सबके लिए फ्री और अच्छी शिक्षा का प्रावधान करें सीएम खट्टर: अरविंद केजरीवाल

सीएम खट्टर का बेटियों को मुफ्त शिक्षा का बयान केवल चुनावी ढकोसला: डॉ. सुशील गुप्ता

आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता से डरे सीएम खट्टर: डॉ. सुशील गुप्ता

फ्री शिक्षा सबका अधिकार, इसे दायरे में नहीं बांधना चाहिए: अनुराग ढांडा

प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को 25 और भाजपा को 9 साल दिए, लेकिन इन्होंने बच्चों की शिक्षा को कभी जरूरी नहीं समझा: अनुराग ढांडा

चंडीगढ़, 26 नवंबर – आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री खट्टर के एक लाख 80 हजार तक वार्षिक आय वाले परिवार की बेटियों को मुफ्त शिक्षा देने वाले बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिक्षा तो सबकी फ्री होनी चाहिए, पूरी फ्री होनी चाहिए और अच्छी होनी चाहिए। इस देश में पैदा होने लगे हर बच्चे को अच्छी और मुफ्त शिक्षा का अधिकार है।

प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता से डर गए हैं। दिल्ली में हुई शिक्षा क्रांति को देखते हुए हरियाणा के लोग भी दिल्ली जैसे स्कूलों और फ्री शिक्षा की माँग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री खट्टर चुनावों नौ साल में हरियाणा में शिक्षा के लिए कुछ भी नहीं कर सके, इसलिए आनन फ़ानन में शिक्षा पर चुनावी घोषणा कर रहे हैं। आज जब चुनाव में हार दिख रही है तो इनको शिक्षा याद आ रही है।

उन्होंने कहा कि ये सीएम खट्टर का चुनावी ढकोसला है। पिछले 9 साल से खट्टर सीएम की कुर्सी पर बैठे हैं। तब इन्होंने शिक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कदम क्यों नहीं उठाए। सीएम खट्टर फ्री शिक्षा की बात कर रहे हैं, जबकि हरियाणा में सरकारी में मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा है और सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता है। उसकी तरफ सीएम खट्टर ध्यान क्यों नहीं देते। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों को मूल-भूत सुविधाएं न मिलने पर शिक्षा विभाग पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा में भाजपा सरकार ने स्कूलों की कितनी दुर्दशा कर दी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन ही नहीं है। 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय नहीं है और 1047 स्कूलों में लड़कों के शौचालय नहीं है। इसके अलावा विद्यार्थियों के लिए 8240 क्लासरूम की जरूरत है और 30,000 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं।

वहीं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने कहा कि सीएम द्वारा वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार तक के परिवारों की बेटियों की फ्री शिक्षा को लेकर की गई घोषणा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि फ्री शिक्षा सबका अधिकार है, इसे दायरे में नहीं बांधना चाहिए।शिक्षा तो सबकी फ्री होनी चाहिए, पूरी फ्री होनी चाहिए और अच्छी होनी चाहिए। इस देश में पैदा होने वाले हर बच्चे का अच्छी शिक्षा का अधिकार है। आम आदमी पार्टी की सरकार में सबको मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं।

उन्होंने कहा कि गरीबों के बच्चे कैसे आगे बढें? उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को 25 और भाजपा को 9 साल दिए। इन दोनों पार्टियों ने बच्चों की शिक्षा को कभी जरूरी नहीं समझा। इन्होंने बच्चों के भविष्य को केवल अंधकार में धकेलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार एक तरफ तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और खुले में शौच मुक्त भारत जैसे नारे दे रही है, वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में शौचालय व पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है। इन सुविधाओं के लिए स्कूली बच्चों को मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कोर्ट के सामने सिर्फ आंकड़ों का खेल खेल रही है। धरातल पर कोई काम नहीं कर रही। एक तरफ भाजपा सरकार ”स्वच्छ भारत मिशन” का नारा देते हुए हर घर में शौचालय उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में यह हाल है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार हरियाणा की जनता को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ हर क्षेत्र में सुविधाएं देने में विफल साबित हुई है।

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