146 सांसदों को सत्ता व पद दुरूपयोग से संसद से बाहर फेंककर राज्यसभा चेयरमैन श्री जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिडला व मोदी-भाजपा-संघ सरकार 36 बिरादरी के लगभग 25 करोड मतदाताओं का अपमान किया है : विद्रोही

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला राहुल गांधी व विपक्षी सांसदों को शहीद किसानों को श्रद्धांजलीे देने से रोकने का कुप्रयास करते रहे, तब धनखड़ जी का खून क्यों नही खोला? विद्रोही

22 दिसम्बर 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने उपराराष्ट्रपति माननीय जगदीप धनखड जी व मोदी-भाजपा-संघ से सार्वजनिक सवाल किया कि यदि मिमिक्री करने से एक जाति विशेष व किसान समाज का अपमान होता है, तब संसद में सुरक्षा चूक मामला उठाने पर कांग्रेस-विपक्ष के 146 सांसदों को लोकसभा व राज्यसभा से निलम्बित करने पर लगभगे 25 करोड़ लोगों को संसद में प्रतिनिधिनित्व करने वाले सासंदों को सत्ता दुरूपायोग से संसद मेें मुद्दे उठाने से रोकने के कुप्रयास से 36 बिरादरी की सभी जातियों का अपमान नही हुआ?

विद्रोही ने कहा कि 36 बिरादरी के 146 सांसदों को सत्ता व पद दुरूपयोग से संसद से बाहर फेंककर राज्यसभा चेयरमैन श्री जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिडला व मोदी-भाजपा-संघ सरकार 36 बिरादरी के लगभग 25 करोड मतदाताओं का अपमान किया है। ऐसीे स्थिति में देशभर की 36 बिरादरी की सभी जातिया धनखड जी, बिरला जी, मोदी जी का सार्वजनिक बहिष्कार क्यों न करे? वहीं अपनीे कथित मिमिक्री को जाट जाति व किसान समाज से जोडने वाले जगदीप धनखड़ को अब जवाब देना होगा जब जाट समाज 36 बिरादरी से सम्बन्धित किसान समाज के लोग तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्षे कर रहे थे, जब भाजपा-संघ बयान देकर किसानों को खुलेआम उपद्रवी, खालिस्तानी, आंदोलनकारी शराबी बता रहे थे और मोदी, अमित शाह किसानों को दिल्ली में भी प्रवेश से रोकने सत्ता दुरूपयोग से उन पर बर्बर अत्याचार कर रहे थे, जब जाट जाति व किसान समाज का जो घोर अपमान हुआ था तब उपराष्ट्रपति पद पर बैठे श्री जगदीप धनखड जी का खून क्यों नही खोला?  

विद्रोही ने सवाल किया कि किसान आंदोलन में 36 बिरादरी के किसान समाज के 750 से ज्यादा किसान शहीद हो गए और राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकसभा में कांग्रेस-विपक्ष के सांसदों ने शहीद किसानों को श्रद्धांजली देने खडे होकर मौन धारण किया था, तब भाजपा सांसद हो-हल्ला मचा रहे थे और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला राहुल गांधी व विपक्षी सांसदों को शहीद किसानों को श्रद्धांजलीे देने से रोकने का कुप्रयास करते रहे, तब धनखड़ जी का खून क्यों नही खोला? वहीं जब जंतर-मंतर पर यौन शोषण के विरूद्ध संघर्ष कर रही जाट समाज की पहलवान बेटियों को सरेआम दिल्ली पुलिस ने पीटा, घसीटा, बेईज्जत किया, तब जाटों के स्वयंभू नेता बन रहे जगदीप धनखड़ का खून क्यों नही खोला? जब हरियाणा के एक मंत्री नेे आंदोलनकारी किसान की बहु-बेटियों का सार्वजनिक अपमान किया, तब जाट समाज के नाम पर मोदी की दलाली कर रहे इन नेताओं का खूल क्यों नही खोला?

विद्रोही ने कहा कि मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री है जो अपनी असफलता को छिपाने जनमुददों से लोगों को भटकाने खातिर भाजपा सरकार की जनविरोधी, फासिस्ट नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने पर जुमला उछालते है, मेरा अपमान हो गया, मेरी जाति का अपमान हो गया, अब उसी तर्ज पर श्री जगदीप धनखड़ जी राज्यसभा चेयरमैन होने नाते अपने गैरलोकतांत्रिक असंवैद्यानिक आचरण को सही ठहराने जाति का सहारा लेकर उपराष्ट्रपति पद की गरिमा को रसातल में मिला रहे है।    

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