राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) 2023 के विजेताओं को पुरस्कृत किया

किसी भी व्यवसाय से न केवल आर्थिक लाभ, बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ भी होने चाहिए – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

गुरुग्राम, 15 दिसंबर 2023 । भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के कार्यक्रम में ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार, राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता 2023 के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया।

हरियाणा को राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राज्य ऊर्जा दक्षता प्रदर्शन पुरस्कार (समूह-1) क्षेत्र में द्वितीय पुरस्कार मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया। ऑटोमोबाइल सहायक उद्योग का पहला पुरस्कार डेंसो हरियाणा, मानेसर को मिला। फर्टिलाइजर क्षेत्र में दूसरा पुरस्कार के लिए नेशनल फर्टिलाइजर, पानीपत को मिला। ऊर्जा समिति ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में प्रयास करने वाले सभी विजेताओं को बधाई दी है।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अपने स्थिरता के प्रयासों में ट्रिपल बॉटम लाइन की अवधारणा के साथ आगे बढ़ना चाहिए। किसी भी व्यवसाय से न केवल आर्थिक लाभ होना चाहिए बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ भी होना चाहिए।

उन्होंने ऊर्जा दक्षता का संदेश फैलाने के लिए पुरस्कार विजेताओं और चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता छात्रों की भी सराहना की। सरकार, उद्योग, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और स्कूली बच्चों के समूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हम सभी का स्वास्थ्य और खुशी प्रकृति के संरक्षण और अच्छे स्वास्थ्य में निहित है। यदि हम उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग करते हैं, तो प्रकृति और धरती माता पर अनावश्यक दबाव डाले बिना सभी की ऊर्जा और अन्य ज़रूरतें पूरी हो सकेंगी।

उन्होंने कहा कि उचित उपयोग के साथ-साथ सभी हितधारकों को ऊर्जा दक्षता और नवाचार को बढ़ावा देना होगा। ऊर्जा की बचत के उपायों को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल में लाना होगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा उत्पादन है और कहा कि यह संदेश बहुत उपयोगी है। उन्होंने सभी से इस संदेश को फैलाने के लिए हर संभव प्रयास करने का अनुरोध किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी में वैश्विक समुदाय को ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने के लिए निरंतर सक्रिय रहना होगा। हमें पवन, सौर और लघु एवं सूक्ष्म जल विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना होगा। नवीकरणीय ऊर्जा का ज्यादा उपयोग करने के साथ-साथ हमें कम संसाधनों से अधिक ऊर्जा उत्पादन के प्रयास भी करने होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में हमेशा एक जिम्मेदार देश के रूप में काम किया है। लेकिन हम समय-समय पर यह भी स्पष्ट करते रहे हैं कि भले ही जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता निश्चित रूप से कम हो रही है लेकिन जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा भी हमारे देश के लिए आवश्यक है। भारत स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रहा है ताकि कोयले का निष्कर्षण और उपयोग की प्रक्रिया अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बन सके। यह पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि 10 वर्षों की अवधि में भारत जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक की रैंकिंग में 30वें से 7वें स्थान पर आ गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम, 2022’ और नवीकरणीय खरीद दायित्व जैसे प्रयास भी भारत की वर्ष 2030 तक राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के लक्ष्य को प्राप्त करने की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘लाइफ’ के अनुरूप यानी पर्यावरण के लिए जीवनशैली के क्रम में भारत ने अब “हरित ऋण” की पहल की है जो हमारी परंपराओं से संबंधित पर्यावरण संरक्षण के तौर तरीकों को प्रोत्साहित करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये प्रयास हमारे स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।

ऊर्जा दक्षता और इसके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, ऊर्जा मंत्रालय के मार्गदर्शन में, बीईई, राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों के साथ सम्मानित करके ऊर्जा खपत को कम करने में औद्योगिक इकाइयों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों के प्रयासों को मान्यता देता है और प्रोत्साहित करता है।

एनईसीए 2023 के तहत 20 प्रथम पुरस्कार, 16 द्वितीय पुरस्कार और 27 योग्यता प्रमाणपत्र सहित कुल 63 पुरस्कार प्रदान किए गए। पुरस्कारों का आकलन प्रतिकृति, सामर्थ्य, विश्वसनीयता, ऊर्जा बचत पर प्रभाव और पर्यावरण और स्थिरता पर प्रभाव के आधार पर किया जाता है।

ऊर्जा संरक्षण के महत्व से जुड़ा संदेश फैलाने और ऊर्जा दक्षता और संरक्षण में राष्ट्र की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए हर वर्ष राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है।

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