लोकतंत्र और संविधान को भारतीय जनता पार्टी ने मज़ाक बनाकर रख दिया है : हनुमान वर्मा

भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा जिन्होंने एंट्री पास बनाया उन पर कार्रवाई क्यों नहीं : हनुमान वर्मा

15 सांसदों को आज संसद से निलंबित कर दिया जिनमें से 9 कांग्रेस के सांसद हैं और उनका गुनाह क्या था बताए केन्द्र सरकार : हनुमान वर्मा

संसद की सुरक्षा में हुई चूक की जबाबदेही किस की बनती हैं : हनुमान वर्मा

क्या अमृतकाल के नए संसद भवन के नए नियमो में विपक्ष के सवालों की कोई जगह नहीं है : हनुमान वर्मा

हिसार – लोकतंत्र और संविधान को भारतीय जनता पार्टी ने मज़ाक बनाकर रख दिया है , सबसे दिलचस्प बात तो यह है की निलंबित सांसदों में से एक सांसद तो आज हाउस में थे भी नहीं उनका भी निलंबन कर दिया । ये बात कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हनुमान वर्मा ने प्रेस में जारी विज्ञप्ति में कहीं ।

वर्मा ने कहा कि भाजपा ने अपने सांसद प्रताप सिम्हा पर कोई कार्यवाही नहीं की । जिन्होंने उनके एंट्री पास बनाए थे ।‌ 7 सुरक्षाकर्मियों का क्या कुसूर था । उनपर कार्यवाही ओर सांसद को क्लीन चिट ये कैसा न्याय है ?? वो मशीन जो सब बता देती है उसके अन्दर से कैसे वो दो गुजर गये । क्यों मशीन नहीं बोली ?? ये कुसूर तो उस मशीन का है । मशीन का ना बोलना कहीं ओर इशारा कर रहा है । बड़ी गड़बड़ है जिसको छुपाया जा रहा है । सुरक्षा तन्त्र बिल्कुल फैल था या सांसद प्रताप सिम्हा के एंट्री पास वालों की कोई तलाशी नहीं होती । उन्हें सुरक्षा उपकरणों से नहीं गुजारा जाता ??

वर्मा ने कहा ये 15 सांसदों को आज संसद से निलंबित कर दिया जिनमें से 9 कांग्रेस के सांसद हैं और उनका गुनाह क्या था बताए केन्द्र सरकार । जनता के सामने स्पष्ट करें । सांसदों ने संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर सवाल उठाये और जवाबदेही माँगी इस लिए निलंबित किया गया । संसद की सुरक्षा में हुई चूक की जबाबदेही किस की बनती हैं ?? जब केन्द्र में भाजपा की सरकार है तो जबाबदेही भी भाजपा की ही बनती है । तो सरकार जबाबदेही से क्यों भाग रही है ।

वर्मा ने कहां कि संसद के अंदर इतनी बड़ी-बड़ी बातें करने वाले और राष्ट्रीय सुरक्षा पर दुनिया भर में घूम घूमकर अपनी छाती ठोकने वाले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अपनी जवाबदेही से बचने के लिए विपक्ष का मुंह क्यों बंद कर देना चाहते हैं ?? यह कैसा लोकतंत्र है ??

वर्मा ने कहा लगता है अमृतकाल के नए संसद भवन के नए नियमो में विपक्ष के सवालों की कोई जगह नहीं है । इस लिए ये सब हो रहा है । क्या मोदी के न्यू इंडिया में लोकतंत्र की परिभाषा भी अब नई लिखी जाएगी ??

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