छात्राओं पर बढ़ती यौन शोषण की घटनाओं पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर पूछे सवाल

जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तब से लगातार भ्रष्टाचार के मामले हो रहे हैं उजागर : अभय सिंह चौटाला

कहा – फरीदाबाद, गुरूग्राम, सोनीपत, करनाल, पंचकूला, भिवानी, हिसार और अंबाला नगर निगमों में करोड़ो रूपए के हुए भ्रष्टाचार

छात्राओं से यौन शोषण पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा -सरकार एक तरफ तो यह नारा दे रही है कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ परंतु दूसरी तरफ सरकारी मशीनरी बेटियों के यौन शोषण को बढ़ावा दे रही है

यौन उत्पीडऩ की जांच हाई कोर्ट के सीटींग जज से ही करवाने के फैंसले पर 24 घंटे भी नहीं रूकी सरकार: अभय सिंह चौटाला

सुझाव – हमारी बहन बेटियों से जुड़े हुए यौन शोषण के जितने भी मामले हैं उन सभी मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लेकर के जाओ और फास्ट ट्रैक कोर्ट से ही इन मामलों का जल्दी से जल्दी निपटारा करवाओ और दोषियों को सजा दिलवाओ

चंडीगढ़, 19 दिसंबर। ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को प्रश्रकाल के दौरान प्रदेश में भ्रष्टाचार के पंजीकृत मामले और उनकी जांच की स्थिति के बारे में प्रश्र पूछे। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तब से लगातार भ्रष्टाचार के मामले रोजाना उजागर होते रहे हैं। अनेक घोटालों के बारे में यहां पर चर्चा हुई और अनेक दफा आश्वासन मिला कि जांच करवाएंगे लेकिन आज तक उनकी कोई जांच नहीं हुई है।

मुख्यमंत्री ने कल सदन में गीता पे हाथ रख कर कहा था कि मैं किसी कीमत के उपर भ्रष्टाचार को सहन नहीं करूंगा। अगर कहीं भ्रष्टाचार हो रहा है और आप के सामने मामले उजागर किए जा रहे हैं तो आपको केवल जांच का आदेश नहीं देना चाहिए बल्कि उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कल उन्होंने जो गीता पर हाथ रखने की बात की थी वो किसी एक संदर्भ में कही थी। इस पर अभय सिंह ने कहा कि क्या बाकियों को भ्रष्टाचार करने की छूट है। सीएम ने कहा कि वे गीता पर विश्वास रखते हैं तो अभय सिंह ने कहा कि इस सदन में जितने लोग बैठे हैं सभी गीता पर विश्वास रखते हैं। अभय सिंह ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गीता पर तो वहां हाथ रखकर कसम खाई जाती है जहां कोर्ट के अंदर किसी नेे गवाही देनी होती है। तब वो कहता है कि मैं सच के सिवाय कुछ नहीं बोलूंगा और फिर दबा के झूठ बोलता है।

अभय सिंह ने कहा कि सरकार के सभी विभागों में खुल कर भ्रष्टाचार है लेकिन आज भ्रष्टाचार के कुछ प्रमुख मामलों को सदन मे रख रहे हैं। सप्लमेन्टरी प्रश्र पूछते हुए उन्होंने नगर निगमों में हुए भ्रष्टाचार के मामले रखे। फरीदाबाद नगर निगम में 200 करोड़ रूपए का घोटाला हुआ, गुरूग्राम नगर निगम में सोलिड वेस्ट मैनेजमैंट, हैल्थ और सेनिटेशन व कूड़ा उठान से संबंधित 180 करोड़ रूपए का घोटाला हुआ, सोनीपत नगर निगम में कूड़ा उठान और सर्विस चार्ज घोटाला हुआ, करनाल नगर निगम में स्ट्रीट लाईट और सीवरेज का घोटाला हुआ साथ ही अवैध कालोनियों की रजिस्ट्रिीयों को लेकर घोटाला हुआ, पंचकूला नगर निगम में कूड़ा उठान के नाम पर करोड़ों रूपए का घोटाला के अलावा एक और घोटाला हुआ है। पंचकूला नगर निगम मेें असिस्टैंट प्रोजेक्ट आफिसर की एक पोस्ट के एवज में 25 एपीओ भर्ती कर दिए।  एपीओ पद की येग्यता बीटेक है लेकिन बीटेक को अनदेखा कर दिया गया और डिप्लोमा होल्डर को भर्ती कर दिया गया। फिर उनको एपीओ से हटाकर जेई की पोस्ट पर लगा दिया गया और जेई का वहां से तबादला कर दिया। सरकार बिना पर्ची बिना खर्ची की बात करती है और अपने लोगो को एडजस्ट करने के लिए किस तरह से लोगों का तबादला कर दिया जाता है और तबादला करके पोस्ट खाली करके उनपर इस तरह से भर्ती कर दी जाती है। भिवानी नगर निगम में भी चैक और फर्जी रसीदों के नाम पर 3 करोड़ 87 लाख रूपए का घोटाला हुआ, हिसार नगर निगम में मैन पावर मुहैया करवाने वाली एजेंसी को लाखों रूपए जारी करके घोटाला किया गया, अंबाला नगर निगम में कूड़ा उठान के नाम पर 5 करोड़ का घोटाला हुआ और इसके अलावा स्टेडियम के निर्माण के उपर भी 86 करोड़ रूपए का घोटाला हुआ सिरसा नगर निगम में करोड़ों रूपए का घोटाला हुआ।  उन्होंने पूछा कि इन सब घोटालों का क्या हुआ, कौन सी जांच हुई है उस बारे में बताएं।

