तन मन धन से साथ देने वालों का जयहिंद ने दिया धन्यवाद जो भोले की मर्ज़ी वो मुझे मंज़ूर-जयहिंद रौनक शर्मा रोहतक / चंडीगढ़ – जयहिंद सेना प्रमुख नवीन जयहिंद लंबे अरसे से जिस बाग में रहे थे उसे शनिवार को खाली कर दिया हैं। शनिवार को इसी बाग से प्रेसवार्ता कर नवीन जयहिंद ने पत्रकारों से कहा कि वे इस बात के लिए बाग के मालिक एडवोकेट राजबीर राठी, सुखबीर राठी, महाराज सिंह और उनके परिवार का धन्यवाद करते हैं जो उन्होंने इतने समय तक उनका साथ दिया। वे नहीं चाहते कि परिवार को किसी भी तरह की कोई समस्या आए । नवीन जयहिंद ने कहा कि इस बाग से उनकी और उनके साथियों की हजारों अच्छी यादें जुड़ी हुई है चाहे वह कोरोना काल हो या फिर हरियाणा के बुजुर्गों, दिव्यांगों और बेरोजगारों की आवाज उठाने का संघर्ष हो। हर संघर्ष का साथी ये बाग और यहां रहने वाले पशु -पक्षी रहे है । जयहिंद ने सुप्रीमकोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के बाद सुप्रीमकोर्ट में जब ये मामला पहुंचा तो कोर्ट ने सरकार के हक में फैसला दिया और कहा जो सरकार इस जमीन के साथ करना चाहे कर सकती है इसलिए अब वे इस बाग को छोड़ रहे है । जयहिंद ने प्रदेश की जनता और अपने साथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज तक उनकी लड़ाई में जिसने भी साथ दिया वह उसका धन्यवाद करते हैं और आगे भी बहुत आभारी रहेंगे। भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि जो हो रहा है वो भी अच्छा हो रहा है और जो आगे होगा वो भी अच्छा ही होगा। जो भी भोलेनाथ का आदेश होगा खुले मन से स्वीकार है । जयहिंद ने आगे भावुक होते हुए कहा कि इसी बाग से उन्होंने प्रदेश कि जरूरतमंद जनता के लिए परिवार पहचान पत्र और काटे गए बीपीएल कार्ड समस्या को सरकार के सामने रखा था और हज़ारों लोगों की मदद की थी। दादा दुलीचंद के साथ मिलकर “थारा फूफा जिंदा है” अभियान भी यहीं से चलाया था और प्रदेश के लाखों बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की पेंशन को बहाल करवाया था। लंबे समय से भर्तियों के लिए तरस रहे प्रदेश के लाखों बेरोजगारों के लिए “बेरोजगारों की बारात” निकालकर सीईटी की भर्ती निकलवाई थी और पुलिस भर्ती का रिजल्ट जारी करवाया था । हरियाणा पुलिस के कर्मचारी, एसपीओ गार्ड और होमगार्ड , जेल वार्डन के कर्मचारियों के लिए आवाज उठाई थी । खिलाड़ियों के लिए खेल कोटा बहाल करवाया था । रोहतक पीजीआई में हो रही बाहरी लोगों की भर्तियों के खिलाफ़ आवाज उठाई और केस दर्ज हुआ व जेल गए । जयहिंद ने पहरावर की जमीन के मुद्दे को भी उठाते हुए कहा कि यहीं से उन्होंने समाज को पहरावर की जमीन दिलाने की लड़ाई लड़ी थी और और उन पर केस दर्ज हुए थे। भाईचारे के लिए , नशे के खिलाफ व प्रदेश बेरोजगारों के लिए कावड़ यात्रा की शुरूआत थी से की थी । जयहिंद ने जनता से भी अपील की कि अगर कोई साथी मदद करना चाहे तो स्वागत है नहीं तो वे सड़क पर भी रह लेंगे। Post navigation पदक विजेता बेटियों को खून के आंसू रुला रही है सरकार: कुमारी सैलजा कुरुक्षेत्र के पास पीपली में संत रविदास तथा सिख गुरुओं की स्मृति में स्मारक बनाये जाएंगे : मुख्यमंत्री