हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी पहुंचे थे पटौदी 

पंडाल में क्यों रही कुर्सियां खाली बन गया बड़ा सवाल 

ना तो 26/11 याद आया और ना ही संविधान दिवस 

फतह सिंह उजाला 

पटौदी 27 नवंबर । … क्या कुर्सियां भी सुर्खियां बन सकती हैं ? जी हां यह बिल्कुल सही है, खाली कुर्सियां भी सुर्खियां बन गई । वह भी तब जब दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष का आगमन हो । 

एक दिन पहले संडे को हरियाणा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नायब सिंह सैनी पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के चाय के निमंत्रण पर पटौदी क्षेत्र में पहुंचे थे । मौका भी दोहरा था, संडे को ही पीएम मोदी के द्वारा मन की बात कहने और भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा सुनने का भी कार्यक्रम था । इसी कड़ी में 26 नवंबर वह तिथि है जिस दिन देश पर सबसे बड़ा आतंकी हमला मुंबई में हुआ था। इतना ही नहीं 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है । सबसे खास बात यह है कि केंद्र में भाजपा दो कि सरकार के मुखिया पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा अपना दूसरा कार्यकाल भी संविधान की शपथ लेते हुए और संविधान की पुस्तक के आगे नतमस्तक होकर किया गया।

संडे को हरियाणा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नायब सिंह सैनी दूसरी बार पटौदी क्षेत्र में पहुंचे । मन की बात कार्यक्रम में शामिल होने के उपरांत सैनी जाटोली अनाज मंडी में सभा सहित भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए पहुंचे। जिस समय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जाटोली अनाज मंडी के आयोजन स्थल पर पहुंचे, उस समय तक अधिकांश कुर्सियां लोगों के आने का इंतजार करती रही । लेकिन कुर्सियों के मन की इच्छा पूरी नहीं हो सकी । हालात यहां तक देखे गए की भाजपा के कद्दावर नेताओं के मंचासीन रहते हुए आयोजन स्थल से कुर्सियां समेटना आरंभ कर दिया गया। 

हैरानी इस बात को लेकर है कि आखिर ऐसा क्या हुआ की कुर्सियां खाली ही रह गई ? इसके उलट जब भी भाजपा का पन्ना प्रमुख की बैठक जैसा आयोजन होता है तो आयोजन स्थल भरा हुआ दिखाई देता है । 26 नवंबर संडे को भाजपा नेताओं को न तो संविधान दिवस याद रहा और नहीं मुंबई आतंकी हमले पर कुछ बोलना जरूरी समझा । मुंबई के आतंकी हमले में आतंकवादियों से लोहा लेकर उनके नापाक इरादों को नाकाम करने वालों में पटौदी क्षेत्र के ही देहात का रहने वाला बेस्ट कमांडो सुनील यादव भी शामिल था। इसी कड़ी में भाजपा नेताओं के ही समर्थक भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के आगमन पर दूरी बनाए रहे । अब यह भाजपा और भाजपा नेताओं के लिए सवाल के साथ चिंतन और मंथन का विषय भी है कि ऐसा क्या कारण रहा खाली कुर्सियों सुर्खियां बन गई !

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