छात्राओं पर बढ़ती यौन शोषण की घटनाओं पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोले अभय सिंह चौटाला

छात्राओं पर बढ़ती यौन शोषण की घटनाओं पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को पढऩे से पहले अभय सिंह चौटाला ने कहा कि स्पीकर ने यह कहा है कि सदन में कही गई कोई भी बात मजाक में नहीं होती और उसको बहुत गंभीरता से लिया जाता है। सदन के सर्वसम्मत फैंसले को अमल में भी लाया जाता है। इस सदन में एक फैंसला 15 तारीख को हुआ था कि जींद के सरकारी स्कूल में प्राचार्य द्वारा बच्चियों के साथ किए गए यौन शोषण की जांच हाई कोर्ट के सीटींग जज से करवाई जाएगी। इस मुद्दे को लेकर कल फिर इसी सदन में विवाद हुआ था और मुख्यमंत्री और माननीय स्पीकर ने कहा था कि यह सदन का फैंसला है और इसकी जांच हाई कोर्ट के सीटींग जज से ही करवाएंगे और सोमवार को लिखकर भेजने वाले हैं। हैरानी की बात है उस फैंसले पर 24 घंटे भी नहीं रूकी सरकार। आपने अपना किया हुआ फैंसला 24 घंटे में ही बदल दिया। आपने सदन का निर्णय बदला और सदन का अपमान किया, ये गलत है। जो फैंसला सदन में किया हुआ है उसे तीन आदमी बैठ कर नहीं बदल सकते। अभय सिंह ने आरोप लगाया कि आप भाजपा और कांगे्रस को बचाने के लिए सदन के फैंसले बदलते हो।

उसके बाद अभय सिंह चौटाला ने जींद जिला के सरकारी स्कूल में प्रचार्य द्वारा छात्राओं के यौन उत्पीडऩ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को पढ़ते हुए कहा कि यौन उत्पीडऩ के कई मामले सामने आए हैं। कई छात्राओं ने तो जांच कमेेटी के सामने जाकर बयान भी दर्ज करवाए हैं। परंतु बहुत सारी छात्राएं ऐसी भी हैं जिनकी छेड़ छाड़ की शिकायतें आई थी लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई, हो सकता है इस मामले में प्राचार्य के साथ उनके स्टाफ के सदस्य भी सम्मिलित रहे होंगे। अन्यथा यह मामला जल्दी उजागर हो सकता था। सरकार एक तरफ तो यह नारा दे रही है कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ परंतु दूसरी तरफ सरकारी मशीनरी बेटियों के यौन शोषण को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश की जनता में सरकार के प्रति गहरा रोष है। यह एक गंभीर मसला है तथा इस तरह के मामले भविष्य में न आएं उसके लिए सरकार सदन में अपना वक्तव्य दे।

यौन उत्पीडऩ ध्यानाकर्षण पर बोलते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि एक सुझाव दे रहा हूं अगर ठीक लगे तो उसपर अमल कर लेना। इस मुद्दे पर विधानसभा सत्र के तीनों दिन चर्चा होती रही है। अपनी-अपनी तरफ से एक दूसरे पर आरोप लगे साथ ही बचाने की भी बहुत कौशिश की गई। यह मामला बहुत गंभीर है और मेरा यह सुझाव है कि  हमारी बहन बेटियों से जुड़े हुए यौन शोषण के जितने भी मामले हैं उन सभी मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लेकर के जाओ और फास्ट ट्रैक कोर्ट से ही इन मामलों का जल्दी से जल्दी निपटारा करवाओ और दोषियों को सजा दिलवाओ। अगर दोषी को जल्दी सजा मिलेगी तो फिर दूसरा कोई इस तरह की घिनौनी हरकत करने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। दोषी व्यक्ति का बचाव करने वाले लोग भी इस बात से डरेंगे कि मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में है। उन्होंने निवेदन किया कि इस तरह के और भी यौन उत्पीडऩ के जितने भी मामले हैं चाहे वो खिलाडिय़ों से संबंधित मामले थे जिसमें बच्चों ने अपने कोच के खिलाफ शिकायत की थी जो कोर्ट में लंबित हैं और चाहे मत्री संदीप सिंह द्वारा यौन शोषण पीडि़त महिला कोच का मामला हो सभी को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाए।   

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