कल बहन बिलकिस बानों थी, आज बहन साक्षी मलिक है, कल हमारी या तुम्हारी भी बेटी हो सकती है। बेटियों के आँसुओं पर हँसने वालो, समय का पहिया घूमकर जरूर आता है। इसलिए हमे इस जुल्मी, अन्यायी व्यवस्था के खिलाफ एकजुट होना होगा।

महिला पहलवानों से हुए यौन शौषण मामले में भाजपा द्वारा प्रदर्शित की जा रही दुर्भावना व पीड़ितों की मांगों की उपेक्षा निंदनीय व दुःखद है। यह प्रकरण महिला सुरक्षा के प्रति भाजपा की असंवेदनशीलता को उजागर कर रहा है।

23/12/2023 पटौदी :- ‘इतिहास के काले पन्नों पर पहले से दर्ज है कि जब रोम जल रहा था तब वहां का क्रूर शासक नीरो बांसुरी बजा रहा था। अब उन्हीं पन्नों पर दर्ज होगा कि जब सितारे हिंद के आंखो में आंसू थे, तब एक बौना दुर्योधन नारी की अस्मत पर हाथ डालनेवाले दु:शासन के साथ मुस्करा रहा था।’ उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेटर सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने यौन शोषण से प्रताड़ित बेटी के कुश्ती छोड़ने और आहत बजरंग पुनिया द्वारा अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने के, लिए गए दुखद फैसले पर आरएसएस, बीजेपी, बजरंगदल, विश्व हिंदू परिषद तथा हिन्दू सेना जैसे संगठनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा की इन लोगों की भावनाएं ना साक्षी मलिक के संन्यास पर आहत होती है, ना बजरंग पुनिया के पद्मश्री लौटाने पर, ना 750 किसानों की शहादत पर, ना मंत्री पुत्र द्वारा किसानों के नरसंहार पर, ना मणिपुर की नग्न औरतों पर और ना वहाँ 87 लोगों के सामूहिक दफ़न पर, जिसमें 1 माह का बच्चा था। इन बर्बरताओं पर इन किसी भी संघटन की भावनाएं आहत नहीं हुई, किसी ने ज्ञापन नहीं दिया किसी ने भारत बंद नहीं बुलाया।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि पद्मश्री सम्मान से बड़ा एक ब्लात्कारी कैसे हो सकता है किसी भी सरकार के लिए? सरकार बहादुर शर्म करो और चुल्लू भर पानी में डूब मरो जो आपके घर के बाहर के फुटपाथ पर देश के गौरव खिलाडियों को तंग आकर पद्मश्री रखना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार के तानाशाही रवैये से देश का हर वर्ग परेशान है। ये सरकार खिलाड़ी विरोधी, किसान विरोधी, युवा विरोधी, व्यापारी विरोधी, गरीब विरोधी है। इन्होंने किसी भी वर्ग का भला नहीं किया है, ये भाजपा आमजन विरोधी है।

वर्मा ने कहा कि समाज को और देश को यह सोचना होगा की यह बच्चे किसलिए लड़ रहे हैं? क्यों इनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है? देश में क्यों तानाशाही का माहौल बनाया गया है। जब देश के लिए मेडल लाने वालों की नहीं सुनी जा रही है तो आम जनता की कितनी सुनी जाती होगी? उन्होंने कहा कि हर वक्त ड्रामा करने वाली महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी चुप क्यों है? जब भी महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर बात होती है, तो ये ड्रामा रानी ग़ायब हो जाती है यही हाल बीजेपी की प्रवक्ता राष्ट्रीय महिला आयोग का है। इस देश के माथे पर यह घटना कलंक साबित होगी कि एक तथाकथित फर्जी राष्ट्रवादी सरकार से देश के मैडलिस्टो को न्याय ना मिल सका इसलिए उन्होंने अपना पुरस्कार वापस लौटा दिया।

महिला कांग्रेस नेत्री वर्मा ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी बहुत भारी पड़ेगी, जिंदगी और घर को दांव पर लगाकर पहलवान तैयार होते हैं। इन खिलाड़ियों को न्याय प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा की गई वादा खिलाफी से इन पहलवानों के माता पिता पर क्या गुजर रही होगी ये सोचने से ही अंतर्मन कांप जाता है। ये हार खिलाड़ियों की नही पूरे देश की है। उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थक उनके ट्रोल्स दुर्भाग्य पूर्ण ढंग से इन पहलवानों को गाली दे रहे हैं तमाम उल्टे सीधे आरोप लगा रहे हैं।
आख़िर क्यों? क्या इन ट्रोल्स की इतनी हैसियत है कि कोई एक मेडल ले आए? 2.5 करोड़ की बात वो लोग कर रहे हैं जिन्हें 2.5 ₹ भी नहीं मिलते एक ट्वीट के 2 ₹ मिलते है शायद। इन अंधभक्तों को ये समझ लेना चाहिए की बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक देश की शान है देश का मान है इज़्ज़त करो। ब्रजभूषण जैसे सैकड़ो नेता आए और गए पर देश के लिए ओलंपिक खेलो मे मेडल लाने वाली साक्षी मलिक एक मात्र महिला पहलवान है।

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