भाजपा अपने इस 9 साल के शासन में अपनी संकीर्ण व विभाजनकारी वोट बैंक राजनीति की सोच की वजह से हरियाणा एक, हरियाणवी एक की दृष्टि ही विकसित नहीं कर पाईं।
भाजपा के तथाकथित आदर्श महापुरुष दीनदयाल उपाध्याय ने संत फतेहसिंह के साथ मिलकर जनसंघ के बैनर तले नए हरियाणा निर्माण के खिलाफ अनशन किया था।

पटौदी 1/11/2023 :- ‘द्वापर युग में अधर्म के विरुद्ध धर्म के लिए लड़े गए महाभारत की और गीता संदेश की धरती हरियाणा तथा हरित एवं श्वेत क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाला व पौराणिक एवं सांस्कृतिक विरासत की उद्गम स्थली, वीर, जवानों, मेधावी खिलाड़ियों, मेहनत व खेती की पावन भूमि वाला प्रदेश आज अपने सीने पर असंख्य घाव और दर्द लेकर अपना 58वां जन्मदिवस मना रहा है।’ उक्त बातें महिला कांग्रेस नेत्री ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि द्रौपदी के चीरहरण के परिणामस्वरूप जिस धरती पर महाभारत का युद्ध लड़ा गया, वहां कोख में बेटियों की हत्या के चलते आज लिंगानुपात 876 के शर्मनाक आंकड़े तक गिर गया है। इस बीजेपी राज में आम आदमी सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार से त्रस्त है, जो जन्म प्रमाण-पत्र से शुरू हो कर मृत्यु प्रमाण-पत्र तक उसका पीछा नहीं छोड़ रहा, जबकि कांग्रेस राज में प्रदेश फलता फूलता, तरक्की की राह पर बढ़ता रहा और आपसी भाईचारा बना रहा।

वर्मा ने कहा कि प्रदेश को बेरोजगारी, अपराध, किसान आत्महत्याओं में नंबर वन बनाने वाली इस बीजेपी सरकार का विकसित हरियाणा बनाने में किंचित मात्र सहयोग न होने के बावजूद भी आज तबादलों और तैनाती में भी भ्रष्टाचार लाने वाले ये लोग आधुनिक हरियाणा निर्माण का झूठा श्रेय लेने की बेशर्मी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश बीजेपी के कुशासन का दंश झेल रहा है, आजादी के बाद बीजेपी राज में पहली बार जातीय और धार्मिक हिंसाएं हुई जिससे यहां का आपसी भाईचारा तार तार हो गया।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि प्रदेश को नशे की तरफ धकेलने वाले खट्टर को आज हरियाणा दिवस पर जश्न नहीं बल्कि प्रदेश के बदतर हालातों पर चिंतन, मनन और मंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 4 लाख करोड़ के कर्ज तले दबा प्रदेश का आज हर नवजात बच्चा 6 लाख का कर्ज अपने सर पर लेकर पैदा हो रहा है, प्रदेश सरकार की अकर्मण्यता और अनुभवहीनता की भेंट चढ़ा कर्ज ग्रस्त और बीमारू प्रदेश हरियाणा कैसे आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य दे पाएगा ये एक यक्ष प्रश्न है?
सुनीता वर्मा ने कहा कि खट्टर के अंत्योदय के दिखाए सपनों के बीच अपने खेत और खलिहानों को बेच कर रोजगार की तैलाश में गैरकानूनी रूप से विदेशों में पलायन करते युवा, कर्मचारियों के अभाव में खाली होते सभी सरकारी महकमे, बंद होते उद्योग धंधे, खत्म होते निवेश, लीक होते प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपरों तथा घोटालों और हादसों की जद में बेशर्म बीजेपी सरकार के अलावा आज कोई जश्न मना ही नही सकता, क्या सरकार बता सकती है की प्रदेशवासी आज किस बात का जश्न मनाएं? उन्होंने कहा कि इस बीजेपी राज में ग्राम पंचायतों के संवैधानिक अधिकारों को खत्म किया जा रहा है, किसान, कर्मचारी, व्यापारी, खिलाड़ी, गरीब, मजदूर आज न्याय पाने और अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए सड़कों पर आंदोलन कर रहा है, फिर वो कैसे अपने प्रदेश का जन्म दिवस का उत्सव मनाए ये बताए खट्टर सरकार? बढ़ते अपराध, असुरक्षा, अशांति व सरकार प्रायोजित अराजक माहौल के बीच कैसा जश्न?

वर्मा ने कहा कि सरकार को जश्न मनाने की बजाए प्रदेश वासियों से अपने कुशासन की वजह से माफी मांगनी चाहिए।

error: Content is protected !!