भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर जिला नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों ने कलम छोड़ हड़ताल की। जिसके चलते सुबह 9 से 11 बजे तक ओपीडी पूरी तरह से बंद है। इलाज कराने पहुंचे मरीजों को परेशानी हुई। चिकित्सकों ने अस्पताल परिसर में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और लंबित मांगों को पूरा किए जाने की मांग की। नागरिक अस्पताल नारनौल के साथ अटेली में नांगल चौधरी के सरकारी अस्पतालों के अलावा अन्य सीएससी और पीएचसी केंद्र के डॉक्टर भी 2 घंटे हड़ताल पर रहे। हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर आज प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में कार्य डॉक्टर ने सुबह 2 घंटे तक हड़ताल रखे जाने का निर्णय लिया था। इसी निर्णय के तहत नारनौल के नागरिक अस्पताल के अलावा जिला भर के अन्य सभी सीएचसी पीएचसी केंद्र में कार्यरत डॉक्टरों ने सुबह 9 से 11 बजे तक ओपीडी बंद रख हड़ताल रखी। नारनौल के नागरिक अस्पताल के चिकित्सक विरोध स्वरूप धरने पर भी बैठे। इस मौके पर डॉक्टरों का कहना था कि सरकार उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। जिसके कारण सरकारी डॉक्टरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर होने के नाते हुए बार-बार हड़ताल भी नहीं कर सकते। इसी का फायदा सरकार उठा रही है।सुबह 9 से 11बजे तक सरकारी अस्पतालों में समाज सेवाएं बंद रहने की वजह से मरीजों की लंबी लाइन लग गई। जिसके कारण सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवाने के लिए आए हुए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि 2 घंटे बाद डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं शुरू कर दी जिसके बाद ही मरीज ने राहत मिली। चिकित्सकों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों के लिए अलग से कैडर बनाने की मांग की जा रही है। इसको सीएम की घोषणा में शामिल किया गया था। दो साल बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। एसोसिएशन की ओर से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को भी लिखित में दिया गया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिसकी वजह से चिकित्सकों की मांगें लंबित हैं। उन्होंने बताया कि सर्विस में चिकित्सकों को जिस वक्त पीजी करने जाना होता है, तो एक-एक करोड़ रुपये के दो बांड भरने पड़ते हैं। एसोसिएशन की मांग है कि पुरानी पॉलिसी को लागू कर दिया जाए। पहले यह राशि 50 लाख थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिसकी वजह से चिकित्सकों को दो घंटे की पेन डाउन हड़ताल करनी पड़ रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हड़ताल के बाद भी मांगे नहीं मानी गई तो राज्य कार्यकारिणी के आदेश पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। Post navigation महेंद्रगढ़ में राजस्थान के गोगामेड़ी हत्याकांड का विरोध पुरानी पेंशन बहाली के लिए 12 दिसम्बर की करनाल ललकार रैली में भाग लेंगे रोडवेज कर्मचारी — नारनौल डिपो प्रधान अनिल भीलवाड़ा