प्रदूषण के विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, पर्यावरण को शुद्ध रखना हम सबकी जिम्मेवारी – मुख्यमंत्री मनोहर लाल

प्रदूषण नियंत्रण में दिल्ली और पंजाब सरकार को हमसे सहयोग चाहिए तो हम तैयार हैं – मनोहर लाल

चंडीगढ़, 8 नवंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का मामला राजनीतिक विषय नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं, परंतु उन्हें कोई लाभ नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन में श्री अरविंद केजरीवाल और श्री भगवंत मान को यदि हरियाणा सरकार की सहायता चाहिए तो हम सहयोग देने के लिए तैयार हैं। 

मुख्यमंत्री आज पिंजौर में हॉट एयर बैलून सफारी का शुभारंभ करने उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है, जबकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हैं। इस समस्या के समाधान के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। 

पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हो रही 

पराली जलाने की घटनाओं के कारण प्रदूषण मामले के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विषय राजनीति का नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है, जबकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हैं। इस समस्या के समाधान के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। 

श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदूषण के कारण ऐसे हालात हो गए हैं कि कुछ स्थानों पर ऑफिस और स्कूल बंद करने की जरूरत पड़ी है। इसलिए वातावरण और हवा को शुद्ध रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण व पराली प्रबंधन में श्री अरविंद केजरीवाल और श्री भगवंत मान को यदि हरियाणा सरकार की सहायता चाहिए तो हम सहयोग देने के लिए तैयार हैं। 

हरियाणा ने पराली प्रबंधन के लिए उठाए कारगर कदम 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए कारगर कदम उठाए हैं। सरकार ने किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मशीनें उपलब्ध करवा रही है और सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि पराली का वाणिज्यिक उपयोग बढ़ाने के आवश्यकता है। एथेनॉल, एनर्जी प्लांट, ब्रिक्स इत्यादि में पराली के उपयोग की संभावनाओं को बढ़ाना होगा। 

मुख्यमंत्री ने किसानों से भी अपील की है कि वे पराली न जलाएं बल्कि उसका वाणिज्यिक उपयोग करें। इससे एक ओर जहां प्रदूषण से निजात मिलेगी, वहीं किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। 

You May Have Missed

error: Content is protected !!