बीजेपी-जेजेपी के पास नहीं है विपक्ष के सवालों का जवाब, इसलिए बुलाया सिर्फ 3 दिन का विधानसभा सत्र- हुड्डा

बिजनेस अडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में उठाएंगे सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग- हुड्डा

चंडीगढ़, 6 दिसंबरः बीजेपी-जेजेपी के पास जनता के सवालों और सरकार की नाकामियों का कोई जवाब नहीं है। इसलिए वह सिर्फ तीन दिन का विधानसभा सत्र बुलाकर चर्चा की औपचारिकता कर रही है। जबकि कांग्रेस द्वारा 24 से ज्यादा मुद्दों पर स्थगन और ध्यान आकर्षण प्रस्ताव दिए गए हैं, जिन पर चर्चा के लिए लंबा समय चाहिए। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उनकी अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि विधायकों ने आज बैठक में पांच राज्यों के चुनावी नतीजे पर मंथन किया। साथ ही आने वाले विधानसभा सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। कांग्रेस विधायकों की तरफ से यमुनानगर और अंबाला में जहरीली शराब से हुई मौतों, किसानों के पेंडिंग मुआवजे, उचाना में बच्चों के यौन शोषण, खनन घोटाले, कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, अस्पतालों में डॉक्टर व स्टाफ की कमी, बढ़ते भ्रष्टाचार, शिक्षा के गिरते स्तर, पंचायती जमीन, बढ़ते प्रदूषण, गुरुग्राम में प्रदूषित सिंचाई जल सप्लाई, खेल नीति में बदलाव जैसे मुद्दों पर स्थगन और ध्यानाकर्षक प्रस्ताव दिए जाएंगे।

इसके अलावा सीईटी, भर्तियों के पेपर लीक, वेटरनरी सर्जन भर्ती घोटाले, लटकी पड़ी भर्तियों, कौशल रोजगार निगम की कच्ची भर्तियों में आरक्षण की अनदेखी, फसलों के मुआवजा, धान व अन्य फसलों की एमएसपी पर खरीद ना होना, खाद और बीज की कमी, बढ़ते नशे, बेरोजगारी के चलते युवाओं के पलायन, पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारों के हनन, गरीब लोगों के बीपीएल कार्ड काटने, कृषि मंत्री के किसानों बारे शर्मनाक बयान, स्वास्थ्य मंत्री द्वारा अपने विभाग का काम छोड़ने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रस्ताव दिए जाएंगे।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पार्टी विधायकों द्वारा उठाए जाने वाला हर मुद्दा सीधे आम जनता से जुड़ा है। लेकिन हमेशा की तरह सरकार इनपर जवाबदेही से बचती हुई नजर आ रही है। अगर सरकार के पास इन तमाम नाकामियों का जवाब है तो उसे विधानसभा सत्र की अवधि को और बढ़ाना चाहिए। इस मांग को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में भी पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा।

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