– बैठक में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमैंट रूल्स के प्रभावी कार्यान्वयन तथा सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने का किया गया आह्वान
– बैंक्वेट हॉल, होटल व रेस्टोरेंट संचालक ठोस कचरा प्रबंधन नियम के तहत कचरा निष्पादन की जिम्मेदारी निभाएं
– महीने में कम से कम जीरो वेस्ट 4 कार्यक्रमों का जरूर करें आयोजन
– ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान के तहत लकड़ी व कोयला युक्त तंदूर भट्टी का ना करें उपयोग तथा किसी भी प्रकार के कचरा ना जलाएं  

गुरूग्राम, 16 नवम्बर। नगर निगम गुरूग्राम की पर्यावरण एवं स्थिरता विंग के नोडल अधिकारी संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) डा. नरेश कुमार ने वीरवार को गुरूग्राम में स्थित बैंक्वेट हॉल, होटल व रेस्टोरेंट संचालकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

बैठक में उन्होंने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमैंट रूल्स के प्रभावी कार्यान्व्यन तथा सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग को बंद करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अधिसूचित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमैंट रूल्स की पालना करना सभी के लिए अनिवार्य है। इसके तहत प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग करना दंडनीय अपराध है। अगर कोई व्यक्ति इनका उपयोग करता है, तो उस पर नियमानुसार भारी जुर्माना लगाने के साथ ही अन्य कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक मानव व जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिए घातक है तथा हम सभी को मिलकर इसके उपयोग को खत्म करने की दिशा में कार्य करना होगा। सरकार द्वारा प्रत्येक संस्थान व व्यक्ति की जिम्मेदारियां निश्चित की गई हैं, जिनकी पालना करना अनिवार्य है।

डा.नरेश कुमार ने कहा कि आप सभी को पता है कि प्रतिदिन 50 किलोग्राम या इससे अधिक कचरा उत्पन्न करने वालों को ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के तहत बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे कचरा उत्पादकों को मेरा कचरा मेरी जिम्मेदारी की भावना का पालन करना अनिवार्य है। बल्क वेस्ट जनरेटर अपने यहां उत्पन्न होने वाले कचरे को अलग-अलग श्रेणियों जैसे गीला, सूखा व हानिकारक श्रेणी में रखें। गीले कचरे से अपने परिसर में ही खाद तैयार करके उसका उपयोग हरियाली बढ़ाने में करें तथा सूखा व हानिकारक कचरा अधिकृत रिसायकलर को सौंपें।

उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में रिवाईज्ड ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान लागू किया हुआ है। इसके तहत प्रदूषण बढ़ाने वाली कई गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने बैंक्वेट हॉल, होटल व रेस्टोरेंट संचालकों से कहा कि वे अपने यहां कोयला व लकड़ी युक्त तंदूर भट्टी का इस्तेमाल ना करें और ना ही अपने यहां से निकलने वाले कचरे में आग लगाएं।

उन्होंने बताया कि नगर निगम गुरूग्राम नियमों की अवहेलना करने वालों पर कड़ी नजर रख रहा है। इसके तहत अब तक 200 व्यक्तियों के चालान करके उन पर 23 लाख 88 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने बताया कि नगर निगम गुरूग्राम द्वारा नियमों की गंभीरता से पालना की जा रही है। इसके तहत सडक़ों की मैकेनाईज्ड सफाई करवाने के साथ ही सडक़ों व पेड़ों पर ट्रिटिड पानी का छिडक़ाव लगातार जारी है। जगह-जगह पड़े बागवानी कचरे, ठोस कचरे तथा मलबे का उठान भी लगातार जारी है।

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