·        प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों की उच्चस्तरीय जांच हो – दीपेन्द्र हुड्डा
·        जहरीली शराब से हुई मौतों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उप-मुख्यमंत्री दें इस्तीफा– दीपेन्द्र हुड्डा
·        हरियाणा पूरे देश में शराब तस्करी का सेंटर बना – दीपेन्द्र हुड्डा
·        शराब तस्करी का संगठित अपराध सरकारी संरक्षण के बगैर फल-फूल नहीं सकता – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 15 नवंबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा में जहरीली शराब से बड़े पैमाने पर हुई मौतों के लिए सत्ता में बैठे लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बीजेपी-जेजेपी इस अपराध में बराबर की भागीदार और जिम्मेदार है। हरियाणा प्रदेश जहां दूध-दही का खाना था उसे बीजेपी-जेजेपी सरकार ने शराब, चिट्टा, हीरोइन, स्मैक और सिंथेटिक नशे का अड्डा बना दिया। उन्होंने उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री के पास शराब से जुड़ा महकमा है इसलिए जहरीली शराब से हुई मौतों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उप-मुख्यमंत्री इस्तीफा दें। क्योंकि, उनके पद पर रहते निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।   

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सत्ता के संरक्षण में नशा कारोबारी पूरे हरियाणा में खुली लूट मचाए हुए हैं। प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर अवैध शराब की स्मग्लिंग हो रही है। प्रदेश भर में शराब तस्करी का संगठित अपराध सरकारी संरक्षण के बगैर फल-फूल नहीं सकता। इतना ही नहीं, देश भर के अन्य राज्यों में जहां कहीं भी अवैध शराब पकड़ी जाती है, तो तस्करों के तार हरियाणा से जुड़े पाए जाते हैं। हरियाणा पूरे देश में शराब तस्करी का सेंटर बन गया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि आबकारी राजस्व का जो पैसा सरकारी तिजोरी में जाना चाहिए वो अवैध शराब के कारण शराब तस्करों और उनके आकाओं की तिजोरी में जा रहा है।

उन्होंने याद दिलाया कि कोरोना काल में भी बड़े पैमाने पर शराब तस्करी कर करोड़ों रुपये के शराब घोटाले को अंजाम दिया गया। सरकारी संरक्षण के बिना ऐसा कैसे हो सकता है। उस समय भी बीजेपी-जेजेपी सरकार ने पूरे मामले पर लीपा-पोती कर घोटालेबाजों को बचाने का काम किया और कोई कार्रवाई नहीं की। इससे साबित होता है कि हरियाणा में अवैध और जहरीली शराब सरकारी संरक्षण में बिक रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि इससे पहले नवंबर 2020 में पानीपत और सोनीपत में 30 से ज्यादा लोगों को जहरीली शराब के चलते अपनी जान गँवानी पड़ी थी। नवंबर 2022 में सोनीपत के कई लोगों की जान जहरीली शराब के चलते चली गई थी।

एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में नशा इस कदर बढ़ गया है कि नशे और नशे की ओवरडोज से होने वाली मौतों के मामले में हरियाणा ने पंजाब और हिमाचल को पीछे छोड़ दिया है। पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि 89 लोगों ने नशे के चलते खुदकुशी की है। नशे का इंजेक्शन लेते हुए युवाओं की मौत की खबरें आम हो गई हैं। बीजेपी-जेजेपी सरकार के मुखिया नशा कारोबारियों को बचाने के लिए आम जनता का अपमान करने से भी नहीं चूकते। इसका उदाहरण सिरसा में तब दिखा, जब एक बुजुर्ग महिला ने अपने बेटे की नशे से मौत को लेकर नशा कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में जनसंवाद में खुद मुख्यमंत्री से अनुरोध किया, तो मुख्यमंत्री खट्टर ने सरेआम बुजुर्ग महिला को अपमानित कर दिया।

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