसंसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता मेें हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्रीयों की हुई तीसरीे बैठक भी असफल रही। इस बैठक में भी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का यही स्टैंड रहा कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए फालतू पानी नही है, इसलिए पंजाब में आधी-अधूरी पडीे एसवाईएल नहर बनाने का कोई औचित्य नहीे है। सवाल उठता है कि जब पंजाब एसवाईएल नहर निर्माण न करने के अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नही है तो फिर ऐसी बैठकों का औचित्य समझ से परे है। विद्रोही ने कहा कि इस बैठक के बाद हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का कहना है कि बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने माना कि पंजाब की नदियों का भारत के हिस्से का पानी बहकर पाकिस्तान में जा रहा है। खट्टर जी का कहना है कि पाकिस्तान जा रहे इस पानीे को हरियाणा को क्यो नही दिया जाता। खट्टर जी यह क्यों भूल जाते है कि पंजाब की नदियों का भारत के हिस्से का जो फालतू पानी पाकिस्तान में जा रहा है, उसे रोकने की जिम्मेदारी भी केन्द्र की मोदी भाजपा सरकार की है। विद्रोही ने कहा कि एक ओर पंजाब सरकार व मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब के पास फालतू पानी नही होने का रोना रोकर हरियाणा को उसके हिस्से का पानी देने एसवाईएल नहर निर्माण से भाग रहे है। सवाल उठता है कि जब केन्द्र की मंशा हरियाणा को उसके हिस्से का नहरी पानी पंजाब से दिलवाने की है, तब वह पंजाब में अधूरी पडी एसवाईएल का निर्माण सेना निगरानी में केन्द्रीय सीमा सड़क संगठन से करवाने की जवाबदेही से क्यों भाग रही है? वहीं पंजाब की नदियों का भारत के हिस्से का जो पानी बहकर पाकिस्तान में जा रहा है, उसे रोकने के लिए केन्द्र सरकार बांध निर्माण परियोजना क्यों नही बनाती। विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य यह है कि मोदी सरकार एसवाईएल नहर निर्माण की अपनी जवाबदेही पूरा नही करना चाहती और मोदी, नागपुर-संघ की कठपुतली मनोहरलाल खट्टर हरियाणा के हितों के प्रति कतई भी गंभीर नही है। Post navigation सिरसा में पत्रकारों से बोले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने में भाजपा-जजपा सरकार नाकाम: कुमारी सैलजा