– राज्य चुनाव आयोग की एडिशनल सीईओ हेमा शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ निर्वाचन पंजीयन अधिकारियों (ईआरओ)का ट्रेनिंग प्रोग्राम

– गुरुग्राम मंडल के आयुक्त आरसी बिढ़ान ने भी प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे निर्वाचन पंजीयन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश

– संयुक्त आयुक्त शंभू राठी ने प्रशिक्षण के दौरान निर्वाचन पंजीयन अधिकारियों को विस्तार से दी ईआरओ 2.0 सॉफ्टवेयर की जानकारी

गुरूग्राम, 1 दिसंबर। हरियाणा की अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी हेमा शर्मा ने कहा कि निर्वाचन पंजीयन अधिकारी सभी दस्तावेजों का अच्छी तरह सत्यापन करवाने के पश्चात ही किसी आवेदक के मतदाता सूची के लिए दी गई आपत्ति या दावे को स्वीकृति प्रदान करें। केवल आधार कार्ड की बजाय वोट बनवाने के लिए दो व्यक्तिगत पहचान पत्र लिए जाएं तो बेहतर रहेगा, खासतौर से गुरूग्राम जैसे महानगर में यह ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने यह बात शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में के कांफ्रेंस हॉल में विभिन्न जिलों से आए निर्वाचन पंजीयन अधिकारियों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कही। इससे पहले गुरुग्राम मंडल के आयुक्त आरसी बिढ़ान ने प्रशिक्षण शिविर को संबोधित किया और सभी निर्वाचन पंजीयन अधिकारियों को निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े आवश्यक निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इन दिनों निर्वाचन विभाग का मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान चल रहा है। इस अभियान में किसी व्यक्ति का वोट काटने से पहले एक बार उस आदमी को अपना पक्ष रखने का मौका अवश्य प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सभी निर्वाचन पंजीयन अधिकारी  यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके विधानसभा क्षेत्र की पांच जनवरी, 2024 को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची पूरी तरह से विशुद्ध हो और उसमें किसी प्रकार की त्रुटि बाकी ना रह जाए।

सभागार में निर्वाचन विभाग की ओर से पंजीयन अधिकारियों के लिए ईआरओ 2.0 वर्जन सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया गया। चंडीगढ़ यूटी के ज्वाइंट कमिश्नर शंभू राठी ने निर्वाचन पंजीयन अधिकारियों को यह ट्रेनिंग देते हुए कहा कि बीएलओ के पास वोट बनवाने के लिए फार्म 6, सूची में शुद्धिकरण के लिए फार्म 7 व वोट का स्थानांतरण करवाने के लिए फार्म 8 जमा करवाया जा रहा है। इसके अलावा एनवीएस पोर्टल पर ऑनलाईन भी फार्म अपलोड किए जाते हैं। इन सभी फार्मों का निवारण ईआरओ 2.0 सॉफ्टवेयर में ऑनलाईन किया जाएगा। इसके लिए निर्वाचन पंजीयन अधिकारी अर्थात इलेक् शन रजिस्ट्रेशन ऑफिसर अपनी स्वीकृति या नामंजूरी को सभी दस्तावेजों की जांच-पड़ताल करने के बाद ही प्रदान करें। कोई फॉर्म रिजेक्ट किया जाता है तो उसका कारण भी लिखें। किसी आवेदक को अपने कार्यालय में बुलाना है तो उसे अपने साथ कौन-कौन से दस्तावेज लेकर आने हैं, इसके बारे में भी लिखें। ईआरओ के बारे  में आमतौर पर आम जनता को पता नहीं होता, इसके लिए अपने पद का नाम जैसे एडीसी, एसडीएम, सीटीएम, डीडीपीओ, डीआरओ को स्पष्ट रूप से लिख दें, जिससे कि आम  नागरिक को आने में आसानी हो।

संयुक्त आयुक्त शंभू राठी ने कहा कि हमारा भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और इसकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पूरा करवाना भी गर्व की बात है। इसलिए हर एक निर्वाचन पंजीयन अधिकारी को जनप्रतिनिधि अधिनियम, रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टोरल रूल्स 1960, मैनुअल ऑफ इलेक्टोरल रोल 2023, कमीशन के नवीनतम दिशा-निर्देशों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक होमलेस व्यक्ति और किराए के मकान में रहने वाला नागरिक भी अपना वोट बनवा सकता है। वोट बनाते समय या निर्वाचन फार्म लेते समय यह ध्यान रखें कि आवेदक किसी दूसरे देश का नागरिक ना हो। भारत में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठिए या दूसरे देश की नागरिकता ले चुके किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल ना करें।

इस मौके पर गुरूग्राम के सोहना के एसडीएम प्रदीप सिंह, अटेली की एसडीएम वैशाली सिंह, गुरूग्राम के एसडीएम रविंद्र यादव, पटौदी के एसडीएम संदीप अग्रवाल, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, बावल के एसडीएम डा. जितेंद्र सिंह, एसडीएम नूंह अश्विनी कुमार, एसडीएम फिरोजपुर झिरका डा. चिनार चहल, मनीषा शर्मा, दादरी सीटीएम आशीष सांगवान इत्यादि मौजूर रहे।

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