भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। रोड़वेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा के राज्य प्रधान ओमप्रकाश ग्रेवाल,राज्य महासचिव जयबीर घणघस व नारनौल डिपो प्रधान अनिल भीलवाडा ने जारी संयुक्त प्रेस ब्यान में बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए होने वाली हरियाणा कर्मचारी महासंघ की ललकार रैली में रोडवेज कर्मचारी भाग लेंगे। उन्होंने आगे बताया कि सांसदों, मंत्रियों, विधायको को पुरानी पेंशन योजना के तहत 80 हजार रुपये से लेकर चार लाख रुपये तक प्रति माह पेंशन ले रहे हैं दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों को सरकार नई पेंशन योजना के तहत नाम मात्र 1200 से 3000 हजार रुपये पेंशन दे रही हैं।कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 12 दिसम्बर को होने वाली ललकार रैली में सरकार से जवाब मांगा जाएगा और पूछा जाएगा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से पेंशन देने से अगर देश की आर्थिक स्थिति खराब होती हैं तो सांसदों व विधायको को लाखों रुपये प्रति माह पुरानी पेंशन योजना में पेंशन देने से क्या देश का विकास हो रहा हैं। यूनियन नेताओं ने कहा कि अगर नई पेंशन योजना इतनी अच्छी हैं तो राज नेता अपने ऊपर क्यो नही लागू करते। उन्होंने आगे बताया की प्रदेशभर के सभी विभाग के कर्मचारी सरकार की नीतियों व योजनाओं को आम जनता तक बिना अपनी जान की परवाह किए कोरोना जैसी महामारी में भी सहायता पहुंचाने का कार्य पूरी निष्ठा से करता हैं।फिर भी सरकार कर्मचारियों को पेंशन नही दे रही हैं। कर्मचारियों से साथ बहुत अन्याय कर रही हैं। प्रदेश का कर्मचारी अब इस अन्याय को सहन नही करेगा। यूनियन नेताओं ने सरकार को सीधे शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नीति बहाल नही करेगी, तो प्रदेश का कर्मचारी 2024 में सत्तासीन भाजपा व जेजेपी सरकार को सत्ता से हटाने का काम करेगा। सरकार विधानसभा विशेष सत्र बुला कर के अपनी विधायकी शक्तियों का प्रयोग करके पुरानी पेंशन नीति बहाल करे। सरकार हरियाणा कौशल रोजगार विभाग को तुरन्त भंग करे क्योंकि इसके तहत लगें कर्मचारियों का शैक्षणिक योग्यता अनुसार बहुत कम वेतन देकर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा हैं ओर कर्मचारियों का भविष्य में पक्के होने का कोई प्रवधान भी नही हैं।शर्तो पर आधारित एक्सग्रेसिया स्किम को वापिस लिया जाए ओर 1995 की पुरानी एक्सग्रेसिया नीति पुनः लागू की जाए।सभी प्रकार की बीमारियों के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा पूर्ण रुप से लागू की जाए।जिससे कर्मचारियों को विभागों में बार बार आने जाने की परेशानी से बचाया सके।सभी विभागों में निजीकरण पर पूर्ण रोक लगाई जाए। सभी विभागों में लाखों खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती की जाए। Post navigation जिलों में दो घंटे की हड़ताल पर चिकित्सक …… इलाज के लिए भटकते रहे मरीज, मांगों को लेकर धरने पर भी बैठे गोगामेड़ी हत्याकांड में बड़ी कामयाबी…….. शूटरों का मददगार रामवीर जाट गिरफ्तार