एचएसएससी और एचपीएससी ने नौकरी बेचने के बनाए नए रिकॉर्ड
जब आयोग से ही चला रहे हैं रैकेट तो फिर कोई भी भर्ती निष्पक्ष होने पर संदेह

चंडीगढ़, 11 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस  महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि  हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने सरकारी नौकरियां बेचने के नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। पारदर्शी भर्ती करने की दोनों ही आयोग की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। एचपीएससी से ही भर्ती गिरोह चलाने की पुष्टि अब ईडी ने भी कर दी है। ऐसे में सरकारी नौकरी नीलाम करने वाले दोनों आयोग को भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार द्वारा तुरंत प्रभाव से भंग किया जाना चाहिए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पुष्टि कर दी है कि 2021 में आयोजित डेंटल सर्जन भर्ती व हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) प्रारंभिक परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी। यह मामला एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर से उनके कार्यालय से ही 1.08 करोड़ रुपये नगदी की बरामदगी के बाद सामने आया था। इस मामले में राज्य सतर्कता ब्यूरो ने 3.30 करोड़ रुपये की नगद बरामद किए थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतना सब कुछ होने के बावजूद प्रदेश सरकार पहले दिन से ही एचपीएससी को क्लीन चिट देने में लगी हुई थी। इस मामले का दायरा बढ़ाने की बजाय इसे नागर और परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट स्कैन करने वाली फर्म के बीच ही समेट दिया था। जबकि, इस मामले के तार मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर एचपीएससी के चेयरमैन और सदस्यों तक भी जुड़े हुए थे। असली मास्टरमाइंड को बचाने के लिए भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने जांच को जानबूझकर छोटा कर दिया था।

कुमारी सैलजा ने कहा कि बिन पर्ची-बिन खर्ची का नारा सिर्फ जुमला ही रहा और यह नारा केवल जनता को गुमराह करने तक ही सीमित रहा। वर्ना नौकरियां देने का खेल कैसे खेला गया सब जानते है। इससे पहले भी एचएसएससी में कई बार नौकरियां बेचे जाने का खुलासा होता रहा है। आयोग के ही सुपरिंटेंडेंट, क्लर्क व अन्य स्टाफ पर मामला भी दर्ज हुआ। एचएसएससी में ही विधायक के परिवार द्वारा नौकरी खरीदे जाने का भी पर्दाफाश हुआ। जिस तरह की ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई, उससे साफ हो गया था कि नौकरियों की बोली लगती थी यानि नौकरियों की नीलामी चलती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नौकरियां सिर्फ पैसे वालों के लिए ही हैं। गरीब आदमी के लिए प्रदेश सरकार ढोंग रच रही है। इसलिए ही पढ़े-लिखे होनहारों को तो ग्रुप-डी और सी के फेर में उलझा दिया है। क्लास-1 व 2 की नौकरियां सिर्फ अपने चहेतों व करोड़ों देने वालों को दी जा रही हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि गठबंधन सरकार को एचपीएससी व एचएसएससी को तुरंत प्रभाव से भंग करना चाहिए। ओएमआर शीट से छेड़छाड़ के मामले में एचपीएससी के चेयरमैन व सदस्यों को भी आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए।