मैं कृष्ण रामपुरिया, बाहर से गाड़ी सब्जी लेकर नहीं आएगी 

पटौदी सब्जी मंडी में लाठी डंडों से लैस बदमाशों का तांडव 

सब्जी लेकर आए वाहन चालकों पर जानलेवा हमला और धमकी 

बदमाशों के हमले में घायल वाहन चालक पटौदी अस्पताल में उपचाराधीन 

तीन गाड़ियों में आए बदमाशों ने आधी रात बोला हमला 

संडे को सब्जी मंडी पटौदी वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा बंद का आह्वान 

फतह सिंह उजाला 

पटौदी 24 दिसंबर । मैं  कृष्ण रामपुरिया, यहां पर बाहर से गाड़ी सब्जी लेकर नहीं आएगी। अगर बाहर की गाड़ी आई तो मैं ऐसे ही मारपीट करूंगा। आज तो मैं इनको छोड़ रहा हूं, अगर दोबारा सब्जी लेकर गाड़ी आई तो जान से मार दूंगा । पटौदी थाना में मुकेश पुत्र रामकरण निवासी गांव ततारपुर खालसा थाना धारूहेड़ा की शिकायत पर दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट में यही कुछ लिखा हुआ है । 

गौर तलब है कि शनिवार – संडे की मध्य रात्रि में प्रतिदिन की तरह ही विभिन्न गाड़ियां सब्जियां लेकर पटौदी सब्जी मंडी में पहुंची थी । सब्जी से भरी इन गाड़ियों के चालक और अन्य मजदूर अथवा पल्लेदार गहरी नींद में सोए हुए थे । अचानक उसी समय तीन गाड़ियों में लगभग एक दर्जन युवक जो कि अपने साथ लाठी डंडे और लोहे की राड इत्यादि लिए हुए थे, पटौदी सब्जी मंडी पहुंचे। इसके बाद बिना देर किए वहां पर खड़ी सब्जी से भरी गाड़ियों के शीशे तोड़ना आरंभ कर दिया। इतना ही नहीं चालक केबिन में सोए हुए चालक व अन्य लोगों को बाहर खींच खींच कर बुरी तरह से मारा पीटा गया। बदमाशों के द्वारा सब्जी मंडी में काम करने वाले मजदूर और पल्लेदारों को यह भी धमकी दी गई की किसी भी गाड़ी से माल नीचे उतरा तो अच्छा सबक सिखाया जाएगा ।

इस प्रकार जानलेवा हमले और दी गई धमकियां को देखते हुए पटौदी सब्जी मंडी के सभी होलसेलर और रिटेलर सब्जी विक्रेता दुकानदारों में डर का माहौल बना हुआ है । बदमाशों के द्वारा हमले और की गई मारपीट में मुकेश कुमार पुत्र रामकरण, विकास पुत्र बलवान सहित अन्य लोगों को भी विभिन्न प्रकार की चोटें आई है । पुलिस को बताया गया है कि हमलावर बदमाश एचआर  76एच 3163 और एचआर  76एच 0992 व एक अन्य गाड़ी में सवार होकर पहुंचे थे। हमला किया जाने के दौरान शोर सराबा सुनकर जब मौके पर भीड़ हुई इकट्ठा हुई तो हमलावर गाड़ियों में सवार होकर मौके से रफू चक्कर हो गए । हमला किया जाने की देर रात को ही पुलिस को सूचना दे दी गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पहचान सहित दबोचने के लिए विभिन्न टीम सक्रिय कर दी हैं।

किस गाड़ी और चालक पर बोला हमला

लाठी डंडों और लोहे की राड से लेस बताए गए बदमाशों के द्वारा बीती रात को जिन गाड़ियों सहित गाड़ियों के चालक अथवा मलिक पर हमला बोला गया उनमें से दो लोगों को गंभीर चोट आने पर पटौदी के नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया। जिन गाड़ियों और चालक अथवा मलिक को निशाना बनाया गया उनकी पहचान एच आर 64ए 9790 विकास,  आर जे 32जीए 6234 सुभाष, एच आर 47 एफ 4179 कालू-सतीश, एच आर 61सी 1923 सुरेश, एच आर 38 ए 6259 मुकेश शर्मा,  आरजे 52 ए 7 618 मोतीलाल, आरजे 32जीसी6093 मनोज-सुरेश, आरजे 14 जीपी 6987 राजेंद्र के रूप में की गई है। इन सभी गाड़ियों के चालक केविन और साथ की खिड़कियों के शीशे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिए गए हैं।

पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में हुआ कैद

पटौदी सब्जी मंडी में बदमाशों के के द्वारा बोले गए जानलेवा हमले और मारपीट के तांडव का घटनाक्रम सब्जी मंडी में विभिन्न आढतियों के यहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया । सब्जी मंडी पटौदी वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान देशराज और उप प्रधान पवन कुमार के मुताबिक शनिवार संडे मध्य रात्रि में ही डायल 112 पर सूचना दे दी गई। सूत्रों के मुताबिक संडे को सुबह पुलिस के आला अधिकारी भी सब्जी मंडी परिसर पहुंचे और वहां घटना की जानकारी लेने के साथ सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करते हुए अपने कब्जे में सीसीटीवी फुटेज लिया गया। चर्चा और सूत्रों के मुताबिक पुलिस के द्वारा इस घटनाक्रम में आधा गार्डन से अधिक हमलावर-बदमाशों सहित बदमाशों के द्वारा इस्तेमाल की गई  गाड़ी को राउंडअप किया गया है। हालांकि पुलिस इस मामले में ज्यादा कुछ कहने से बच रही है।

नहीं मिली सब्जियां और फल 

पटौदी सब्जी मंडी में बदमाशों के द्वारा बताए गए तांडव के विरोध में सब्जी मंडी पटौदी वेलफेयर एसोसिएशन के आह्वान पर सब्जी मंडी बंद रखने से आम लोगों को सब्जियां और फल नहीं मिल सके। पटौदी सब्जी मंडी संडे को पूरी तरह पूरे दिन सुनसान रही। सब्जियां लेकर पहुंचे विक्रेता किसानों 

 व अन्य विक्रेताओं को बिक्री के लिए लाई गई सब्जियां और फल इत्यादि लेकर वापस लौटना पड़ा। खास बात यह रही की रेहडी और माशाखोर सब्जी विक्रेता जो कि प्रतिदिन सब्जी फल इत्यादि खरीद कर बेचते और अपना गुजारा करते थे, उनका काम धंधा भी चौपट रहा। इतना ही नहीं आसपास के इलाके में या बड़े ग्रामीण क्षेत्रों में फेरी लगाकर सब्जी इत्यादि बेचने वाले भी संडे को सब्जी मंडी बंद होने के कारण खाली ही बैठे रहे। 

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