दलित समाज को जातिवादियों और सामंतवादियों के खिलाफ़ एकजुट होने की अपील

चंडीगढ़/रोहतक, 13 नवंबर – मिशन एकता समिति की प्रदेश अध्यक्ष कांता आलडिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जातिवादियों और सामंतवादियों पर चमरवा डेरे की 300 बीघा ज़मीन पर कब्ज़ा करने और जान से मारने की धमकियां देने के आरोप लगाए है।

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा ज़मीन बचाने के लिए सड़कों और कानून के जरिए लडी जा रही लड़ाई इन दबंग जातिवादियों और सामंतवादियों की आंखों में चुभती है। जिस कारण यह मुझे समाज के लोगों में बदनाम कर डेरे से निकालना चाहते है और जान से मारने की धमकियां देकर मुझे दबाना चाहते है, लेकिन मैंने हमेशा निडरता और ईमानदारी से इन जातिवादियों और सामंतवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रोहतक ज़िले में बाबा मस्तनाथ अस्थल बोहर के नाम से प्रसिद्ध डेरा है, जिसकी गद्दी पर 300 वर्ष पूर्व बाबा मस्तनाथ विराजमान थे। उनके मठ में 900 बीघा पंचायती जमीन थी, जो किसी एक जाति की नहीं थी। बाबा मस्तनाथ ने अपने रहते अस्थल बोहर मठ में तीन परम्परा स्थापित की थी, जिनमें कनपाडा बाबा, नागा बाबा और औघड पीर बाबा शामिल थे, जो लाहौर कोर्ट के फैंसले अनुसार कुर्सी नामा में भी दर्ज है।

परंपराओं में दो कनपाडा बाबा और नागा बाबा जरनल जाति के साधु थे, जबकि औघड पीर बाबा दलित समाज (चमार जाति) से थे, जिनका इतिहास राजा गंगा सिंह बीकानेर के किले में भी स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। आज आठवी पीढ़ी में औघड मठ के कानूनी अधिकार प्राप्त महंत बाबा रमेश नाथ के पास है। शुरू से आज तक इस गद्दी पर सिर्फ चमार जाति का व्यक्ति ही महंत बनता आया है और सरकारी रिकॉर्ड में भी यह डेरा चमरवा डेरे के नाम से प्रसिद्ध है।

अब से तीन पीढ़ी पहले कनपाडा गद्दी के महंत हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री थे, जिन्होंने बाबा मस्तनाथ मठ की 600 बीघा जमीन अधिग्रहण करवा कर उसका सारा पैसा कनपाडा डेरे को ही दे दिया था। बाकी 300 बीघा जमीन पर आज भी कनपाडा गद्दी का ही कब्जा है, जिसमें दलित समाज के संतों की समाधियां बनी हुई थी, जिनको 3 मई 2020 को लॉकडाउन के दौरान दलित विरोधी जातिवादी और सामंतवादी बाबा बालक नाथ ने तुडवा दिया, जिसकी कानूनी और सड़कों पर औघड मठ द्वारा लड़ाई लडी जा रही है, जो इन जातिवादियों और सामंतवादियों को चुभ रही है।

उन्होंने कहा कि इसी कारण यह जातिवादी और सामंतवादी महंत मेरे और मेरे परिवार पर हमला कर मेरी हत्या कर सकते है। उन्होंने अपने समाज के के लोगों को अपने अपने तरीके से डेरे की जमीन बचाने और एकजुट होकर ईमानदारी से लड़ाई लड़ने की अपील की।

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